लखनऊ: प्रदेश के आईटीआई संस्थानों में प्रमोशन न होने से समस्याएं बढ़ती जा रही हैं. पिछले तीन सालों से आईटीआई में प्रमोशन रुके पड़े हैं. इससे प्रदेश की कई आईटीआई संस्थान बिना प्रधानाचार्यों के चल रहे हैं. आयोग से सीधी भर्ती के और प्रमोशन के सैकड़ों पद खाली पड़े हैं. इससे कर्मचारियों की समस्याएं बढ़ गई हैं. उप्र औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अखिलेश कुमार सिंह ने इसे लेकर प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशक को पत्र लिखा है.
प्रदेश की 292 आईटीआई में अधिकांश आईटीआई बिना प्रिसिंपल के संचालित हैं. उप्र औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कर्मचारी संघ के महामंत्री सुनील कुमार ने बताया कि लखनऊ की मोहनलालगंज आईटीआई समेत प्रदेश की तकरीबन 150 आईटीआई में प्रिंसिपल ही नहीं है. प्रदेश के अन्य प्रिंसिपल को ही दूसरे आईटीआई के ऊपर जिम्मेदारी दी गई है, क्योंकि पिछले तीन साल से प्रधानाचार्य श्रेणी के पद पर पदोन्नति रुकी हुई है.
अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश में 146 पद आयोग से सीधी भर्ती के हैं और 146 पद प्रमोशन के हैं. सीधी भर्ती के 146 पद में 37 पद खाली पड़े हैं. वहीं, प्रमोशन के तकरीबन 100 फीसदी पद खाली हैं. इनमें केवल 10 पद ही भरे गये हैं. विभाग प्रधानाचार्यों का ट्रांसफर कर रहा है, लेकिन प्रशिक्षण एवं सेवायोजन विभाग की ओर से पिछले 2021-22 से कार्यदेशक से प्रधानाचार्य पद पर प्रमोशन नहीं हुआ है.
कई यूनिट के बाद भी एक ही अनुदेशक पर संस्थान संचालित हो रहे हैं. इसे लेकर कर्मचारियों में आक्रोश है. निदेशालय ने 20 जनवरी, 20 फरवरी और 4 मार्च 2024 तक चरित्र प्रविष्टि भी मांगी थी. ट्रांसफर हो गए, लेकिन प्रमोशन नहीं किए. इससे नाराज होकर संघ ने प्रमुख सचिव व्यावसायिक शिक्षा कौशल विकास और उद्यमशीलता विभाग एवं प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशक को पत्र लिखा है.
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