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नारायण-इंद्रपुरी के बीच रेलवे पुल बना विवाद का मुद्दा, टू व्हीलर के लिए रास्ता बंद करने पर लोगों में आक्रोश - Narayan Indrapuri railway bridge - NARAYAN INDRAPURI RAILWAY BRIDGE

Narayan Indrapuri railway bridge: दिल्ली के नारायणा और इंद्रपुरी को जोड़ने वाले रेलवे पुल को लेकर यहां के आसपास के कई क्षेत्रों के लोगों के बीच आक्रोश है. क्योंकि रेलवे प्रशासन द्वारा यहां टू व्हीलर के लिए रास्ता बंद करने का निर्णय लिया गया है. जबकि, 4 साल पहले यहां रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने टू व्हीलर के लिए पुल बनाने का आश्वासन दिया था.

नारायण-इंद्रपुरी के बीच रेलवे पुल बना विवाद का मुद्दा
नारायण-इंद्रपुरी के बीच रेलवे पुल बना विवाद का मुद्दा (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 4, 2024, 4:55 PM IST

नई दिल्ली: नारायणा और इंद्रपुरी को जोड़ने वाले रेलवे पुल पर टू व्हीलर के लिए रास्ता बंद करने का मसला एक बार फिर से जोर पकड़ता जा रहा है. दरअसल, 4 साल पहले टू व्हीलर के लिए इस पुल को बंद कर दिया गया था, लेकिन रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के आश्वासन के बाद लोग शांत बैठ गए थे. अब लोगों को पता चला कि यह पुल फिर से टू व्हीलर के लिए नहीं खुलेगा तो इस बात से नाराज लोग फिर से रेलवे प्रशासन के खिलाफ खड़े हो गए हैं.

नारायणा और इंद्रपुरी के बीच रेलवे लाइन है और यहां इंद्रपुरी हाल्ट बनाया गया है. जिस पर रेलवे का एक पुल काफी पुराना है. दोनों ही तरफ की दर्जनों कॉलोनी में रहने वाले हजारों लोग इस पुल के माध्यम से आते जाते रहे हैं. लेकिन इतने सालों तक टू व्हीलर से भी लोगों का आना-जाना रहा, लेकिन 2020 में रेलवे ने टू व्हीलर वालों के लिए रास्ता बंद कर दिया और यह रास्ता सिर्फ पैदल चलने वालों के लिए बना दिया. तब से अब तक स्थानीय लोगों की लड़ाई जारी है.

जमीन देने में देरी होने से टेंडर कैंसिलः 2022 में जब राजेंद्र नगर विधानसभा का उपचुनाव हुआ तो लोगों की इसी डिमांड को देखते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी इस पुल को देखने आए और स्थानीय लोगों से यह वादा करके गए कि इस पुल को टू व्हीलर्स के लिए भी बनाया जायेगा और तब टेंडर हुआ तो टेंडर में टू व्हीलर्स लिखा हुआ भी था, लेकिन पुल को दोबारा से बढ़ाकर बनाने के लिए एमसीडी की ओर से जमीन देने में देरी हुई. इस कारण टेंडर कैंसिल हो गया.

लोगों को हो रही भारी परेशानीः दोबारा से जून में टेंडर निकाला गया तो उस टेंडर की कॉपी में भी टू व्हीलर्स शब्द लिखा था, लेकिन महज चौबीस घंटे बाद ही टेंडर की कॉपी से टू व्हीलर्स शब्द हटा दिया गया. तब से दोनों इलाके के लोग नाराज और परेशान हैं. उनका कहना है कि आखिर उनके साथ छलावा क्यों किया गया, क्योंकि टू व्हीलर के लिए पुल को बंद करने के बाद से दोनों तरफ के लोगों को डेढ़ किलोमीटर की दूरी 5 से 6 किलोमीटर घूम कर तय करनी पड़ती है. और उस रास्ते पर ट्रैफिक भी अधिक होता और अक्सर जाम लगा रहता है.

