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जब महुआ बीन रही महिलाओं के पास अचानक रुका राहुल गांधी का काफिला, महिलाओं से की बातचीत - Rahul Gandhi Shahdol visit - RAHUL GANDHI SHAHDOL VISIT

सोमवार को शहडोल जिले के दौरे पर रहे राहुल गांधी मंगलवार की सुबह जब उमरिया जिले की तरफ जा रहे थे. उसी दौरान राहुल ने महुआ के फूल बीन रही महिलाओं के पास अपना काफिला रोक दिया और उन महिलाओं से काफी देर तक बातचीत भी की. हेलीकॉप्टर का फ्यूल खत्म होने के कारण राहुल को शहडोल में अचानक रात गुजारनी पड़ी थी.

Rahul Gandhi Shahdol visit
जब महुआ बीन रही महिलाओं के पास अचानक रुका राहुल गांधी का काफिला
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 9, 2024, 1:32 PM IST

Updated : Apr 9, 2024, 3:02 PM IST

जब महुआ बीन रही महिलाओं के पास अचानक रुका राहुल गांधी का काफिला

शहडोल। सोमवार को राहुल गांधी शहडोल जिले के दौरे पर रहे. जहां उन्होंने शहडोल के बाणगंगा मेला मैदान में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया. इसके बाद उनका हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पाया और इसी वजह से राहुल को अचानक शहडोल में ही रात गुजारनी पड़ी. इसके बाद राहुल मंगलवार सुबह 5:00 बजे उमरिया जिले के लिए रवाना हो गए. शहडोल से उमरिया जाने के दौरान राहुल गांधी ने महुआ के फूल बटोर रही महिलाओं को देखकर अपना काफिला रुकवा दिया. फिर वहां उतरकर उन महिलाओं से राहुल गांधी ने काफी देर तक बातचीत भी की. इसके बाद वह उमरिया जिले से हेलीकॉप्टर के जरिए दिल्ली के लिए रवाना हो गए. बता दें की महुआ आदिवासी अंचल में महिलाओं का संकट मोचक माना जाता है क्योंकि महुआ की वजह से महिलाओं को आमदनी होती है.

महुआ के फूलों को देखकर राहुल ने रुकवाया अपना काफिला

राहुल गांधी जब सुबह-सुबह शहडोल जिले से होते हुए सड़क मार्ग के जरिए उमरिया जिले के लिए जा रहे थे उसी दौरान रास्ते में महुआ के पेड़ पड़ते हैं और यह मौसम महुआ के फूल का है. सुबह-सुबह ही क्षेत्र की आदिवासी महिलाएं महुआ के फूल बटोरने के लिए महुआ के पेड़ों के पास पहुंच जाती हैं. महुआ के फूल बटोरते लोगों को देखकर राहुल गांधी ने अचानक अपना काफिला रुकवा दिया और रास्ते में ही महुआ के फूल बटोर रही महिलाओं से संवाद करने लगे.

महिलाओं से जानी महुआ की खासियत

इस दौरान राहुल गांधी ने उन महिलाओं से उनका हालचाल जाना. राहुल ने महिलाओं से महुआ की खासियत के बारे में जाना, महुआ से क्या-क्या व्यंजन तैयार किये जा सकते हैं. साथ ही महुआ से किस तरह से उनकी कमाई होती है और इसमें और क्या कुछ किया जा सकता है. इन सबके बारे में राहुल गांधी ने महिलाओं से जाना. इसके बाद वह उमरिया के लिए रवाना हो गए.

Rahul Gandhi Shahdol visit
आदिवासी अंचल के लिए वरदान है महुआ

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माता-पिता कट्टर कांग्रेसी नेता मगर बेटी की किस्मत BJP ने बदली, दिलचस्प है हिमाद्री का पॉलिटिकल एंट्री

महिलाओं का 'बटुआ' है महुआ

बता दें कि, महुआ के फूल आदिवासी महिलाओं के लिए एक तरह से बटुआ का काम करता है क्योंकि ज्यादातर महुआ के फूल और फल को लेने के लिए आदिवासी महिलाएं ही जाती हैं और उसे बेंचने के लायक तैयार करती हैं.

