नई दिल्ली: रविवार को दिल्ली का कुतुब मीनार रंगीन रोशनी से सजा था. पूर्वी अफ्रीकी राष्ट्र के लोगों के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए कुतुब मीनार को रवांडा के राष्ट्रीय ध्वज के रंगों से रोशन किया गया था. ये लाइटिंग रवांडा में 1994 में 800,000 लोगों की जान लेने वाले 100 दिनों के नरसंहार की स्मृति में की गई थी.
इस अवसर पर, विदेश मंत्रालय के सचिव दम्मू रवि ने x पर लिखा कि रवांडा की राजधानी किगाली में नरसंहार के 30वें स्मरणोत्सव में भारत अपनी एकजुटता प्रदर्शित कर रहा है. ''रवांडा के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए, भारत ने आज कुतुब मीनार को जलाया, जिससे रवांडा में तुत्सी के खिलाफ 1994 के नरसंहार पर संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय चिंतन दिवस के तौर पर मनाया गया.
रवांडा में नरसंहार के 30 साल पूरे हो गए हैं, 1994 के रवांडा नरसंहार को 20वीं सदी के सबसे खूनी नरसंहारों में से एक माना जाता है, रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागामे ने रविवार को राजधानी किगाली में सामूहिक कब्रों पर पुष्पांजलि अर्पित करके स्मरणोत्सव का नेतृत्व किया. इस कार्यक्रम में दक्षिण अफ़्रीकी नेताओं के साथ-साथ इथियोपिया के गणमान्य व्यक्तियों सहित कई विदेशी गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भी इसमें मौजूद थे. उन्होंने इस नरसंहार को अपने प्रशासन की सबसे बड़ी विफलता कहा था.
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बता दें कि विदेश मंत्रालय के सचिव दम्मू रवि, अतिरिक्त सचिव (पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका) के साथ 7-12 अप्रैल तक रवांडा, युगांडा और केन्या की यात्रा पर हैं. जहां दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर बातचीत होगी.
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