रांची: राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा लेकर दूसरी बार 14 फरवरी को झारखंड की सीमा में प्रवेश करेंगे. छत्तीसगढ के बलरामपुर के रास्ते भारत जोड़ो न्याय यात्रा गढ़वा (झारखंड) की सीमा में प्रवेश करेगी. झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सोनाल शांति उर्फ रिंकू तिवारी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इसकी प्रबल संभावना है कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान 15 फरवरी को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल हों. उन्होंने कहा कि अभी तक राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यक्रम का डिटेल पार्टी मुख्यालय से नहीं आया है.
गढ़वा में जनसभा, नवाबाजार में रात्रि विश्राम करेंगे राहुल गांधी
झारखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता ने बताया कि रामानुजगंज के पास प्रदेश अध्यक्ष छत्तीसगढ़ के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से फ्लैग हैंडओवर लेंगे और झारखंड की सीमा से बिहार की सीमा में प्रवेश करते समय 15 फरवरी को हरिहरगंज में फ्लैग बिहार के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को सुपुर्द करेंगे. भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान 14 फरवरी को पलामू के नवा बाजार के पास नाइट हाल्ट का कार्यक्रम है. 14 फरवरी को बिश्रामपुर मोड़ के पास राहुल गांधी जनसभा करेंगे.
झारखंड में दो चरणों में है राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का कार्यक्रम
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा झारखंड राज्य की सीमा में दो चरणों में पूरी होनी है. भारत जोड़ों न्याय यात्रा के पहले चरण में पश्चिम बंगाल की सीमा से झारखंड के पाकुड़ जिले में 02 फरवरी को प्रवेश किया था. पाकुड़, दुमका, गोड्डा, देवघर, धनबाद, बोकारो, रामगढ़ होते हुए 05 फरवरी को रांची पहुंची थी. रांची में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने निवर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर जाकर उनकी पत्नी कल्पना सोरेन से मुलाकात की थी और उनका हौसला बढ़ाया था. उसके बाद धुर्वा HEC परिसर के शहीद मैदान में राहुल गांधी ने जनसभा की थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए उन्होंने HEC को बंद करने और इसे अपने मित्र अडानी को सौंपने की साजिश का आरोप भाजपा की सरकार पर लगाया था.
राहुल गांधी ने कहा था कि जब उनकी सरकार आएगी तो देश में जातीय जनगणना कराई जाएगी और ओबीसी को उचित भागीदारी दी जाएगी. राहुल गांधी ने तब पीएम मोदी के ओबीसी होने को लेकर भी सवाल उठाया था. रांची में जनसभा के बाद न्याय यात्रा खूंटी, गुमला, सिमडेगा होते हुए ओडिशा की सीमा में प्रवेश की थी.
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