नई दिल्ली: संसद भवन से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और संविधान निर्माता डॉ. भीम राव अम्बेडकर की प्रतिमा हटाए जाने के विरोध में दलित समाज के लोगों ने जंतर मंतर पहुंचकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. लोगों का कहना है कि बाबासाहेब की प्रतिमा को सरकार ने अचानक हटा दिया. ताकि इनके प्रभाव को ख़त्म किया जा सके. मोदी सरकार चाहती है कि इनके कद को छोटा किया जाये. यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
कांग्रेस नेता और दलित समाज से जुड़े डॉक्टर उदित राज के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया. यहां देश के विभिन्न राज्यों से दलित समाज से जुड़े लोग पहुंचे. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, दिल्ली एनसीआर के अलग-अलग क्षेत्र से दलित समाज के लोगों ने हाथों में पोस्टर संविधान की प्रति लेकर प्रदर्शन किया. हालांकि, इस दौरान जंतर मंतर पर भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात नजर आई.
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इस दौरान उदित राज ने कहा कि बाबा साहब और महात्मा गांधी के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार उनके महत्व को खत्म करने की कोशिश कर रही है. सरकार वापस उन प्रतिमाओ को अपने स्थान पर स्थापीत करे.
दरअसल, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत चल रहे काम के चलते संसद परिसर में लगी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर और छत्रपति शिवाजी की प्रतिमाओं को उनकी जगह से हटाया गया है. इसे लेकर दलित समाज में आक्रोश है.
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