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'रिदम्स ऑफ रेवरेंस' में नृत्य और हाव-भाव से मीरा का चित्रण, देखकर मंत्रमुग्ध हुए दर्शक - PROGRAM DEDICATED TO GURU ORGANIZED IN DELHI

Rhythms of Reverence Program In Delhi: नई दिल्ली के मंडी हाउस स्थित एलटीजी सभागार में गुरु केएन दक्षिणामूर्ति पिल्लई के सम्मान में भरतनाट्यम का प्रदर्शन किया गया.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 8, 2024, 12:40 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी के मंडी हाउस स्थित एलटीजी सभागार में रिदम्स ऑफ रेवरेंस कार्यक्रम के तहत अपने गुरु उस्ताद केएन दक्षिणमूर्ति की याद में भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी. इस नृत्य की कोरियोग्राफ आयाम के स्टुडेंट्स की वर्तमान गरु सिंधु मिश्रा ने की. उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम आयाम के स्टूडेंट्स के माता-पिता को भी समर्पित है, जिनका अटूट समर्थन और प्रोत्साहन हमें नई ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रेरित करता है.

शिव के आनंदमय नृत्य नतनम आदिनार पर मनोभावन प्रस्तुति
शिव के आनंदमय नृत्य नतनम आदिनार पर मनोभावन प्रस्तुति (ETV BHARAT)

कार्यक्रम की शरुआत भगवान गणेश की पुुष्पांजलि से हुई. इसमें देवों में प्रथम पूज्य श्रीगणेश और गुरु को फूल चढ़ाकर उनकी पूजा की गई. भगवान गणेश के श्रीचरणों में प्रणाम को राग बाउली एवं ताल पर निबद्ध किया गया, जिसमें उषा चौहान, नंदिनी नाग, निधि जोशी, चार्वी जोशी, सोनल, त्रिसरोटा, हनीशा दुआ, रूपा कुमारी, रिद्धिमा सैनी, वैशाली, अर्चिता रॉय, अनन्या बिस्वास ने नृत्य की प्रस्तुति दी और जी एलंगोवन ने इसके लिए संगीत देने के साथ गायन भी किया.

राग तलंग में गुरु स्तुति की गई. अरुंधति चक्रवर्ती ने अपने नृत्य और विभिन्न हाव-भाव से मीरा का चित्रण किया, जो अपने आराध्य भगवान श्रीकृष्ण से एक गुरु की मांग कर रही हैं जो उसे शाश्वत श्रीकृष्ण तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त करेगा. इसके बाद राग नट्टई और ताल चतुस्र जाति में तनुषा त्यागी, अरुंधति चक्रवर्ती एवं ऐशाने भार्गव ने अलारिप्पु पर प्रदर्शन किया. अलारिप्पु, जैसा कि नाम स्पष्ट है- एक खिलता हुआ फूल. इसमें सभी नर्तकों ने अपने नृत्य को फूल की तरह ही धीरे-धीरे खिलाया. मसलन इस समूह नृत्य में पहले उनकी गर्दनें हिलीं, फिर हाथ हिले और अंत में पैर. इसके बाद सबने लयबद्ध नृत्य एक साथ किया.

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आयाम के तीसरे बैच के बच्चों ने गोस्वामी तुलसीदास कृत रामचरित मानस के प्रभु श्रीराम चंद्र पर एक भजन के जरिये राग सिंधु भैरवी एवं आदि ताल पर भरतनाट्यम की सुंदर प्रस्तुति की. इसके बाद अरुणाचल राय द्वारा रचित एवं राग भैरवी तथा ताल आदि पर आधारित पदम- यारो इवर यारो (वह कौन है) पर सुंदर प्रस्तुति की गई. इसमें उस दृश्य का सुंदर वर्णन किया गया, जब माता सीता ने भगवान प्रभु श्रीराम को महल में पहली बार देखा और पहली नजर में ही उन्हें राम से अपनापन महसूस हुआ. राम को देख उन्हें पिछले जन्म का कुछ जुड़ाव महसूस हुआ. इस भाव को रोचकता से प्रस्तुत किया गया.

वहीं श्रुति वर्मा एवं रिया गुप्ता ने राग वसंत तथा ताल खंड चप्पू पर आधारित शिव के आनंदमय नृत्य नतनम आदिनार पर मनोभावन प्रस्तुति दी. दरअसल, यह ब्रह्मांड के प्रथम नर्तक शिव का उत्सव है, जो सृजन एवं विनाश का सुंदर संतुलन करते हैं। साथ ही अंत में, रिया गुप्ता, ईशा अग्रवाल, तनुषा त्यागी, श्रुति वर्मा, शताक्षी गुप्ता ने राग मधुवंती तथा ताल आदि पर आधारित कर्नाटक संगीत थिलाना पर प्रस्तुति दी। थिलाना पल्लवी, अनुपल्लवी ताल वाक्यांश तथा चारण में गीतों का सुंदर प्रयोग है, जो आम तौर पर प्रदर्शनों में अंत में प्रस्तुत किया जाता है.

