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हिमाचल के इस नवोदय स्कूल में आया रैगिंग का मामला, 5 छात्रों को किया गया सस्पेंड - Raging in Jawahar Navodaya School - RAGING IN JAWAHAR NAVODAYA SCHOOL

Raging case in Jawahar Navodaya School: नवोदय स्कूल में रैगिंग का एक मामला सामने आया है. पीड़ित छात्रों ने फोन पर अभिभावकों से रैगिंग की शिकायत की. अभिभावकों ने इस मामले को स्कूल प्रशासन के समक्ष प्रमुखता से उठाया.

RAGING IN JAWAHAR NAVODAYA SCHOOL
जवाहर नवोदय स्कूल ठियोग (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 16, 2024, 10:24 PM IST

शिमला: ठियोग के नवोदय स्कूल में रैगिंग का एक मामला सामने आया है. अभिभावकों की शिकायत पर प्रशासन ने 15 दिनों के लिए 5 छात्रों को सस्पेंड कर दिया है. जानकारी के मुताबिक शिमला शहर के जवाहर नवोदय स्कूल में 5 छात्रों की रैगिंग की गई है. यह घटना बीते 13 जुलाई की रात करीब 11 बजे की बताई जा रही है. 12वीं क्लास के पांच छात्र हॉस्टल में 10वीं के छात्रों के कमरे में गए और उन्हें कपड़े धोने को कहा गया.

10वीं क्लास के कुछ छात्रों ने जब कपड़े धोने से इनकार कर दिया तो सीनियर छात्रों ने बारी-बारी उनकी पिटाई शुरू कर दी. पीड़ित छात्रों ने सीनियर छात्रों पर पैसे मांगने का भी आरोप लगाया है. मामला तूल पकड़ते देख स्कूल प्रबंधन ने दोषी छात्रों को 15 दिनों के लिए निष्कासित कर दिया है.

इस तरह से सामने आया मामला

जानकारी के मुताबिक 13 जुलाई को रात में 2 छात्र हॉस्टल से भागे और स्कूल परिसर में लगे टेलिफोन बूथ से एक छात्र ने अपने पिता को फोन करके घटना की पूरी जानकारी दी. बेटे का फोन काटते ही पिता ने इसकी जानकारी हाउस टीचर को दी मगर हाउस टीचर उस वक्त छुट्टी पर थे.

ऐसे में पीड़ित के पिता ने उसी वक्त इसकी जानकारी स्कूल प्रिंसिपल संजीता शौनिक को दी. पांच मिनट में प्रिंसिपल ने खुद हॉस्टल पहुंचकर लड़ाई को रोका. एक अन्य छात्र के पिता नरेश ने बताया कि सीनियर छात्र कपड़े धोने को बोल रहे थे. इस वजह से मारपीट हुई है.

रैगिंग और मारपीट की घटना के बाद बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन पर सवाल उठाए हैं. अभिभावकों का कहना है कि वे अपने बच्चों को कई महीनों तक स्कूल प्रबंधन के भरोसे पर छोड़ते हैं. ऐसे में हॉस्टल वार्डन, हाउस टीचर और स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी है कि वह स्कूल में इस तरह की वारदातों को रोकें. अभिभावकों ने कहा जब आधी रात को 12वीं के छात्र 10वीं क्लास के हॉस्टल में आए तो हाउस टीचर और हॉस्टल वार्डन कहां थे?

अगर अभिभावकों को जानकारी नहीं मिलती तो इस मारपीट के परिणाम और भी गंभीर हो सकते थे. वहीं, ठियोग के SDM मुकेश शर्मा ने बताया "दोषी 5 छात्रों को 15 दिन के लिए स्कूल से निष्कासित कर दिया गया है."

