कोटा : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले के विरोध में शनिवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर 24 घंटे सेवाएं बंद बाधित रही. वहीं, कोटा में भी चिकित्सकों की सुरक्षा को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में डॉक्टर्स शामिल हुए. दूसरी तरफ इस मामले में महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष राखी गौतम के नेतृत्व में कैंडल मार्च निकाला गया. यह कैंडल मार्च केशवपुरा चौराहे से तलवंडी चौराहे तक निकला. वहीं, आखिर में मृतका महिला चिकित्सक की आत्मा की शांति के लिए सभी ने मौन धारण कर प्रार्थना की. साथ ही मांग की गई कि आरोपियों के खिलाफ अविलंब सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.
मौके पर मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुए महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष राखी गौतम ने कहा कि पूरी कांग्रेस पार्टी मृतका के परिजनों के साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में डॉक्टर योद्धा बनकर हमारे साथ खड़े हुए थे. इसलिए हम अपने योद्धा और उनके हक के लिए आज खड़े हुए हैं. इस दौरान राखी गौतम ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर भी राजस्थान की भजनलाल सरकार पर हमला किया. आगे उन्होंने कहा कि महिला चिकित्सक से दुष्कर्म व हत्या जैसे जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले आरोपियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए. साथ ही ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो इसके लिए भी सरकार को सख्त कानून बनाने की जरूरत है.
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निजी चिकित्सकों के साथ अरसीदा का भी विरोध : कोलकता की घटना के विरोध में अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ सहित कई संगठनों के आह्वान पर पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पताल में ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार किया गया. अरसीदा के प्रदेश महासचिव डॉ. दुर्गा शंकर सैनी ने बताया कि राजस्थान में 15000 चिकित्सकों ने कार्य बहिष्कार किया है, जिससे राज्य में 813 सीएचसी, 2485 पीएचसी, 49 जिला, 71 उप जिला व 16 सैटेलाइट अस्पताल में ओपीडी सेवाएं बंद रही. केवल इमरजेंसी सर्विस जारी रखी गई. डॉ. सैनी ने केंद्र सरकार व राष्ट्रपति से ममता सरकार को अविलंब बर्खास्त करने की भी मांग की. चिकित्सकों ने एक स्वर में कहा कि जब तक बेटी को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. कोटा में करीब 300 से अधिक सेवारत चिकित्सकों ने ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार किया.