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शिक्षा विभाग के आदेशों के खिलाफ प्राइवेट स्कूल संचालकों ने खटखटाया सीएम का दरवाजा

Opposition to order of Rajasthan Education Department, शिक्षा विभाग की ओर से प्राइवेट स्कूलों के नियमित निरीक्षण करने के आदेशों के खिलाफ प्राइवेट स्कूल संचालकों ने सीएम का दरवाजा खटखटाया है. उनका कहना है कि 100 दिवसीय कार्य योजना के नाम पर शिक्षा विभाग में एक मनमाना आदेश निकाला.

Opposition to order of Rajasthan Education Department
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 3, 2024, 7:12 PM IST

Updated : Mar 3, 2024, 7:31 PM IST

प्राइवेट स्कूल संचालकों ने खटखटाया सीएम का दरवाजा

जयपुर. प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों के नियमित निरीक्षण करने के आदेश स्कूल संचालकों को रास नहीं आए. इसके चलते पहले उन्होंने अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा और रविवार को मुख्यमंत्री के अस्थाई आवास ओटीएस का रुख किया, जहां से उन्हें आश्वस्त किया गया कि निरीक्षण के ये आदेश लागू नहीं किए जाएंगे. वहीं, सोमवार को नए शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल के ज्वाइन करने के बाद प्राइवेट स्कूल संचालक इस संबंध में उनसे भी वार्ता करेंगे.

शिक्षा विभाग के अधिकारियों को समय-समय पर प्राइवेट स्कूलों का निरीक्षण करने के आदेश जारी किए गए, जिसमें निजी स्कूलों से संबंधित नियम और कानून की पालना सुचारू रूप से हो रही है या नहीं इसकी जांच की जानी थी. इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारियों की ओर से प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए विशेष टीम का भी गठन किया गया. साथ ही उन्हें निजी स्कूलों के मान्यता आदेशों के अनुसार स्कूल के भू-स्वामित्व या पंजीकृत किराएनामें के दस्तावेज, स्कूल को संचालित करने वाले ट्रस्ट या समिति के दस्तावेज, संपत्तियों के विवरण, स्कूल भवन के ब्लूप्रिंट, फायर एनओसी और स्वच्छता आदि की जांच करने के निर्देश दिए गए.

पढ़ें. त्रिस्तरीय जांच व्यवस्था के साथ RSSB ने आयोजित कराई कंप्यूटर और सीएचओ भर्ती परीक्षा

हालांकि, प्राइवेट स्कूल संचालकों ने इन आदेशों का विरोध किया, जिसके चलते उन्होंने रविवार को सीएम का दरवाजा खटखटाया. इस संबंध में स्कूल शिक्षा परिवार के प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने बताया कि 100 दिवसीय कार्य योजना के नाम पर शिक्षा विभाग में एक मनमाना आदेश निकाला. इसके तहत गैर सरकारी स्कूलों के नियमित निरीक्षण की बात कही गई थी. उसमें कुल 21 बिंदु दिए गए थे, जिनकी अक्षरशः पालना होनी थी. साथ ही कहा गया कि जो स्कूल संचालक सहयोग नहीं करेगा, उनकी मान्यता तत्काल समाप्त कर दी जाएगी या फिर उनके स्कूल का अधिग्रहण कर लिया जाएगा.

इस तरह के मनमाने और कड़े आदेश के खिलाफ सारे राजस्थान के निजी स्कूल संचालकों की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय में अवगत कराया गया. इस पर सीएम अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि इस आदेश को लागू नहीं किया जाएगा. साथ ही प्राइवेट स्कूल संचालकों को परेशान न होना पड़े इसके लिए कानून को मद्देनजर रखते हुए शासन सचिव स्तर पर उनका समाधान किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस संबंध में विस्तृत चर्चा के लिए नए शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल के साथ भी वार्ता की जाएगी. फिर भी यदि प्राइवेट स्कूल संचालक संतुष्ट नहीं होते हैं तो इन समस्याओं को लेकर दोबारा सीएमओ का रुख करेंगे.

प्राइवेट स्कूल संचालकों ने खटखटाया सीएम का दरवाजा

जयपुर. प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों के नियमित निरीक्षण करने के आदेश स्कूल संचालकों को रास नहीं आए. इसके चलते पहले उन्होंने अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा और रविवार को मुख्यमंत्री के अस्थाई आवास ओटीएस का रुख किया, जहां से उन्हें आश्वस्त किया गया कि निरीक्षण के ये आदेश लागू नहीं किए जाएंगे. वहीं, सोमवार को नए शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल के ज्वाइन करने के बाद प्राइवेट स्कूल संचालक इस संबंध में उनसे भी वार्ता करेंगे.

शिक्षा विभाग के अधिकारियों को समय-समय पर प्राइवेट स्कूलों का निरीक्षण करने के आदेश जारी किए गए, जिसमें निजी स्कूलों से संबंधित नियम और कानून की पालना सुचारू रूप से हो रही है या नहीं इसकी जांच की जानी थी. इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारियों की ओर से प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए विशेष टीम का भी गठन किया गया. साथ ही उन्हें निजी स्कूलों के मान्यता आदेशों के अनुसार स्कूल के भू-स्वामित्व या पंजीकृत किराएनामें के दस्तावेज, स्कूल को संचालित करने वाले ट्रस्ट या समिति के दस्तावेज, संपत्तियों के विवरण, स्कूल भवन के ब्लूप्रिंट, फायर एनओसी और स्वच्छता आदि की जांच करने के निर्देश दिए गए.

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हालांकि, प्राइवेट स्कूल संचालकों ने इन आदेशों का विरोध किया, जिसके चलते उन्होंने रविवार को सीएम का दरवाजा खटखटाया. इस संबंध में स्कूल शिक्षा परिवार के प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने बताया कि 100 दिवसीय कार्य योजना के नाम पर शिक्षा विभाग में एक मनमाना आदेश निकाला. इसके तहत गैर सरकारी स्कूलों के नियमित निरीक्षण की बात कही गई थी. उसमें कुल 21 बिंदु दिए गए थे, जिनकी अक्षरशः पालना होनी थी. साथ ही कहा गया कि जो स्कूल संचालक सहयोग नहीं करेगा, उनकी मान्यता तत्काल समाप्त कर दी जाएगी या फिर उनके स्कूल का अधिग्रहण कर लिया जाएगा.

इस तरह के मनमाने और कड़े आदेश के खिलाफ सारे राजस्थान के निजी स्कूल संचालकों की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय में अवगत कराया गया. इस पर सीएम अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि इस आदेश को लागू नहीं किया जाएगा. साथ ही प्राइवेट स्कूल संचालकों को परेशान न होना पड़े इसके लिए कानून को मद्देनजर रखते हुए शासन सचिव स्तर पर उनका समाधान किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस संबंध में विस्तृत चर्चा के लिए नए शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल के साथ भी वार्ता की जाएगी. फिर भी यदि प्राइवेट स्कूल संचालक संतुष्ट नहीं होते हैं तो इन समस्याओं को लेकर दोबारा सीएमओ का रुख करेंगे.

Last Updated : Mar 3, 2024, 7:31 PM IST
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