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बिगड़ रही देहरादून की आबोहवा, विकास के नाम पर भेंट चढ़ रहे पेड़, 23 जून को राजधानी में होगा बड़ा प्रदर्शन - felling trees in dehradun - FELLING TREES IN DEHRADUN

felling trees in dehradun, felling trees on new cantt road दून घाटी में बसे सुंदर देहरादून शहर में लगातार पेड़ काटे जा रहे हैं. विकास के नाम पर दून घाटी में अंधाधुंध कटान किया जा रहा है. इसकी जगह कंक्रीट के जंगल, दूसरी परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं. देहरादून में पेड़ों के कटान और शहर के बिगड़ते मिजाज को लेकर शहर के बुद्धिजीवी लोग लामबंद हो रहे हैं.

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देहरादून में 23 जून को होगा बड़ा प्रदर्शन (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 21, 2024, 3:27 PM IST

Updated : Jun 21, 2024, 4:13 PM IST

देहरादून में 23 जून को होगा बड़ा प्रदर्शन (Etv Bharat)

देहरादून: कभी अपनी स्वच्छ ओबोहवा और रिटायरमेंट की लाइफ बिताने के लिए मुफीद माने जाने वाली दून घाटी आज एक गैस चैंबर के रूप में तब्दील होती जा रही है. देहरादून शहर के लगातार हो रहे शहरीकरण, पेड़ों के कटान को लेकर शहरवासी ही लामबंद हो रहे हैं. सिटिजन फॉर ग्रीन देहरादून ने भी इसे लेकर मोर्चा खोला है. सिटिजन फॉर ग्रीन ने देहरादून एयरपोर्ट, खलंगा, रोड चौड़ीकरण जैसे कई प्रोजेक्ट्स को बैकफुट पर डाला. इन सभी प्रोजेक्ट में बड़ी संख्या में पेड़ काटे जाने थे. वहीं, अब दिलाराम चौक से गढीकैंट की ओर किया जा रहे सड़क चौड़ीकरण की वजह से काटे जा रहे पेड़ों के खिलाफ संस्था ने शहर के सभी बुद्धिजीवियों को एकत्र कर मुहिम शुरू कर दी है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा ने बताया उत्तराखंड की आबोहवा कुछ सालों में पूरी तरह से बदल रही है. उत्तराखंड की सरकार विकास के नाम पर विनाश करती जा रही है. सरकारों की नीतियों में विकास के नाम पर सबसे पहले पेड़ों का कटान किया जा रहा है, ये नेताओं और नीति नियंताओं की सबसे बड़ी कमी है. पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा का कहना है कि आज हम सबको इस बारे में सोचने की जरूरत है. उन्होंने कहा हम अपने आनी वाली पीढ़ियों के लिए क्या छोड़कर जा रहे हैं? ये सोचे जाने की जरूरत है.

गढ़ीकैंट में पेड़ों का कटान नहीं होने देंगे: देहरादून में पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यरत सिटिजन फॉर ग्रीन, देहरादून शहर में पेड़ों के कटान को रोकने के लिए लिए सबसे आगे खड़ी रहती है. अब दिलाराम चौक से हाथीबड़कला तक सड़क चौड़ीकरण किया जा रहा है. जिसके नाम पर पेड़ काटे जा रहे हैं. इसे रोकने के लिए बड़ा अभियान छेड़ने की बात की जा रही है. जिसके तहत रविवार सुबह 7 बजे से शहर के बुद्धिजीवी लोग एक बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे.

बता दें देहरादून की खराब होती आबोहवा, पेड़ों का कटान के हर कोई नाराज है. सरकार की कार्रवाई के खिलाफ भी लोग खड़े हो रहे हैं. जानकारों का मानना है कि सरकार यदि विकास करना चाहती है तो उसमें पेड़ों का भी समायोजन होना चाहिए. सड़क अगर चौड़ी करनी है तो उसके बाद सड़क को छावदार बनाने की जिम्मेदारी भी सरकार की ही है.

