रांची: सीजीएल परीक्षा को लेकर उठा विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ प्रश्नपत्र लीक होने का आरोप लगाते हुए छात्रों का आंदोलन जारी है तो वहीं दूसरी ओर झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा राज्यपाल के निर्देश पर बनाई गई जांच कमेटी पर सवाल उठने लगे हैं.
आयोग ने पिछले दिनों राजभवन सचिवालय से मिली चिठ्ठी के बाद सचिव सुधीर कुमार गुप्ता के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है. इस टीम में आयोग के सचिव के अलावा दो अन्य पदाधिकारी सदस्य के रूप में हैं, जिसमें परीक्षा नियंत्रक अरविंद कुमार लाल और संयुक्त सचिव मधुमिता कुमारी का नाम शामिल है. जांच कमेटी ने छात्रों द्वारा सौंपे गए आवेदन और साक्ष्य के रूप में कागजात की जांच के लिए 30 सितंबर यानी आज दोपहर तीन बजे छात्रों को बुलाया है. साथ ही हजारीबाग और रांची डीसी से इस संबंध में छात्रों की शिकायत से संबंधित रिपोर्ट तलब की है.
आयोग की जांच टीम पर उठ रहे सवाल, जानिए वजह
जेएसएससी सीजीएल परीक्षा मामले की जांच कर रही आयोग के जांच दल पर सवाल उठने लगे हैं. प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने आयोग के परीक्षा नियंत्रक अरविंद लाल की भूमिका पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि जो खुद सीबीआई जांच के घेरे में हैं, वो क्या जांच करेंगे. बीजेपी प्रवक्ता रमाकांत महतो ने कहा कि अरविंद लाल द्वितीय जेपीएससी से आए हैं और उनकी खुद की नियुक्ति पर सीबीआई जांच चल रही है.
इधर, भाजपा के आरोप पर झारखंड मुक्ति मोर्चा आयोग के बचाव में उतर आया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि एक सप्ताह में इसकी जांच होनी है, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. राज्यपाल के आदेश पर आयोग की टीम बड़ी गंभीरता से जांच में जुटी हुई है. इन सबके बीच परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर छात्रों का आंदोलन जारी है. गौरतलब है कि राज्य में 2015 से जारी यह परीक्षा अब तक विवादों में रहा है. बीते 21 और 22 सितंबर को यह परीक्षा एक बार फिर आयोजित की गई थी. इस दौरान प्रश्नपत्र लीक होने की शिकायत को लेकर छात्र परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
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