इंदौर। देश भर में मांग की तुलना में तुवर दाल की आपूर्ति लगातार घटने के कारण एक तरफ जहां तुवर दाल के भाव लगातार बढ़ रहे हैं. वही किसान और व्यापारियों को दाल उत्पादन बढ़ाने के अलावा इसकी प्रोसेसिंग की अत्याधुनिक तकनीकी से रूबरू कराने के लिए इंदौर में एक एग्जीबिशन लगाई जा रही है. जिसमें दाल की प्रोसेसिंग की आधुनिक मशीनों और तकनीकियों के आधार पर खेतों में उपज के बाद सीधे दाल को उपयोग में लेने के लिए तैयार किया जा सकेगा. New Technology of Pulse Mills
इंदौर में लगेगी प्रदर्शिनी
दरअसल देश में फिलहाल 47 लाख हेक्टेयर में टूर की खेती हो रही है जो इस साल घटकर 42 लाख हैकटेयर ही बची है. जबकि मांग और आपूर्ति में 11 लाख मैट्रिक टन का अंतर है. ऐसे में ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन द्वारा अब दल के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के साथ किसानों से खरीदी जाने वाली दाल की जल्द से जल्द प्रोसेसिंग की तकनीकी पर फोकस किया जा रहा है. लिहाजा दो, तीन और चार फरवरी को अब दाल उत्पादक देश जापान, कोरिया, कनाडा और तुर्की में दाल उत्पादन के लिए जो तकनीकी और मशीन उपयोग की जाती हैं वे अब भारत में भी आयत की गई है. इन मशीनों के जरिए इंदौर समेत मध्य प्रदेश के दाल मिलर दाल की प्रोसेसिंग तेजी से कर सकेंगे. जिससे कि मांग के अनुरूप उपयोग की जाने वाली दाल की आपूर्ति बढ़ाई जा सके.
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भारत में दाल उत्पादन का रकबा घट रहा
दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल के मुताबिक ''देश भर में तुवर दाल की मांग अधिक होने के कारण न केवल दाल के भाव बढ़ रहे हैं बल्कि किसान द्वारा भी लंबे समय की फसल होने के कारण इसकी बुवाई कम कर रहा है. जिसके कारण भारत में दाल उत्पादन का रकबा घट रहा है. जाहिर है ऐसे समय में नई तकनीकी और मशीनों के जरिए किसानों से प्राप्त दाल को प्रक्रिया करके उसकी बाजार में आपूर्ति की दर बढ़ाई जा सकेगी.''