ये भी पढ़ें : यमुना पर बन रहा रेल ब्रिज 26 साल बाद जून 2024 में बनकर होगा तैयार, अंग्रेजों ने 3 साल में बानाय था लोहे का पुल

टू व्हीलर पुल की मांग पर स्थानीय लोग अड़ेः लोगों की मांग है कि इस समस्या को जल्द दूर किया जाए और जब टू व्हीलर के लिए पुल को बनाना नहीं था तो 4 सालों से उन्हें धोखे में क्यों रखा गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर उनकी इस समस्या को जल्द दूर नहीं किया गया तो इस मुद्दे को वह चुनावी मुद्दा बनाएंगे. अपनी इस मांग को वे पूरी करवा कर रहेंगे क्योंकि दोनों इलाके की कॉलोनी में रहने वाले हजारों लोगों को इस पुल के टू व्हीलर के लिए बंद करने से काफी परेशानी हो रही है.

ये भी पढ़ें : यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, पुराने रेलवे पुल को किया गया बंद

नई दिल्ली: नारायणा और इंद्रपुरी को जोड़ने वाले रेलवे पुल पर टू व्हीलर के लिए रास्ता बंद करने का मसला एक बार फिर से जोर पकड़ता जा रहा है. दरअसल, 4 साल पहले टू व्हीलर के लिए इस पुल को बंद कर दिया गया था, लेकिन रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के आश्वासन के बाद लोग शांत बैठ गए थे. अब लोगों को पता चला कि यह पुल फिर से टू व्हीलर के लिए नहीं खुलेगा तो इस बात से नाराज लोग फिर से रेलवे प्रशासन के खिलाफ खड़े हो गए हैं.

नारायणा और इंद्रपुरी के बीच रेलवे लाइन है और यहां इंद्रपुरी हाल्ट बनाया गया है. जिस पर रेलवे का एक पुल काफी पुराना है. दोनों ही तरफ की दर्जनों कॉलोनी में रहने वाले हजारों लोग इस पुल के माध्यम से आते जाते रहे हैं. लेकिन इतने सालों तक टू व्हीलर से भी लोगों का आना-जाना रहा, लेकिन 2020 में रेलवे ने टू व्हीलर वालों के लिए रास्ता बंद कर दिया और यह रास्ता सिर्फ पैदल चलने वालों के लिए बना दिया. तब से अब तक स्थानीय लोगों की लड़ाई जारी है.

जमीन देने में देरी होने से टेंडर कैंसिलः 2022 में जब राजेंद्र नगर विधानसभा का उपचुनाव हुआ तो लोगों की इसी डिमांड को देखते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी इस पुल को देखने आए और स्थानीय लोगों से यह वादा करके गए कि इस पुल को टू व्हीलर्स के लिए भी बनाया जायेगा और तब टेंडर हुआ तो टेंडर में टू व्हीलर्स लिखा हुआ भी था, लेकिन पुल को दोबारा से बढ़ाकर बनाने के लिए एमसीडी की ओर से जमीन देने में देरी हुई. इस कारण टेंडर कैंसिल हो गया.

लोगों को हो रही भारी परेशानीः दोबारा से जून में टेंडर निकाला गया तो उस टेंडर की कॉपी में भी टू व्हीलर्स शब्द लिखा था, लेकिन महज चौबीस घंटे बाद ही टेंडर की कॉपी से टू व्हीलर्स शब्द हटा दिया गया. तब से दोनों इलाके के लोग नाराज और परेशान हैं. उनका कहना है कि आखिर उनके साथ छलावा क्यों किया गया, क्योंकि टू व्हीलर के लिए पुल को बंद करने के बाद से दोनों तरफ के लोगों को डेढ़ किलोमीटर की दूरी 5 से 6 किलोमीटर घूम कर तय करनी पड़ती है. और उस रास्ते पर ट्रैफिक भी अधिक होता और अक्सर जाम लगा रहता है.

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टू व्हीलर पुल की मांग पर स्थानीय लोग अड़ेः लोगों की मांग है कि इस समस्या को जल्द दूर किया जाए और जब टू व्हीलर के लिए पुल को बनाना नहीं था तो 4 सालों से उन्हें धोखे में क्यों रखा गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर उनकी इस समस्या को जल्द दूर नहीं किया गया तो इस मुद्दे को वह चुनावी मुद्दा बनाएंगे. अपनी इस मांग को वे पूरी करवा कर रहेंगे क्योंकि दोनों इलाके की कॉलोनी में रहने वाले हजारों लोगों को इस पुल के टू व्हीलर के लिए बंद करने से काफी परेशानी हो रही है.

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