बोकारो: जिले के पेटरवार थाना में पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत ने पुलिस को कटघरे में खड़ा कर दिया है. मृतक के परिजन पुलिस पर तीन दिनों से लगातार प्रताड़ित कर उसकी हत्या करने का आरोप लगा रहे हैं. उधर पुलिस का कहना है कि आरोपी ज्ञान कुमार ने थाने के लॉकअप के शौचालय में आत्महत्या कर ली. घटना मंगलवार देर रात की है. ज्ञान कुमार को घायल अवस्था में पेटरवार सीएचसी ले जाया गया, जहां उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया.
बच्ची के अपहरण के आरोप में पुलिस कर रही थी पूछताछ
युवक ज्ञान कुमार पर थाना क्षेत्र के अंगवाली में रहने वाली 9 वर्षीय बच्ची के अपहरण का संदेह था. इस मामले में पुलिस ने 3 दिन पूर्व ज्ञान कुमार को उसके घर से उठाया था. बच्ची का शव अंगवाली स्थित तेनु नहर से बरामद किया गया. शव मिलने के बाद पुलिस ने ज्ञान कुमार से गहनता से पूछताछ शुरू की और इसी बीच उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. पुलिस ने कहा है कि उसने आत्महत्या की है जबकि परिजनों ने इसे पुलिस प्रताड़ना का मामला बताया है. इस मामले को देखते हुए परिजन थाने पहुंचे, लेकिन किसी को भी थाने में प्रवेश नहीं करने दिया गया.
हिरासत में मौत के मामले के बाद गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो, बेरमो के पूर्व विधायक योगेश्वर महतो बाटुल, बेरमो एसडीपीओ विशिष्ट नारायण सिंह, एसडीएम अशोक कुमार ने परिजनों से बात की और उन्हें उचित न्याय का भरोसा दिलाया. परिजनों की मांग थी कि मृतक के आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाए, 10 लाख रुपये मुआवजा राशि दी जाए, बच्चों की उच्च शिक्षा की व्यवस्था की जाए. काफी प्रयास के बाद प्रशासन मृतक के परिजनों से बात करने में सफल रहा. प्रशासन ने मृतक के आश्रित को तत्काल एक लाख रुपये दिए.
मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग
गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो ने कहा कि पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की गई है. साथ ही मृतक के आश्रितों को रोजगार तथा बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस हिरासत में हुई मौत की जांच के लिए निष्पक्ष जांच टीम गठित की जाए तथा दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए.
एसडीएम अशोक कुमार ने कहा कि पुलिस हिरासत में हुई मौत की जानकारी बोकारो उपायुक्त को दे दी गई है तथा उनके निर्देश पर जांच की जा रही है. मृतक के परिजनों की मांगों को बोकारो उपायुक्त को दिया जाएगा तथा जो भी सरकारी प्रावधान हैं उसके तहत आश्रितों को लाभ दिया जाएगा. साथ ही जांच में अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी. पुलिस हिरासत में हुई मौत निंदनीय है.
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