जयपुर. पांच महीने पहले बनी प्रदेश की भजनलाल सरकार काम काज को गति देती उससे पहले ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता ने ब्रेक लगा दिया. लोकसभा चुनाव परिणाम 4 जून को आएंगे उसके बाद आदर्श आचार संहिता समाप्त हो जाएगी. फिर उम्मीद कर सकते हैं कि चुनावों के चलते सुस्त पड़ी विकास की रफ्तार गति पकड़ती नजर आए. आमजन की समस्याओं के त्वरित समाधान और सुशासन को लेकर प्रदेश की भजनलाल सरकार ने ब्लूप्रिंट तैयार किया है जो आचार संहिता के बाद धरातल पर नजर आएगा. विकास को गति देने के साथ आमजन की समस्याओं के समाधान पर सरकार का फोकस रहेगा. इसी के तहत अब मंत्री आमजन की समस्याओं को सुनकर उनका समाधान करेंगे. इसको लेकर आचार संहिता खत्म होने के साथ ही प्रदेश भाजपा मुख्यालय में मंत्री दरबार लगने की शुरुआत होगी.
दो मंत्री और एक प्राधिकारी करेंगे जनसुनवाई : मंत्री दरबार को लेकर अभी कोई तारीख तो फाइनल नहीं हुई, लेकिन संगठन स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली गई है. दो मंत्री और एक पार्टी पदाधिकारी प्रतिदिन जनसुनवाई करेंगे और आमजन की समस्याओं को सुनकर उनका समाधान करेंगे. बता दें कि मंत्रिमंडल के गठन के साथ ही 13 जनवरी को प्रदेश बीजेपी मुख्यालय में हुई बैठक में मंत्रियों को जिलों का प्रभार सौंपा गया था. साथ ही जनता से सीधा जुड़ाव रखने और उनकी समस्याओं का समाधान करने का खाका तैयार किया गया था. लेकिन लोकसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही यह प्लान धरातल पर नहीं उतर पाया. पूरी सरकार लोकसभा चुनाव में जुट गई और विकास के कार्य आचार संहिता के चलते अटक गए. ऐसे में आचार संहिता के बाद जनता में एक बार फिर अपनी छाप छोड़ने के लिए सरकार फुल फॉर्म में नजर आएगी, लोकसभा चुनावों में मंत्री जनता से वोट मांगते नजर आए तो अब जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान करते नजर आएंगे.
जनसुनवाई का खाका ! : दरअसल भाजपा मुख्यालय में जनसुनवाई की शुरुआत 2013 से 2018 में वसुंधरा सरकार के दौरान की गई थी, जनसुनवाई से न सिर्फ कार्यकर्ताओं का सरकार के मंत्रियों से सीधा संवाद होता है बल्कि आमजन की समस्याओं का भी सीधे तौर पर निपटारा होता है. इसी परंपरा को प्रदेश भजन लाल सरकार भी लागू रखना चाहेगी. प्रदेश महामंत्री जितेंद्र गोठवाल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की परंपरा रही है कि जनता के समस्या का समाधान करने के लिए अधिक से अधिक चैनल बनाने की कोशिश करते हैं. इस बार भी भजन लाल सरकार बनने के साथ जनसुनवाई का कार्यक्रम तय हुआ, लेकिन लोकसभा चुनाव को लेकर लगी आचार संहिता की वजह से जनसुनवाई शुरू नहीं पाई, लेकिन अब जैसे ही आचार संहिता समाप्त होगी ,निश्चित तौर पर जनता की समस्या का समाधान करने का प्रयास होगा. जनसुनवाई के लिए संगठन के स्तर पर खाका तैयार कर लिया गया है, जल्द ही धरातल पर उतरा हुआ दिखाई देगा.