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नई दिल्ली: राजधानी के मंडी हाउस स्थित एलटीजी सभागार में रिदम्स ऑफ रेवरेंस कार्यक्रम के तहत अपने गुरु उस्ताद केएन दक्षिणमूर्ति की याद में भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी. इस नृत्य की कोरियोग्राफ आयाम के स्टुडेंट्स की वर्तमान गरु सिंधु मिश्रा ने की. उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम आयाम के स्टूडेंट्स के माता-पिता को भी समर्पित है, जिनका अटूट समर्थन और प्रोत्साहन हमें नई ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रेरित करता है.

शिव के आनंदमय नृत्य नतनम आदिनार पर मनोभावन प्रस्तुति
शिव के आनंदमय नृत्य नतनम आदिनार पर मनोभावन प्रस्तुति (ETV BHARAT)

कार्यक्रम की शरुआत भगवान गणेश की पुुष्पांजलि से हुई. इसमें देवों में प्रथम पूज्य श्रीगणेश और गुरु को फूल चढ़ाकर उनकी पूजा की गई. भगवान गणेश के श्रीचरणों में प्रणाम को राग बाउली एवं ताल पर निबद्ध किया गया, जिसमें उषा चौहान, नंदिनी नाग, निधि जोशी, चार्वी जोशी, सोनल, त्रिसरोटा, हनीशा दुआ, रूपा कुमारी, रिद्धिमा सैनी, वैशाली, अर्चिता रॉय, अनन्या बिस्वास ने नृत्य की प्रस्तुति दी और जी एलंगोवन ने इसके लिए संगीत देने के साथ गायन भी किया.

राग तलंग में गुरु स्तुति की गई. अरुंधति चक्रवर्ती ने अपने नृत्य और विभिन्न हाव-भाव से मीरा का चित्रण किया, जो अपने आराध्य भगवान श्रीकृष्ण से एक गुरु की मांग कर रही हैं जो उसे शाश्वत श्रीकृष्ण तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त करेगा. इसके बाद राग नट्टई और ताल चतुस्र जाति में तनुषा त्यागी, अरुंधति चक्रवर्ती एवं ऐशाने भार्गव ने अलारिप्पु पर प्रदर्शन किया. अलारिप्पु, जैसा कि नाम स्पष्ट है- एक खिलता हुआ फूल. इसमें सभी नर्तकों ने अपने नृत्य को फूल की तरह ही धीरे-धीरे खिलाया. मसलन इस समूह नृत्य में पहले उनकी गर्दनें हिलीं, फिर हाथ हिले और अंत में पैर. इसके बाद सबने लयबद्ध नृत्य एक साथ किया.

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आयाम के तीसरे बैच के बच्चों ने गोस्वामी तुलसीदास कृत रामचरित मानस के प्रभु श्रीराम चंद्र पर एक भजन के जरिये राग सिंधु भैरवी एवं आदि ताल पर भरतनाट्यम की सुंदर प्रस्तुति की. इसके बाद अरुणाचल राय द्वारा रचित एवं राग भैरवी तथा ताल आदि पर आधारित पदम- यारो इवर यारो (वह कौन है) पर सुंदर प्रस्तुति की गई. इसमें उस दृश्य का सुंदर वर्णन किया गया, जब माता सीता ने भगवान प्रभु श्रीराम को महल में पहली बार देखा और पहली नजर में ही उन्हें राम से अपनापन महसूस हुआ. राम को देख उन्हें पिछले जन्म का कुछ जुड़ाव महसूस हुआ. इस भाव को रोचकता से प्रस्तुत किया गया.

वहीं श्रुति वर्मा एवं रिया गुप्ता ने राग वसंत तथा ताल खंड चप्पू पर आधारित शिव के आनंदमय नृत्य नतनम आदिनार पर मनोभावन प्रस्तुति दी. दरअसल, यह ब्रह्मांड के प्रथम नर्तक शिव का उत्सव है, जो सृजन एवं विनाश का सुंदर संतुलन करते हैं। साथ ही अंत में, रिया गुप्ता, ईशा अग्रवाल, तनुषा त्यागी, श्रुति वर्मा, शताक्षी गुप्ता ने राग मधुवंती तथा ताल आदि पर आधारित कर्नाटक संगीत थिलाना पर प्रस्तुति दी। थिलाना पल्लवी, अनुपल्लवी ताल वाक्यांश तथा चारण में गीतों का सुंदर प्रयोग है, जो आम तौर पर प्रदर्शनों में अंत में प्रस्तुत किया जाता है.

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