पढ़ें- कॉर्बेट का 'काला' अध्याय है 6000 पेड़ों का अवैध कटान, एनजीटी ने तय की अधिकारियों की जिम्मेदारी

पढे़ं- क्या विरोध के बाद बच जाएगा ऐतिहासिक खलंगा का वन क्षेत्र? युवाओं ने उठाया बीड़ा, वन विभाग ने दिया जवाब - Khalanga Forest Controversy

पढे़ं- खलंगा में सौंग बांध परियोजना का बीजेपी विधायक ने भी किया विरोध, सीएम को लिखा पत्र, दो हजार पेड़ कटाने जाने का है प्रस्ताव - Saung Dam project in Khalanga

देहरादून में 23 जून को होगा बड़ा प्रदर्शन (Etv Bharat)

देहरादून: कभी अपनी स्वच्छ ओबोहवा और रिटायरमेंट की लाइफ बिताने के लिए मुफीद माने जाने वाली दून घाटी आज एक गैस चैंबर के रूप में तब्दील होती जा रही है. देहरादून शहर के लगातार हो रहे शहरीकरण, पेड़ों के कटान को लेकर शहरवासी ही लामबंद हो रहे हैं. सिटिजन फॉर ग्रीन देहरादून ने भी इसे लेकर मोर्चा खोला है. सिटिजन फॉर ग्रीन ने देहरादून एयरपोर्ट, खलंगा, रोड चौड़ीकरण जैसे कई प्रोजेक्ट्स को बैकफुट पर डाला. इन सभी प्रोजेक्ट में बड़ी संख्या में पेड़ काटे जाने थे. वहीं, अब दिलाराम चौक से गढीकैंट की ओर किया जा रहे सड़क चौड़ीकरण की वजह से काटे जा रहे पेड़ों के खिलाफ संस्था ने शहर के सभी बुद्धिजीवियों को एकत्र कर मुहिम शुरू कर दी है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा ने बताया उत्तराखंड की आबोहवा कुछ सालों में पूरी तरह से बदल रही है. उत्तराखंड की सरकार विकास के नाम पर विनाश करती जा रही है. सरकारों की नीतियों में विकास के नाम पर सबसे पहले पेड़ों का कटान किया जा रहा है, ये नेताओं और नीति नियंताओं की सबसे बड़ी कमी है. पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा का कहना है कि आज हम सबको इस बारे में सोचने की जरूरत है. उन्होंने कहा हम अपने आनी वाली पीढ़ियों के लिए क्या छोड़कर जा रहे हैं? ये सोचे जाने की जरूरत है.

गढ़ीकैंट में पेड़ों का कटान नहीं होने देंगे: देहरादून में पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यरत सिटिजन फॉर ग्रीन, देहरादून शहर में पेड़ों के कटान को रोकने के लिए लिए सबसे आगे खड़ी रहती है. अब दिलाराम चौक से हाथीबड़कला तक सड़क चौड़ीकरण किया जा रहा है. जिसके नाम पर पेड़ काटे जा रहे हैं. इसे रोकने के लिए बड़ा अभियान छेड़ने की बात की जा रही है. जिसके तहत रविवार सुबह 7 बजे से शहर के बुद्धिजीवी लोग एक बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे.

बता दें देहरादून की खराब होती आबोहवा, पेड़ों का कटान के हर कोई नाराज है. सरकार की कार्रवाई के खिलाफ भी लोग खड़े हो रहे हैं. जानकारों का मानना है कि सरकार यदि विकास करना चाहती है तो उसमें पेड़ों का भी समायोजन होना चाहिए. सड़क अगर चौड़ी करनी है तो उसके बाद सड़क को छावदार बनाने की जिम्मेदारी भी सरकार की ही है.

पढ़ें- कॉर्बेट का 'काला' अध्याय है 6000 पेड़ों का अवैध कटान, एनजीटी ने तय की अधिकारियों की जिम्मेदारी

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पढे़ं- खलंगा में सौंग बांध परियोजना का बीजेपी विधायक ने भी किया विरोध, सीएम को लिखा पत्र, दो हजार पेड़ कटाने जाने का है प्रस्ताव - Saung Dam project in Khalanga

Last Updated : Jun 21, 2024, 4:13 PM IST
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