जवाहर नवोदय स्कूल ठियोग की प्रिंसिपल संजीता शौनिक ने बताया "उन्होंने हॉस्टल पहुंचकर लड़ाई को रोका था. वार्डन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. स्थानीय प्रशासन और बच्चों के अभिभावकों से भी बातचीत की जा रही है. उन्होंने बताया कि ऑपरेशन क्लीन चलाकर सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में कोई भी छात्र स्कूल में रैगिंग और मारपीट की हिम्मत न कर पाए."

ये भी पढ़ें: जमीनी विवाद के चलते मंडी में बड़े भाई ने की छोटे भाई की हत्या, आरोपी ने थाने में किया सरेंडर

शिमला: ठियोग के नवोदय स्कूल में रैगिंग का एक मामला सामने आया है. अभिभावकों की शिकायत पर प्रशासन ने 15 दिनों के लिए 5 छात्रों को सस्पेंड कर दिया है. जानकारी के मुताबिक शिमला शहर के जवाहर नवोदय स्कूल में 5 छात्रों की रैगिंग की गई है. यह घटना बीते 13 जुलाई की रात करीब 11 बजे की बताई जा रही है. 12वीं क्लास के पांच छात्र हॉस्टल में 10वीं के छात्रों के कमरे में गए और उन्हें कपड़े धोने को कहा गया.

10वीं क्लास के कुछ छात्रों ने जब कपड़े धोने से इनकार कर दिया तो सीनियर छात्रों ने बारी-बारी उनकी पिटाई शुरू कर दी. पीड़ित छात्रों ने सीनियर छात्रों पर पैसे मांगने का भी आरोप लगाया है. मामला तूल पकड़ते देख स्कूल प्रबंधन ने दोषी छात्रों को 15 दिनों के लिए निष्कासित कर दिया है.

इस तरह से सामने आया मामला

जानकारी के मुताबिक 13 जुलाई को रात में 2 छात्र हॉस्टल से भागे और स्कूल परिसर में लगे टेलिफोन बूथ से एक छात्र ने अपने पिता को फोन करके घटना की पूरी जानकारी दी. बेटे का फोन काटते ही पिता ने इसकी जानकारी हाउस टीचर को दी मगर हाउस टीचर उस वक्त छुट्टी पर थे.

ऐसे में पीड़ित के पिता ने उसी वक्त इसकी जानकारी स्कूल प्रिंसिपल संजीता शौनिक को दी. पांच मिनट में प्रिंसिपल ने खुद हॉस्टल पहुंचकर लड़ाई को रोका. एक अन्य छात्र के पिता नरेश ने बताया कि सीनियर छात्र कपड़े धोने को बोल रहे थे. इस वजह से मारपीट हुई है.

रैगिंग और मारपीट की घटना के बाद बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन पर सवाल उठाए हैं. अभिभावकों का कहना है कि वे अपने बच्चों को कई महीनों तक स्कूल प्रबंधन के भरोसे पर छोड़ते हैं. ऐसे में हॉस्टल वार्डन, हाउस टीचर और स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी है कि वह स्कूल में इस तरह की वारदातों को रोकें. अभिभावकों ने कहा जब आधी रात को 12वीं के छात्र 10वीं क्लास के हॉस्टल में आए तो हाउस टीचर और हॉस्टल वार्डन कहां थे?

अगर अभिभावकों को जानकारी नहीं मिलती तो इस मारपीट के परिणाम और भी गंभीर हो सकते थे. वहीं, ठियोग के SDM मुकेश शर्मा ने बताया "दोषी 5 छात्रों को 15 दिन के लिए स्कूल से निष्कासित कर दिया गया है."

जवाहर नवोदय स्कूल ठियोग की प्रिंसिपल संजीता शौनिक ने बताया "उन्होंने हॉस्टल पहुंचकर लड़ाई को रोका था. वार्डन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. स्थानीय प्रशासन और बच्चों के अभिभावकों से भी बातचीत की जा रही है. उन्होंने बताया कि ऑपरेशन क्लीन चलाकर सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में कोई भी छात्र स्कूल में रैगिंग और मारपीट की हिम्मत न कर पाए."

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