देहरादूनः उत्तराखंड में केदारनाथ विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 20 नवंबर को होने हैं. 15 दिनों तक चले प्रचार के दौरान कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही खूब जोर लगाया. अब इस जोर आजमाइश के बाद सबकी नजरें होने वाले मतदान पर टिकी हैं. केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव पर भाजपा ने आशा नौटियाल और कांग्रेस ने मनोज रावत को चुनावी मैदान में उतारा है. प्रचार में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए हरीश रावत और भाजपा प्रत्याशी के लिए मुख्यमंत्री धामी ने जमकर पसीना बहाया है.
23 नवंबर को परिणाम: केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस, केंद्र और राज्य की एंटी इनकंबेंसी के भरोसे चुनावी मैदान में है. जबकि भाजपा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ से लगाव और राज्य की सत्ता के भरोसे चुनाव जीतने का प्रयास कर रही है. 2022 के विधानसभा चुनाव में भापजा के खाते में गई केदारनाथ विधानसभा सीट भाजपा के लिए फिर से जीतनी जरूरी बन गई है. जबकि कांग्रेस सीट पर कब्जा कर मैदान मजबूत करना चाहती है. इस चुनाव प्रचार के लिए दोनों ही दलों ने खूब पसीना बहाया है.
24 घंटे पहले फोर्स तैनात: 90,875 मतदाताओं वाली इस विधानसभा सीट पर मतदान के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. साथ ही अत्यधिक वोटिंग हो, इसके लिए भी चुनाव आयोग ने कई तरह के नए प्रयास किए हैं. मतदान के लिए 173 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. इसके साथ ही 1200 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में चुनाव के लिए की गई है. रुद्रप्रयाग के एसपी अक्षय प्रहलाद की माने तो चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से पूरा हो, इसके लिए इंटेलिजेंस की टीमों को भी अलर्ट किया गया है. सुबह 7 से मतदान शुरू होगा. लेकिन मतदान स्थल पर ड्यूटी 24 घंटे पहले से ही लगा दी गई है.
हर संभव कोशिश में जुटे नेता: चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के नेता अलग ही रंग में दिखाई दिए. बीजेपी की प्रत्याशी आशा नौटियाल और कांग्रेस के उम्मीदवार मनोज रावत भले ही चुनावी प्रचार में इतनी चर्चा में ना आए हों. लेकिन हरीश रावत और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चुनावी प्रचार में कई रंग जनता के बीच बिखेरे. हरीश रावत इस उम्र में भी केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में जब चुनाव प्रचार के दौरान उतरे तो हर बार की तरह इस बार भी उन्होंने जनता को अपने तरीके से कांग्रेस के प्रति खींचने की कोशिश की.
हरीश रावत ने संभाला अलग अंदाज में मोर्चा: हरीश रावत केदारनाथ विधानसभा चुनाव में कभी चाय बनाते हुए दिखाई दिए तो कभी जलेबी की दुकान में लोगों को जलेबी बना कर परोसते हुए नजर आए. सड़क पर घास ले जा रही घसियारी से घास की गठरी लेकर उसका बोझ उठाकर जनता से जुड़ने की कोशिश की तो कभी हरीश रावत मंच पर ही पहाड़ी व्यंजन का स्वाद लेकर लोगों से जुड़ने की कोशिश करते दिखाई दिए. मसलन उपचुनाव में विपक्ष के नेता ने हर तरीके से जनता को लुभाने की कोशिश की.
धामी ने दिखाया प्रचार का अलग रंग: बीजेपी ने भी अपने प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी, खासकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुरुआती दिनों से ही केदारनाथ विधानसभा चुनाव में काफी सक्रिय दिखाई दिए. एक दर्जन से ज्यादा बड़ी विधानसभा रैली और मंदिर में माथा टेकने के साथ ही पुष्कर सिंह धामी कभी बाइक पर सवार होकर जनता के बीच पहुंचे तो कभी ठंड से बचने के लिए कपड़ों की दुकान में पहुंचकर जैकेट खरीदते हुए दिखाई दिए. मुख्यमंत्री धामी भी हरीश रावत की तरह ही चाय की दुकान में पहुंचकर चाय बनाते हुए लोगों से जुड़े तो अचानक गैरसैंण पहुंचकर यह संदेश देने की भी कोशिश की गई कि बीजेपी और मुख्यमंत्री धामी पहाड़ से कितना प्रेम करते हैं.
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