महुआ से बनते हैं कई स्वादिष्ट व्यंजन

बता दें कि महुआ के फूल से कई तरह के व्यंजन भी बनाए जाते हैं और आदिवासी अंचल के ग्रामीण क्षेत्र में यह काफी फेमस भी है. आदिवासी अंचल की ग्रामीण महिलाएं बताती हैं कि महुआ के फूलों से मौहरी बनाई जाती है, इसके अलावा कुछ महिलाएं बताती हैं कि लाटा भी बनाया जाता है. जो काफी स्वादिष्ट होता है और भी कई अलग-अलग व्यंजन महुआ के फूल से तैयार किए जाते हैं.

जब महुआ बीन रही महिलाओं के पास अचानक रुका राहुल गांधी का काफिला

शहडोल। सोमवार को राहुल गांधी शहडोल जिले के दौरे पर रहे. जहां उन्होंने शहडोल के बाणगंगा मेला मैदान में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया. इसके बाद उनका हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पाया और इसी वजह से राहुल को अचानक शहडोल में ही रात गुजारनी पड़ी. इसके बाद राहुल मंगलवार सुबह 5:00 बजे उमरिया जिले के लिए रवाना हो गए. शहडोल से उमरिया जाने के दौरान राहुल गांधी ने महुआ के फूल बटोर रही महिलाओं को देखकर अपना काफिला रुकवा दिया. फिर वहां उतरकर उन महिलाओं से राहुल गांधी ने काफी देर तक बातचीत भी की. इसके बाद वह उमरिया जिले से हेलीकॉप्टर के जरिए दिल्ली के लिए रवाना हो गए. बता दें की महुआ आदिवासी अंचल में महिलाओं का संकट मोचक माना जाता है क्योंकि महुआ की वजह से महिलाओं को आमदनी होती है.

महुआ के फूलों को देखकर राहुल ने रुकवाया अपना काफिला

राहुल गांधी जब सुबह-सुबह शहडोल जिले से होते हुए सड़क मार्ग के जरिए उमरिया जिले के लिए जा रहे थे उसी दौरान रास्ते में महुआ के पेड़ पड़ते हैं और यह मौसम महुआ के फूल का है. सुबह-सुबह ही क्षेत्र की आदिवासी महिलाएं महुआ के फूल बटोरने के लिए महुआ के पेड़ों के पास पहुंच जाती हैं. महुआ के फूल बटोरते लोगों को देखकर राहुल गांधी ने अचानक अपना काफिला रुकवा दिया और रास्ते में ही महुआ के फूल बटोर रही महिलाओं से संवाद करने लगे.

महिलाओं से जानी महुआ की खासियत

इस दौरान राहुल गांधी ने उन महिलाओं से उनका हालचाल जाना. राहुल ने महिलाओं से महुआ की खासियत के बारे में जाना, महुआ से क्या-क्या व्यंजन तैयार किये जा सकते हैं. साथ ही महुआ से किस तरह से उनकी कमाई होती है और इसमें और क्या कुछ किया जा सकता है. इन सबके बारे में राहुल गांधी ने महिलाओं से जाना. इसके बाद वह उमरिया के लिए रवाना हो गए.

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आदिवासी अंचल के लिए वरदान है महुआ

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महिलाओं का 'बटुआ' है महुआ

बता दें कि, महुआ के फूल आदिवासी महिलाओं के लिए एक तरह से बटुआ का काम करता है क्योंकि ज्यादातर महुआ के फूल और फल को लेने के लिए आदिवासी महिलाएं ही जाती हैं और उसे बेंचने के लायक तैयार करती हैं.

महुआ से बनते हैं कई स्वादिष्ट व्यंजन

बता दें कि महुआ के फूल से कई तरह के व्यंजन भी बनाए जाते हैं और आदिवासी अंचल के ग्रामीण क्षेत्र में यह काफी फेमस भी है. आदिवासी अंचल की ग्रामीण महिलाएं बताती हैं कि महुआ के फूलों से मौहरी बनाई जाती है, इसके अलावा कुछ महिलाएं बताती हैं कि लाटा भी बनाया जाता है. जो काफी स्वादिष्ट होता है और भी कई अलग-अलग व्यंजन महुआ के फूल से तैयार किए जाते हैं.

Last Updated : Apr 9, 2024, 3:02 PM IST
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