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Rajasthan: सुरक्षा घेरे में MBBS स्टूडेंट, रैगिंग से बचाने के लिए हर वक्त गार्ड व CCTV से राखी जाएगी नजर

सुरक्षा घेरे में MBBS स्टूडेंट. रैगिंग से बचाने के लिए हर वक्त गार्ड व CCTV से राखी जाएगी नजर. हॉस्टल में किए जाएंगे ऐसे इंतजाम.

Ragging in Bharatpur
जगन्नाथ पहाड़िया मेडिकल कॉलेज (ETV Bharat Bharatpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 3 hours ago

भरतपुर: जगन्नाथ पहाड़िया मेडिकल कॉलेज में बीते दिनों हुई एमबीबीएस प्रथम वर्ष के स्टूडेंट्स की रैगिंग की घटनाओं के बाद अब मेडिकल कॉलेज प्रशासन सचेत हो गया है. एमबीबीएस प्रथम वर्ष के स्टूडेंट्स को रैगिंग की घटनाओं से बचाने के लिए अब उन्हें सुरक्षा घेरे में क्लासरूम तक पहुंचाया जाएगा, साथ ही कॉलेज के संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी से हर वक्त नजर रखी जाएगी. इतना ही नहीं, कॉलेज हॉस्टल और बाहर के निजी हॉस्टलों में रह रहे जूनियर स्टूडेंट्स को रैगिंग का सामना नहीं करना पड़ा, इसके लिए भी कॉलेज प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए हैं.

कॉलेज प्राचार्य तरुणलाल ने बताया कि प्रथम वर्ष के जो छात्र कॉलेज परिसर से बाहर निजी हॉस्टलों में रह रहे हैं और अन्य सभी जूनियर छात्रों को सुरक्षा गार्ड की निगरानी में क्लासरूम तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है. क्लास खत्म होने पर वापस गेट या होस्टल तक गार्ड छोड़ने जाएंगे. कॉलेज परिसर में रात के वक्त भी सुरक्षा गार्ड ड्यूटी पर तैनात रहकर इस तरह की घटनाओं पर नजर रखेंगे. इसके साथ ही कैंटीन, मैस व कॉलेज परिसर के सभी संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए हैं, जिनसे हर वक्त नजर रखी जा सकेगी.

पढ़ें : Rajasthan: Ragging in Bharatpur : जगन्नाथ पहाड़िया मेडिकल कॉलेज में 13 छात्राओं की एक साथ रैगिंग

हॉस्टल में ये इंतजाम : प्राचार्य तरुणलाल ने बताया कि हॉस्टल में जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग होने का खतरा रहता है. इसलिए हॉस्टलों में जूनियर और सीनियर छात्रों को अलग करने के लिए हॉस्टल के प्रत्येक फ्लोर पर लोहे की ग्रिल लगाकर हॉस्टलों को दो भागों में बांट दिया जाएगा, जिससे जूनियर और सीनियर अलग अलग हिस्सों में रहें. इससे रैगिंग की घटनाओं को रोका जा सकेगा.

प्राचार्य तरुणलाल ने बताया कि निजी हॉस्टलों के प्रबंधकों के साथ भी एंटी रैगिंग कमेटी के सदस्य और कॉलेज प्रशासन संपर्क में है. कोई भी घटना होने की सूचना मिलते ही तुरंत उसे कंट्रोल करने का प्रयास रहता है. साथ ही स्टूडेंट्स के पास भी कॉलेज प्रशासन के अधिकारियों और कमेटी सदस्यों के नंबर उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे जरूरत के समय स्टूडेंट सीधे बात कर सकें और उन्हें तुरंत सहायता पहुंचाई जा सके.

गौरतलब है कि बीते दिनों एक के बाद एक रैगिंग की दो अलग अलग घटनाएं सामने आईं, जिसके बाद से कॉलेज प्रशासन में हड़कंप मच हुआ है. ऐसे में अब कॉलेज प्रशासन भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाने के प्रयासों में जुटा हुआ है.

भरतपुर: जगन्नाथ पहाड़िया मेडिकल कॉलेज में बीते दिनों हुई एमबीबीएस प्रथम वर्ष के स्टूडेंट्स की रैगिंग की घटनाओं के बाद अब मेडिकल कॉलेज प्रशासन सचेत हो गया है. एमबीबीएस प्रथम वर्ष के स्टूडेंट्स को रैगिंग की घटनाओं से बचाने के लिए अब उन्हें सुरक्षा घेरे में क्लासरूम तक पहुंचाया जाएगा, साथ ही कॉलेज के संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी से हर वक्त नजर रखी जाएगी. इतना ही नहीं, कॉलेज हॉस्टल और बाहर के निजी हॉस्टलों में रह रहे जूनियर स्टूडेंट्स को रैगिंग का सामना नहीं करना पड़ा, इसके लिए भी कॉलेज प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए हैं.

कॉलेज प्राचार्य तरुणलाल ने बताया कि प्रथम वर्ष के जो छात्र कॉलेज परिसर से बाहर निजी हॉस्टलों में रह रहे हैं और अन्य सभी जूनियर छात्रों को सुरक्षा गार्ड की निगरानी में क्लासरूम तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है. क्लास खत्म होने पर वापस गेट या होस्टल तक गार्ड छोड़ने जाएंगे. कॉलेज परिसर में रात के वक्त भी सुरक्षा गार्ड ड्यूटी पर तैनात रहकर इस तरह की घटनाओं पर नजर रखेंगे. इसके साथ ही कैंटीन, मैस व कॉलेज परिसर के सभी संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए हैं, जिनसे हर वक्त नजर रखी जा सकेगी.

पढ़ें : Rajasthan: Ragging in Bharatpur : जगन्नाथ पहाड़िया मेडिकल कॉलेज में 13 छात्राओं की एक साथ रैगिंग

हॉस्टल में ये इंतजाम : प्राचार्य तरुणलाल ने बताया कि हॉस्टल में जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग होने का खतरा रहता है. इसलिए हॉस्टलों में जूनियर और सीनियर छात्रों को अलग करने के लिए हॉस्टल के प्रत्येक फ्लोर पर लोहे की ग्रिल लगाकर हॉस्टलों को दो भागों में बांट दिया जाएगा, जिससे जूनियर और सीनियर अलग अलग हिस्सों में रहें. इससे रैगिंग की घटनाओं को रोका जा सकेगा.

प्राचार्य तरुणलाल ने बताया कि निजी हॉस्टलों के प्रबंधकों के साथ भी एंटी रैगिंग कमेटी के सदस्य और कॉलेज प्रशासन संपर्क में है. कोई भी घटना होने की सूचना मिलते ही तुरंत उसे कंट्रोल करने का प्रयास रहता है. साथ ही स्टूडेंट्स के पास भी कॉलेज प्रशासन के अधिकारियों और कमेटी सदस्यों के नंबर उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे जरूरत के समय स्टूडेंट सीधे बात कर सकें और उन्हें तुरंत सहायता पहुंचाई जा सके.

गौरतलब है कि बीते दिनों एक के बाद एक रैगिंग की दो अलग अलग घटनाएं सामने आईं, जिसके बाद से कॉलेज प्रशासन में हड़कंप मच हुआ है. ऐसे में अब कॉलेज प्रशासन भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाने के प्रयासों में जुटा हुआ है.

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