ETV Bharat / state

यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली प्रोफेसर को आईआईएम ने नौकरी से निकाला था, हाईकोर्ट ने बहाल करने का दिया आदेश

IIM professor sexual harassment. यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली जिन महिला प्रोफेसर को आईआईएम ने नौकरी से निकाल दिया था उन्हें हाईकोर्ट ने बहाल करने का आदेश दिया है.

Jharkhand High Court
Jharkhand High Court
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 12, 2024, 7:04 PM IST

रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने रांची स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) में अपने सहकर्मी प्रोफेसर के खिलाफ कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला प्रोफेसर को नौकरी में बहाल करने का आदेश दिया है. आईआईएम के डायरेक्टर एवं डिसिप्लिनरी अथॉरिटी ने अक्टूबर, 2017 में महिला प्रोफेसर को मेजर मिसकंडक्ट के आरोप में नौकरी से बर्खास्त कर दिया था.

तीस दिनों के अंदर 50 फीसदी वेजेज भुगतान के आदेश

झारखंड हाईकोर्ट ने महिला प्रोफेसर की याचिका पर सुनवाई के बाद उन्हें नौकरी में फिर से बहाल करने और नौकरी से बाहर रहने की पूरी अवधि का पचास फीसदी वेजेज 30 दिनों के अंदर भुगतान करने का आदेश आईआईएम प्रबंधन को दिया है. निर्धारित समय पर बीती अवधि का वेजेज नहीं देने पर प्रतिवर्ष छह प्रतिशत ब्याज की दर से राशि का भुगतान करना होगा.

गोंदा थाना में दर्ज हुई थी प्राथमिकी

आईआईएम रांची की महिला प्रोफेसर ने अपने सहकर्मी प्रोफेसर पर वर्क प्लेस पर सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप लगाते हुए रांची के गोंदा थाने में 24 जुलाई 2014 को एफआईआर दर्ज कराई थी.

पुलिस ने जांच के दौरान मामले में साक्ष्य नहीं मिलने का हवाला देते हुए महिला प्रोफेसर को बिना नोटिस दिए निचली अदालत में फाइनल फॉर्म दाखिल कर दिया था. इसके बाद निचली अदालत ने उनके केस को उन्हें बिना नोटिस दिए बंद कर दिया था.

आईआईएम रांची के डायरेक्टर और डिसिप्लिनरी अथॉरिटी ने इस मामले में मेजर मिसकंडक्ट के तहत विभागीय कार्यवाही करते हुए महिला प्रोफेसर को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था.

रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने रांची स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) में अपने सहकर्मी प्रोफेसर के खिलाफ कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला प्रोफेसर को नौकरी में बहाल करने का आदेश दिया है. आईआईएम के डायरेक्टर एवं डिसिप्लिनरी अथॉरिटी ने अक्टूबर, 2017 में महिला प्रोफेसर को मेजर मिसकंडक्ट के आरोप में नौकरी से बर्खास्त कर दिया था.

तीस दिनों के अंदर 50 फीसदी वेजेज भुगतान के आदेश

झारखंड हाईकोर्ट ने महिला प्रोफेसर की याचिका पर सुनवाई के बाद उन्हें नौकरी में फिर से बहाल करने और नौकरी से बाहर रहने की पूरी अवधि का पचास फीसदी वेजेज 30 दिनों के अंदर भुगतान करने का आदेश आईआईएम प्रबंधन को दिया है. निर्धारित समय पर बीती अवधि का वेजेज नहीं देने पर प्रतिवर्ष छह प्रतिशत ब्याज की दर से राशि का भुगतान करना होगा.

गोंदा थाना में दर्ज हुई थी प्राथमिकी

आईआईएम रांची की महिला प्रोफेसर ने अपने सहकर्मी प्रोफेसर पर वर्क प्लेस पर सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप लगाते हुए रांची के गोंदा थाने में 24 जुलाई 2014 को एफआईआर दर्ज कराई थी.

पुलिस ने जांच के दौरान मामले में साक्ष्य नहीं मिलने का हवाला देते हुए महिला प्रोफेसर को बिना नोटिस दिए निचली अदालत में फाइनल फॉर्म दाखिल कर दिया था. इसके बाद निचली अदालत ने उनके केस को उन्हें बिना नोटिस दिए बंद कर दिया था.

आईआईएम रांची के डायरेक्टर और डिसिप्लिनरी अथॉरिटी ने इस मामले में मेजर मिसकंडक्ट के तहत विभागीय कार्यवाही करते हुए महिला प्रोफेसर को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था.

इनपुट- आईएएनएस

ये भी पढ़ें-

फिल्म निर्माता निर्देशक प्रकाश झा को झारखंड हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, जमीन विवाद में दर्ज एफआईआर निरस्त

राहुल गांधी मामले में बहस पूरी, हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित, अमित शाह के खिलाफ अमर्यादित बयान का है मामला

वृद्ध सास या दादी सास की सेवा करना विवाहित महिला का कर्तव्य: झारखंड हाईकोर्ट

उपायुक्त नहीं कर सकते सेल डीड रद्द, राज्य सरकार का आदेश निरस्त, हाईकोर्ट ने कहा- सिविल कोर्ट को है अधिकार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.