लखनऊ : सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी बीते 5 दिनों से लगातार अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं और अब इस प्रदर्शन को उन्होंने अनिश्चितकालीन कर दिया है. ऐसे में उन्होंने कई बार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ऑफिस का घेराव किया. इस प्रदर्शन में करीब 20 हजार से अधिक सीएचओ शामिल रहे. बीते बुधवार को सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने व्यापक प्रदर्शन किया था. फिलहाल यह शांतिपूर्ण ढंग से इको गार्डन में प्रदर्शन कर रहे हैं.
बता दें कि प्रदेश भर से सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी राजधानी लखनऊ में प्रदर्शन करने पहुंचे हैं. यही कारण है कि 17 हजार आयुष्मान आरोग्य मंदिर पूरी तरह से बंद हो गए हैं. मरीजों को टेली कंसल्टेंसी के जरिए परामर्श नहीं मिल पा रहा है और न ही दवाएं उपलब्ध हो पा रही हैं. इतना ही नहीं टीकाकरण का कार्य भी प्रभावित हो रहा है. संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के महामंत्री योगेश उपाध्याय ने बताया कि बुधवार को प्रदेश के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य ऑफिसर (सीएचओ) अपनी जायज मांगों को लेकर मिशन निदेशक से मिलने के लिए कार्यालय पर पहुंचे थे. इस दौरान सीएचओ यूपी के प्रतिनिधिमंडल की मिशन निदेशक से लंबी वार्ता हुई, लेकिन कोई समाधान न निकलने के कारण प्रदेश के समस्त सीएचओ हड़ताल पर चले गये हैं. उन्होंने बताया कि कई लोगों पर एफआईआर भी प्रमुख सचिव की तरफ से दर्ज करा दी गई है, जिसके चलते सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया है. उन्होंने बताया कि यदि शासन प्रशासन मांगों पर ध्यान नहीं देता है तो पूरा एनएचएम आंदोलन करने पर विवश होगा.
संगठन के हिमालय कुमार ने जानकारी दी कि बीते दिन गुरुवार को किसी भी सक्षम अधिकारी ने सीएचओ के प्रतिनिधिमंडल से कोई वार्ता नहीं की, जिसके कारण अब तब तक प्रदर्शन किया जा रहा है. इस दौरान संघ के प्रदेश महामंत्री जनक सिंह, नित्यम विश्वकर्मा, नागेश शर्मा, संदीप चौधरी, बंटी चौहान, सौरभ कौशिक, रामबाबू वर्मा, फार्मासिस्ट के प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण यादव, संदीप तिवारी सदस्य संयुक्त एनएचएम ने भी अपनी बात रखी है.
सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की मांग : उप्र राज्य संविदा कार्मिकों को रिजवी कमेटी के द्वारा दिए गए सुझाव के अनुसार, समान काम समान वेतन दिया जाता है. इसके अनुसार सीएचओ को 4800 ग्रेड पे के अनुसार, वेतन निर्धारण तथा महंगाई भत्ता भी दिया जाए, वहीं अन्य राज्यों में एनएचएम का वेतन निर्धारण किया जा चुका है. जैसे मध्य प्रदेश, हरियाणा, बिहार, मेघालय, मणिपुर यूपी में भी वेतन निर्धारण जरूरी है.
- नियमित कैडर निर्माण, 6 वर्ष पर नियमितीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ करना, जिस प्रकार महाराष्ट्र, राजस्थान में एनएचएम कर्मियों को नियमितीकरण का लाभ वर्ष 2024 में दिया.
- सभी सीएचओ को स्वैच्छिक स्थानांतरण का लाभ दिया जाए, जिससे सीएचओ भी अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए, स्वस्थ मन से अपने कार्यस्थल पर कार्य कर सकें.
- अटेंडेंस मेनेजमेंट सिस्टम (एएमएस) पर ऑनलाइन उपस्थिति जब तक स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मचारियों पर लागू नहीं होती है, तब तक सीएचओ पर भी यह नियम लागू न हो.
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