शाजापुर। राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा मंगलवार को मध्यप्रदेश के शाजापुर पहुंची. इस दौरान राहुल गांधी ने युवाओं को ध्यान अपनी ओर खींचा. बेरोजगारी का मुद्दा आक्रामक तरीके से उठा रहे राहुल गांधी अब पेपर लीक होने के मामलों को जोर-शोर से उठा रहे हैं. प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक होने पर राहुल गांधी ने कहा "पेपर लीक उत्तर प्रदेश ही नहीं, देशभर के युवाओं के लिए अभिशाप बन गया है. पिछले 7 वर्षों में ही 70 से अधिक पेपर लीक के मामलों ने 2 करोड़ से अधिक छात्रों का सपना तोड़ा है. इससे न सिर्फ भविष्य निर्माण के कीमती वर्ष बर्बाद हो रहे हैं बल्कि उनके परिवारों पर भी आर्थिक और मानसिक बोझ पड़ रहा है. "
सरकार, भ्रष्ट अधिकारी व नकल माफिया ने गठजोड़ बनाया
राहुल गांधी ने कहा "लापरवाह सरकार, भ्रष्ट अधिकारी, नकल माफिया और निजी प्रिंटिंग प्रेसों के आपराधिक गठजोड़ को खत्म कर हर स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित करने की ज़रूरत है. जब मैंने छात्रों से बातचीत की तो उन्होंने मुझे बताया कि पेपर लीक की तीन मुख्य वजह हैं. बिका हुआ सरकारी तंत्र, निजी प्रिंटिंग प्रेस और भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुके अधीनस्थ सेवा चयन आयोग. सभी से मिले सुझावों को मिला कर कांग्रेस युवाओं की भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए एक ठोस और फूलप्रूफ प्लान तैयार कर रही है, और बहुत जल्द हम आपके सामने अपना विज़न रखेंगे. हम छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे. युवाओं का भविष्य INDIA की प्राथमिकता है. गरीबों के बच्चे कई साल मेहनत कर पढ़ाई करते हैं. लेकिन जैसे ही परीक्षा केंद्र में पेपर देने जाते हैं, तो वहां अमीरों के बच्चों के पास मोबाइल में पहले से ही पेपर आ जाता है. परीक्षा का पेपर लीक हो जाता है. यानी आज गरीबों के बच्चों के लिए सारे रास्ते बंद कर दिए गए हैं. "
पेपर लीक मामले में उत्तरप्रदेश का रिकॉर्ड शुरू से खराब
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में साल 2024 के शुरू के दो माह में ही 2 बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए. इससे लाखों छात्रों का समय व पैसा बर्बाद हुआ है. उनके भविष्य पर संकट मंडरा रहा है. हाल ही में उत्तरप्रदेश में पेपर लीक के तीन बड़े मामले हुए. यूपी में पहले पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ. इसके बाद कुछ दिन बीते कि समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया. अब 29 फरवरी को आगरा में इंटरमीडिएट के गणित और जीव विज्ञान का पेपर लीक हो गया. बता दें कि यूपी पेपर लीक के मामले में बदनाम है.
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राजस्थान ने पेपर लीक मामलों में रिकॉर्ड तोड़ा
पेपर लीक के मामले में राजस्थान ने अन्य प्रदेशों को बहुत पीछे छोड़ दिया है. राजस्थान में ये सिललिसा 2013 से शुरू हुआ तो 2021 तक लगातार चला. राजस्थान में साल 2013 में आरपीएससी की 978 पदों के लिए भर्ती के लिए एग्जाम हुआ लेकिन अगले साल पेपर लीक की बात साबित होने पर एग्जाम रद्द कर दिया गया. इसके बाद साल 2011 में भी आरपीएससी का एग्जाम हुआ तो फिर पेपर लीक हो गया. बाद में पूरी परीक्षा ही रद्द करनी पड़ी. साल 2018 में कांस्टेबल भर्ती के लिए एग्जाम हुआ तो फिर पेपर लीक हो गया और फिर एग्जाम रद्द करना पड़ा. साल 2018 में लाइब्रेरियन भर्ती का पेपर लीक हो गया. इस परीक्षा को भी रद्द करना पड़ा. साल 2019 से लेकर 2021 के बीच भी तीन भर्ती परीक्षा के पेपर आउट हो गए.