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शिवहर में बागमती की कृत्रिम धारा बनाने के खिलाफ धरना-प्रदर्शन, सरकार पर गरीबों का आशियाना उजाड़ने का आरोप

Protest against forced creation of artificial torrent: शिवहर में बागमती में कृत्रिम धारा के लिए उड़ाही योजना का विरोध शुरू हो गया है. सरकार के इस फैसले के खिलाफ संघर्षशील युवा मोर्चा ने किसान मैदान में धरना-प्रदर्शन किया. पढ़िये पूरी खबरः

बागमती परियोजना
शिवहर में धरना
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 25, 2024, 7:57 PM IST

धरना प्रदर्शन

शिवहरः बिहार के शिवहर में बागमती की पुरानी धारा से छेड़छाड़ और कृत्रिम धारा के लिए उड़ाही परियोजना का विरोध तेज हो गया है. इस योजना के खिलाफ संघर्षशील युवा अधिकार मंच के बैनर तले किसान महापंचायत का आयोजन किया गया. जिसमें लोगों ने सरकार पर गरीबों का आशियाना उजाड़ने का आरोप लगाया.

पर्यावरण को नष्ट करने का आरोप: परियोजना के खिलाफ आयोजित धरने में संघर्षशील युवा अधिकार मंच के अध्यक्ष आदित्य कुमार ने सरकार पर पर्यावरण और खेती की जमीन को नष्ट करने का आरोप लगाया. आदित्य कुमार ने कहा कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ पटना हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने की भी तैयारी की जा रही है.

'मर जाएंगे, अपना आशियाना नहीं छोड़ेंगे': धरने में शामिल महिलाओं का कहना है कि वो परिवार के साथ अपनी जान दे देंगी लेकिन यहां से किसी दूसरी जगह नहीं जाएंगी. महिलाओं ने सरकार से अपील की कि इस फैसले को वापस लिया जाय और बागमती को प्राकृतिक धारा के साथ ही बहने दिया जाय. उन्होंने सरकार पर आशियाना और रोटी छीनने का आरोप लगाया.

'खेती योग्य जमीन पर हो रही है उड़ाही': इलाके के लोगों का कहना है कि जिस क्षेत्र में उड़ाही की जा रही है वो पूरी तरह खेती वाली जमीन है. जमीन पर गेहूं की फसल भी लगाई गयी है. उसके बाद भी पोकलेन, जीसीबी और ट्रैक्टर से किसानों की फसलों को रौंदते हुए धार उड़ाही का कार्य किया जा रहा है. लोगों का आरोप है कि इस परियोजना के कारण हजारों किसानों की जमीन छिन जाएगी.लोगों ने इलाके के जनप्रतिनिधियों पर भी मौन रहने का आरोप लगाया.

ये भी पढ़ेंःदो नदियों को जोड़ने के लिए युद्ध स्तर पर काम जारी, शिवहर में पायलट प्रोजेक्ट से बढ़ीं उम्मीदें

धरना प्रदर्शन

शिवहरः बिहार के शिवहर में बागमती की पुरानी धारा से छेड़छाड़ और कृत्रिम धारा के लिए उड़ाही परियोजना का विरोध तेज हो गया है. इस योजना के खिलाफ संघर्षशील युवा अधिकार मंच के बैनर तले किसान महापंचायत का आयोजन किया गया. जिसमें लोगों ने सरकार पर गरीबों का आशियाना उजाड़ने का आरोप लगाया.

पर्यावरण को नष्ट करने का आरोप: परियोजना के खिलाफ आयोजित धरने में संघर्षशील युवा अधिकार मंच के अध्यक्ष आदित्य कुमार ने सरकार पर पर्यावरण और खेती की जमीन को नष्ट करने का आरोप लगाया. आदित्य कुमार ने कहा कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ पटना हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने की भी तैयारी की जा रही है.

'मर जाएंगे, अपना आशियाना नहीं छोड़ेंगे': धरने में शामिल महिलाओं का कहना है कि वो परिवार के साथ अपनी जान दे देंगी लेकिन यहां से किसी दूसरी जगह नहीं जाएंगी. महिलाओं ने सरकार से अपील की कि इस फैसले को वापस लिया जाय और बागमती को प्राकृतिक धारा के साथ ही बहने दिया जाय. उन्होंने सरकार पर आशियाना और रोटी छीनने का आरोप लगाया.

'खेती योग्य जमीन पर हो रही है उड़ाही': इलाके के लोगों का कहना है कि जिस क्षेत्र में उड़ाही की जा रही है वो पूरी तरह खेती वाली जमीन है. जमीन पर गेहूं की फसल भी लगाई गयी है. उसके बाद भी पोकलेन, जीसीबी और ट्रैक्टर से किसानों की फसलों को रौंदते हुए धार उड़ाही का कार्य किया जा रहा है. लोगों का आरोप है कि इस परियोजना के कारण हजारों किसानों की जमीन छिन जाएगी.लोगों ने इलाके के जनप्रतिनिधियों पर भी मौन रहने का आरोप लगाया.

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