देहरादून: उत्तराखंड अब अपराधियों के लिए पनाहगाह साबित हो रहा है. आलम ये है कि सर्राफा व्यापारी बदमाशों के सॉफ्ट टारगेट हो गए हैं. जिन्हें जरा भी पुलिस का खौफ नहीं है. यही वजह है कि आए दिन अपराधी देहरादून में इस तरह की वारदातों को अंजाम देकर फरार हो रहे हैं. ताजा मामला विकासनगर का है. जहां बदमाशों ने एक के बाद एक दो ज्वैलर्स की दुकान में धावा बोला. हालांकि, आरोपी असफल रहे. इस दोनों मामलों में भले ही तीन आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी हों, लेकिन सवाल ये है कि बदमाशों में पुलिस का खौफ क्यों नहीं रहा?
विकासनगर में लूटपाट करने ज्वैलर्स शॉप में घुसे 3 बदमाश: बता दें कि बीते कुछ महीने पहले भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सुरक्षा के बीच राजपुर रोड स्थित एक बड़े ज्वैलरी शोरूम में बदमाशों ने करीब 18 करोड़ रुपए के जेवरात लूट लिए थे. इस मामले में अभी तक माल की बरामदगी नहीं हो सकी है. अब इसके बाद विकासनगर में भी इस तरह की वारदात हुई. जहां विकासनगर के एक ज्वैलरी शॉप में 3 हथियारबंद बदमाश घुस गए और लूट की घटना को अंजाम देने का प्रयास किया, लेकिन असफल हो गए. इतना ही नहीं 1 बदमाश नवीन सैनी निवासी हसनपुर चुंगी (सहारनपुर) को स्थानीय लोगों ने मौके पर तमंचे और कारतूस के साथ पकड़ लिया. जबकि, 2 अन्य बदमाश मौके से फरार हो गए.
आसन बैराज के पास मुठभेड़ में पकड़े गए बदमाश: वहीं, ज्वैलर्स की दुकान में लूट का असफल प्रयास में सहारनपुर के कुख्यात बदमाशों के शामिल होने की जानकारी पुलिस को मिली. पुलिस की ओर से सघन चेकिंग के कारण बदमाश विकासनगर क्षेत्र से भाग नहीं पाए और आसन बैराज ढालीपुर के पास चेकिंग के दौरान बदमाशों ने पुलिस टीम पर फायर कर दिया. पुलिस ने जवाबी फायर में दोनों बदमाशों जहांगीर अली और सौरभ कश्यप के पैर पर गोली मारी. जिसमें दोनों घायल हो गए. जिन्हें पुलिस ने प्राइवेट वाहन से तत्काल सरकारी अस्पताल विकासनगर पहुंचा. वहीं, दोनों आरोपियों के पास से पुलिस को अवैध पिस्टल, तमंचे और जिंदा कारतूस बरामद हुआ.
आरोपी जहांगीर और नवीन पर कई मुकदमे दर्ज, रुड़की में कर चुके लूट का प्रयास: घटना में शामिल आरोपी जहांगीर और नवीन के खिलाफ सहारनपुर में लूट, डकैती, गैंगस्टर एक्ट और अन्य संगीन अपराधों के 25 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. ये आरोपी पिछले 15 दिनों में सहारनपुर में लूट की दो बड़ी घटनाओं को भी अंजाम दे चुके थे. जिनकी तलाश सहारनपुर पुलिस कर रही थी. आरोपियों ने 3 दिन पहले यानी 2 फरवरी को रुड़की में ज्वैलर्स शॉप में भी लूट का प्रयास किया था. जिसके संबंध में आरोपियों के खिलाफ गंगनहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज है. आरोपी जहांगीर पर सहारनपुर पुलिस ने 25 हजार रुपए का इनाम भी रखा है.
बरहाल, इन घटनाओं पर नजर दौड़ाएं तो कई सवाल खड़े हो रहे हैं. क्या अपराधियों के लिए आसान है उत्तराखंड में अपराध को अंजाम देना? अपराधियों के दूसरे राज्यों से आकर आसानी से वारदात को अंजाम देकर फरार होना और पुलिस को कानों कान खबर न होना. देहरादून ज्वैलरी शोरूम लूटपाट के बाद भी तमाम सर्राफा व्यापारियों को अपराधियों की ओर से निशाना बनाना. कई ऐसे सवाल हैं, जो उठ रहे हैं. इसके साथ ही पुलिस की कार्यप्रणाली और मुस्तैदी भी सवालों के घेरे में है.
देहरादून के पुलिस कप्तान अजय सिंह की मानें तो ऐसा नहीं है कि राजधानी में सर्राफा व्यापारियों को अपराधी निशाना बना रहे हैं. पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ बड़े मुकदमे दर्ज हैं. अपराधियों को ये लगता है कि छोटे से प्रयास से वो किसी भी सर्राफा व्यापारी के यहां घटना को अंजाम देकर आसानी से भाग सकते हैं. जिसमें कम समय में ज्यादा मुनाफा होता है. यही कारण है कि इस तरह की वारदातें सराफा व्यापारियों की दुकानों में घट रही है.
देहरादून एसएसपी अजय सिंह मानते हैं कि लाखों रुपए के सोना चांदी दुकान में होने के बावजूद भी एक डंडे और एक होमगार्ड के भरोसे कई बड़े शोरूम मालिक बैठे हुए हैं. जबकि, होना ये चाहिए कि सुरक्षा के बड़े इंतजामों के साथ अलार्म सिस्टम लगाएं. साथ ही चारों तरफ कैमरे के जाल और बंदूकधारियों के साथ अत्याधुनिक सुरक्षा तंत्र सर्राफा व्यापारियों की दुकानों में होना चाहिए. अजय सिंह मानते हैं कि तमाम दुकानों की सुरक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग समय पर होनी चाहिए. इसका वो भी लगातार प्रयास कर रहे हैं.
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