रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने रांची स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) में अपने सहकर्मी प्रोफेसर के खिलाफ कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला प्रोफेसर को नौकरी में बहाल करने का आदेश दिया है. आईआईएम के डायरेक्टर एवं डिसिप्लिनरी अथॉरिटी ने अक्टूबर, 2017 में महिला प्रोफेसर को मेजर मिसकंडक्ट के आरोप में नौकरी से बर्खास्त कर दिया था.
तीस दिनों के अंदर 50 फीसदी वेजेज भुगतान के आदेश
झारखंड हाईकोर्ट ने महिला प्रोफेसर की याचिका पर सुनवाई के बाद उन्हें नौकरी में फिर से बहाल करने और नौकरी से बाहर रहने की पूरी अवधि का पचास फीसदी वेजेज 30 दिनों के अंदर भुगतान करने का आदेश आईआईएम प्रबंधन को दिया है. निर्धारित समय पर बीती अवधि का वेजेज नहीं देने पर प्रतिवर्ष छह प्रतिशत ब्याज की दर से राशि का भुगतान करना होगा.
गोंदा थाना में दर्ज हुई थी प्राथमिकी
आईआईएम रांची की महिला प्रोफेसर ने अपने सहकर्मी प्रोफेसर पर वर्क प्लेस पर सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप लगाते हुए रांची के गोंदा थाने में 24 जुलाई 2014 को एफआईआर दर्ज कराई थी.
पुलिस ने जांच के दौरान मामले में साक्ष्य नहीं मिलने का हवाला देते हुए महिला प्रोफेसर को बिना नोटिस दिए निचली अदालत में फाइनल फॉर्म दाखिल कर दिया था. इसके बाद निचली अदालत ने उनके केस को उन्हें बिना नोटिस दिए बंद कर दिया था.
आईआईएम रांची के डायरेक्टर और डिसिप्लिनरी अथॉरिटी ने इस मामले में मेजर मिसकंडक्ट के तहत विभागीय कार्यवाही करते हुए महिला प्रोफेसर को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था.
इनपुट- आईएएनएस
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