कानपुर: हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) में रैंगिंग का मामला सामने आया है. एचबीटीयू के छात्रों का आरोप है कि बर्थडे पार्टी में बुलाकर सीनियर्स ने पहले कहा कि कपड़े उतारो. जब विरोध किया तो रैगिंग के नाम पर जमकर पीटा. मारपीट के दौरान एक छात्र का सिर फट गया, वहीं अन्य को गंभीर चोटें आई हैं. पीड़ितों की शिकायत पर आठ छात्रों के खिलाफ गुरुवार देर शाम कोनवाबगंज थाने में एफआईआर दर्ज करते हुए पुलिस ने फोर्थ ईयर के छात्र अभिषेक उपाध्याय और गुची को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि अन्य को अरेस्ट करने के लिए दबिश दी जा रही है.
छात्र गौरव चौहान की ओर से दी गई तहरीर में बताया गया कि उसे, यशविंदर और धीर शर्मा को सीनियर छात्र गोविंद सिंह ने अपनी बर्थडे पार्टी के नाम पर अब्दुल कलाम हॉस्टल में बुलाया था. जब हॉस्टल पहुंचे तो बर्थडे पार्टी चल रही थी. आरोप है कि जैसे ही वह पहुंचे तो सीनियर्स ने कहा अपने-अपने कपड़े उतारो. इस पर हम लोगों ने इनकार कर दिया तो हाथापाई शुरू कर दी. गौरव चौहान ने बताया कि उसे सबसे ज्यादा अमन कुशवाहा व सूरज गोंड ने पीटा. इसके बाद अन्य छात्रों ने धीर शर्मा को भी पीटा. यशविंदर को भी काफी चोटें लगी हैं. मारपीट और रैंगिंग में अमन सिंह, अमन कुशवाहा, नितिन सिंह,सूरज गोंड, अंकित गुप्ता,अभिषेक उपाध्याय उर्फ गुची, आकांक्ष अत्रेय व अनूप राजपाल शामिल थे. छात्र गौरव चौहान की ओर से दी गई तहरीर में यह भी लिखा गया है कि सीनियर छात्र अभिषेक उपाध्याय ने धमकी कि मुझे इस एचबीटीयू का डॉन बना है, तुम लोगों को हम इतना मारेंगे कि यहां पर यह घटना एक नजीर बनेगी. नवाबगंज थाना प्रभारी दीनानाथ मिश्र ने बताया कि आठ सीनियर छात्रों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है.
वीसी ने साधी चुप्पी: एचबीटीयू में सीनियर व जूनियर छात्रों के बीच रैगिंग को लेकर हुई मारपीट के संबंध में विश्वविद्यालय के प्रोफेसर से लेकर वीसी प्रोफेसर शमशेर ने पूरी तरीके से चुप्पी साध रखी है. ईटीवी भारत संवाददाता की ओर से इस मामले पर जानकारी के लिए वीसी प्रोफेसर शमशेर को लगातार कॉल की गई. एचबीटीयू के छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय में न तो रैगिंग सेल सक्रिय है और न ही काउंसलिंग सेल. यहां पर अधिकतर प्रोफेसर अपने विभागों में ही व्यस्त रहते हैं. छात्रों पर किसी तरीके से कोई भी अंकुश नहीं है.
कानपुर के HBTU में रैगिंग; बर्थडे पार्टी में कपड़े न उतारने पर सीनियर्स ने जूनियर छात्रों को बेहरमी से पीटा
एक छात्र के सिर में आई चोट, पुलिस ने आठ सीनियर छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए दो को किया गिरफ्तार, अन्य फरार
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Oct 17, 2024, 9:54 PM IST
कानपुर: हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) में रैंगिंग का मामला सामने आया है. एचबीटीयू के छात्रों का आरोप है कि बर्थडे पार्टी में बुलाकर सीनियर्स ने पहले कहा कि कपड़े उतारो. जब विरोध किया तो रैगिंग के नाम पर जमकर पीटा. मारपीट के दौरान एक छात्र का सिर फट गया, वहीं अन्य को गंभीर चोटें आई हैं. पीड़ितों की शिकायत पर आठ छात्रों के खिलाफ गुरुवार देर शाम कोनवाबगंज थाने में एफआईआर दर्ज करते हुए पुलिस ने फोर्थ ईयर के छात्र अभिषेक उपाध्याय और गुची को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि अन्य को अरेस्ट करने के लिए दबिश दी जा रही है.
छात्र गौरव चौहान की ओर से दी गई तहरीर में बताया गया कि उसे, यशविंदर और धीर शर्मा को सीनियर छात्र गोविंद सिंह ने अपनी बर्थडे पार्टी के नाम पर अब्दुल कलाम हॉस्टल में बुलाया था. जब हॉस्टल पहुंचे तो बर्थडे पार्टी चल रही थी. आरोप है कि जैसे ही वह पहुंचे तो सीनियर्स ने कहा अपने-अपने कपड़े उतारो. इस पर हम लोगों ने इनकार कर दिया तो हाथापाई शुरू कर दी. गौरव चौहान ने बताया कि उसे सबसे ज्यादा अमन कुशवाहा व सूरज गोंड ने पीटा. इसके बाद अन्य छात्रों ने धीर शर्मा को भी पीटा. यशविंदर को भी काफी चोटें लगी हैं. मारपीट और रैंगिंग में अमन सिंह, अमन कुशवाहा, नितिन सिंह,सूरज गोंड, अंकित गुप्ता,अभिषेक उपाध्याय उर्फ गुची, आकांक्ष अत्रेय व अनूप राजपाल शामिल थे. छात्र गौरव चौहान की ओर से दी गई तहरीर में यह भी लिखा गया है कि सीनियर छात्र अभिषेक उपाध्याय ने धमकी कि मुझे इस एचबीटीयू का डॉन बना है, तुम लोगों को हम इतना मारेंगे कि यहां पर यह घटना एक नजीर बनेगी. नवाबगंज थाना प्रभारी दीनानाथ मिश्र ने बताया कि आठ सीनियर छात्रों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है.
वीसी ने साधी चुप्पी: एचबीटीयू में सीनियर व जूनियर छात्रों के बीच रैगिंग को लेकर हुई मारपीट के संबंध में विश्वविद्यालय के प्रोफेसर से लेकर वीसी प्रोफेसर शमशेर ने पूरी तरीके से चुप्पी साध रखी है. ईटीवी भारत संवाददाता की ओर से इस मामले पर जानकारी के लिए वीसी प्रोफेसर शमशेर को लगातार कॉल की गई. एचबीटीयू के छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय में न तो रैगिंग सेल सक्रिय है और न ही काउंसलिंग सेल. यहां पर अधिकतर प्रोफेसर अपने विभागों में ही व्यस्त रहते हैं. छात्रों पर किसी तरीके से कोई भी अंकुश नहीं है.