जोधपुर. 'राई का बाग नहीं राईका बाग करो स्टेशन का नाम', यह कहना है राईका देवासी समाज के लोगों का. समाज का कहना है कि इसको लेकर रेलवे के अधिकारियों के साथ कई बार वार्ता हुई है, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला. इसलिए अब 1 जुलाई को आंदोलन किया जाएगा. आंदोलन में राजस्थान के अलावा विभिन्न राज्यों से समाज के लोग पहुंचेंगे और विरोध-प्रदर्शन करेंगे.
समाज के पदाधिकारियों ने बताया कि कई बार बताने के बावजूद केंद्र सरकार का रेलवे विभाग रेलवे स्टेशन का नाम सही नहीं कर रहा है. यह समाज का अपमान है. इसलिए आंदोलन का निर्णय लिया गया है. उल्लेखनीय है कि राईका बाग पैलेस का निर्माण सन् 1663-64 में महाराजा जसवंत सिंह प्रथम की हाड़ी रानी 'जसरंग दे' ने करवाया था. इसके बाद रेलवे ने यहां स्टेशन का नाम राई का बाग पैलेस जंक्शन रखा था.
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अलग शब्द से राई मसाला लगता है, लेकिन यह समाज से जुड़ा शब्द है : समाज के लाल सिंह राईका ने बताया कि राई का बाग लिखा होने से यह लगता है कि यहां राई मसाले का बाग है. जबकि हकीकत में यह राईका देवासी समाज से जुड़ा है. समाज के आसुराम राईका से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने अपनी जमीन जोधपुर की रानी को बाग बनाने के ली दी थी. आसुराम ने रानी को इस जगह का नाम राईका बाग रखने को कहा था. इसके बाद से इस जगह को राईका बाग ही कहा जाने लगा, लेकिन रेलवे ने स्टेशन का नाम राईका बाग की जगह राई का बाग कर दिया. इसको लेकर लंबे समय से हम पत्राचार कर रहे हैं, लेकिन रेलवे इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है. इससे पूरे समाज की भावना आहत हो रही है.
स्टेशन पर मूर्ति लगाने की भी मांग : समाज के लोगों ने बताया कि स्टेशन के अलावा भी कई जगह पर नाम सही नहीं लिखा गया है. इसे भी ठीक करना होगा.
केंद्रीय उन विकास बोर्ड के चेयरमैन गोरधन राम राईका ने बताया कि उन्होंने केंद्र सरकार से रेलवे स्टेशन के बाहर आसुराम की प्रतिमा लगाने, स्टेशन का नाम सही तरीके से राईका बाग स्टेशन करने की मांग की है. इसके अलावा समाज की पेंटिंग भी लगाने की मांग की है.