शिमला: हिमाचल के जंगलों में लगी आग ने निजी संपत्ति को अपनी चपेट में लेकर तांडव मचाना शुरू कर दिया है. जिला शिमला के तहत शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के तहत करयाली पंचायत के नराड गांव में तेज राम, मोहन लाल, देवला पंचायत के गढ़ की धार के किशन लाल के घर जंगल में लगी आग की चपेट में आने से पूरी तरह जलकर राख हो गए, हालांकि इस घटना में जान की कोई क्षति नहीं हुई है. इसी तरह से निकाराम का मकान आंशिक रूप से जल गया है.
200 से ज्यादा फलदार पौधे जलकर हुए राख
वहीं, इसी गांव की महिला नीलम देवी घर को जंगली आग से बचाते हुए झुलस गई. ऐसे में पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सोमवार को प्रभावित परिवारों से मिलकर कुशलक्षेम जाना. इस दौरान उन्होंने प्रशासन को भी प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता देने के निर्देश दिए. जंगल से उठी आग की लपटों से लोगों के अनार, नींबू, आडू, एप्रिकॉट, नाशपाती के करीब 200 से अधिक पौधे भी जलकर राख हो गए. वहीं, पीडब्ल्यूडी मंत्री ने जिला प्रशासन को जंगली आग से जले मकानों का जल्द आकलन करने और बागवानी विभाग के अधिकारियों को आग में जलकर राख हुए फलदार पौधों के स्थान पर नए पौधे उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं.
पीडब्ल्यूडी मंत्री ने लोगों से की ये अपील
पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि इस बार गर्मी के मौसम में जंगलों में हर जगह आग लगी है. जिस कारण साथ लगते गांवों को खतरा पैदा हो रहा है. कुछ घर तो पूरी तरह जलकर राख हो गए हैं, जिन्हें नियमानुसार मुआवजा दिया जा रहा है. पीडब्ल्यूडी मंत्री ने कहा कि चील के पेड़ से गिरे चिलारू (चीड़ के पेड़ की पत्तियां) में आग जल्दी लगती है. इसलिए जंगलों से चिलारू इकट्ठा कर इससे संबंधित प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए कार्य योजना बनाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों से चर्चा की जा रही है. उन्होंने लोगों से भी जंगलों में आग न लगाने और जंगल में लगी आग को बुझाने में अपना सहयोग देने की अपील की है. इस दौरान प्रशासन की ओर से एसडीएम शिमला ग्रामीण कविता ठाकुर ने पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त मकान के मालिक मोहन लाल, किशन लाल को 10-10 हजार, तेज राम को 5 हजार और आग बुझाने के दौरान झुलसी महिला नीलम देवी को 5 हजार रुपए की फौरी राहत जारी की है.