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महिला का शव लेकर नगर निगम में विरोध-प्रदर्शन, निगम में स्थाई नहीं करने का लगाया आरोप - PROTEST WITH DEAD BODY IN KOTA

कोटा नगर निगम में महिला का शव लेकर लोग प्रदर्शन करने पहुंचे. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि महिला के पति को स्थाई नहीं किया गया.

Protest with dead body in Kota
​नगर निगम में शव रखकर प्रदर्शन (ETV Bharat Kota)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 3 hours ago

Updated : 2 hours ago

कोटा: रंगबाड़ी निवासी 57 वर्षीय प्रेमबाई की मौत के बाद उनके परिजन शव को लेकर नगर निगम पहुंच गए. वहां पर लाश रखकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान उनके परिवार की महिलाएं नगर निगम परिसर में ही शोक जताते हुए विलाप कर रही है. परिजनों का आरोप है कि प्रेम बाई के पति मदनलाल नगर निगम में कई सालों तक काम करते रहे, लेकिन उन्हें स्थाई नहीं किया गया.

60 की उम्र में वे सेवा से हटा दिए गए, लेकिन पेंशन भी उन्हें नहीं मिल रही है. केवल 3 हजार रुपए ही उन्हें पेंशन दी जा रही है. जबकि वह स्थाई कार्मिक हो सकते थे. इसी के चलते हुए मनरेगा में मजदूरी करने को मजबूर हो गए हैं. दूसरी तरफ अचानक से नगर निगम में लाश लेकर हुए इस प्रदर्शन के चलते वहां पर लगे हुए सुरक्षाकर्मी और अधिकारी कर्मचारी भी सकते में आ गए हैं.

पढ़ें: संदिग्ध अवस्था में युवक की मिली लाश, परिजनों का हत्या का आरोप, अस्पताल के बाहर हंगामा - धौलपुर से अपराध की खबरें

मृतका के देवर करतार ने आरोप लगाया है कि उनके भाई मदनलाल नल-फिटिंग का काम नगर निगम में करते थे. सालों तक निगम में अस्थाई रूप में ही नौकरी करते रहे. उन्हें स्थाई नहीं किया गया. जब उनकी उम्र 60 साल हो गई, तो उन्हें काम से हटा दिया, लेकिन पेंशन के रूप में केवल 3000 रुपए मासिक ही दिया जा रहा है. इससे उनके घर का गुजारा नहीं चल रहा है. इसलिए सुबह 4 बजे उठकर दोनों पति-पत्नी मनरेगा की नौकरी में जाने लग गए थे.

पढ़ें: मासूम बेटे के अंतिम संस्कार को लेकर मां-बाप आमने-सामने, जानिए पूरा मामला - पति पत्नी के बीच विवाद

उनकी भाभी प्रेमबाई सुबह 4 बजे उठकर जाने के चलते शीतलहर की चपेट में आ गई और पहले अस्पताल में भर्ती हुई. जहां उपचार के चलते उनका का देहांत हो गया. हम इसी का विरोध जताने के लिए शव लेकर नगर निगम आए हैं. निगम के अधिकारियों से मांग की गई है कि भाई मदनलाल को पूरी पेंशन दिलाएं. क्योंकि उन्होंने पूरा जीवन ही नगर निगम में सेवाएं दी है. आज उनके हाथ में कोई पैसा नहीं है. नगर निगम कोटा उत्तर के आयुक्त अशोक कुमार त्यागी का कहना है कि इस संबंध में वह जानकारी जुटा रहे हैं. खुद जिला स्तरीय जनसुनवाई में है.

कोटा: रंगबाड़ी निवासी 57 वर्षीय प्रेमबाई की मौत के बाद उनके परिजन शव को लेकर नगर निगम पहुंच गए. वहां पर लाश रखकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान उनके परिवार की महिलाएं नगर निगम परिसर में ही शोक जताते हुए विलाप कर रही है. परिजनों का आरोप है कि प्रेम बाई के पति मदनलाल नगर निगम में कई सालों तक काम करते रहे, लेकिन उन्हें स्थाई नहीं किया गया.

60 की उम्र में वे सेवा से हटा दिए गए, लेकिन पेंशन भी उन्हें नहीं मिल रही है. केवल 3 हजार रुपए ही उन्हें पेंशन दी जा रही है. जबकि वह स्थाई कार्मिक हो सकते थे. इसी के चलते हुए मनरेगा में मजदूरी करने को मजबूर हो गए हैं. दूसरी तरफ अचानक से नगर निगम में लाश लेकर हुए इस प्रदर्शन के चलते वहां पर लगे हुए सुरक्षाकर्मी और अधिकारी कर्मचारी भी सकते में आ गए हैं.

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मृतका के देवर करतार ने आरोप लगाया है कि उनके भाई मदनलाल नल-फिटिंग का काम नगर निगम में करते थे. सालों तक निगम में अस्थाई रूप में ही नौकरी करते रहे. उन्हें स्थाई नहीं किया गया. जब उनकी उम्र 60 साल हो गई, तो उन्हें काम से हटा दिया, लेकिन पेंशन के रूप में केवल 3000 रुपए मासिक ही दिया जा रहा है. इससे उनके घर का गुजारा नहीं चल रहा है. इसलिए सुबह 4 बजे उठकर दोनों पति-पत्नी मनरेगा की नौकरी में जाने लग गए थे.

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उनकी भाभी प्रेमबाई सुबह 4 बजे उठकर जाने के चलते शीतलहर की चपेट में आ गई और पहले अस्पताल में भर्ती हुई. जहां उपचार के चलते उनका का देहांत हो गया. हम इसी का विरोध जताने के लिए शव लेकर नगर निगम आए हैं. निगम के अधिकारियों से मांग की गई है कि भाई मदनलाल को पूरी पेंशन दिलाएं. क्योंकि उन्होंने पूरा जीवन ही नगर निगम में सेवाएं दी है. आज उनके हाथ में कोई पैसा नहीं है. नगर निगम कोटा उत्तर के आयुक्त अशोक कुमार त्यागी का कहना है कि इस संबंध में वह जानकारी जुटा रहे हैं. खुद जिला स्तरीय जनसुनवाई में है.

Last Updated : 2 hours ago
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