दुर्ग: छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने दुर्ग जिले में प्रकरणों की सुनवाई की. अध्यक्ष ने महिला एवं बाल विकास विभाग के सभागार में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जनसुनवाई की.
बहिष्कृत परिवार की हुई सुनवाई : अंडा थाना क्षेत्र के चिरपोटी गांव में साहू समाज से बहिष्कृत पति पत्नी के मामले को भी सुना गया. प्रेमी जोड़े के गांव से भागकर आर्य समाज में शादी के बाद साहू समाज ने दोनों पर प्रतिबंध लगा दिया था. जिसे लेकर प्रेमी जोड़े ने राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष को शिकायत की. सुनवाई के बाद राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ.किरणमयी नायक ने कहा है कि यह मामला नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम की धारा 7 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है. इस पर शिकायतकर्ता और समाज के पक्ष को भी सुना गया. समाज के लोगों को प्रतिबंध हटाने को कहा गया है. इसके बाद भी मामले का निराकरण समाज यदि नहीं करेगा तो उन पर FIR होगी.
41 प्रकरणों की हुई सुनवाई : इस सुनवाई में महिला संबंधित 41 प्रकरण आयोग के सामने आए हैं. जिसमें से 31 मामलों की सुनवाई की गई. सभी प्रकरण महिला से संबंधित थे. आयोग के पास बेटे की मौत के बाद उसकी बहू ने सास ससुर को घर से बाहर निकल दिया था. बेटे का पेंशन का पैसा भी सास ससुर को नही दे रही थी. इस मामले में आयोग ने सुनवाई करते हुआ कहा है कि बहू प्रतिमाह 10 हजार रुपए भरण पोषण के लिए देगी. सास ससुर को भरण पोषण की राशि नहीं देने पर आवेदिका के खिलाफ वरिष्ठ नागरिक कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में 1 साल तक निगरानी प्रोडेक्शन ऑफिसर रखेंगे.
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