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छपरा का ये सरकारी विद्यालय प्राइवेट स्कूलों को देता है टक्कर, क्रिएटिविटी ऐसी की हर कोई कराना चाहता है एडमिशन

Upgraded Middle School In Chapra: छपरा में सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों को टक्कर दे रहा है. ये सरकारी विद्यालय ऐसे जिसमें सभी अभिभावक चाहते हैं कि उनके बच्चे का एडमिशन हो. इस उत्क्रमित मध्य विद्यालय में प्राइवेट स्कूल जैसी सुविधाएं बच्चों को दी जा रही है. आगे पढ़ें पूरी खबर.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 5, 2024, 9:48 AM IST

Updated : Feb 5, 2024, 6:45 PM IST

छपरा का सरकारी विद्यालय

छपरा: आज के परिवेश में हर अभिभावक यह चाहता है कि उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, इसके लिए वो हर संभव प्रयास करते हैं. इसके लिए अभिभावक कुछ भी करने को तैयार रहते है वो अपने बच्चे को महंगे प्राइवेट स्कूल में अच्छी शिक्षा देने के लिए भेजना चाहते हैं. ऐसी धारणा है कि सरकारी स्कूल के मुकाबले प्राइवेट स्कूलों में ज्यादा क्रिएटिविटी के साथ पढ़ाया जाता है. छपरा का सरकारी विद्यालय इन सभी प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देता है. पढ़ाई से लेकर क्रिएटिविटी तक सभी यहां काफी बेहतर है.

प्राइवेट स्कूल को देता है मात: इस तरह के स्कूल की बात करें तो प्राइवेट स्कूल को टक्कर देने वाला यह स्कूल सारण जिले के नगरा प्रखंड के लोहा छपरा स्थित है. यह सरकारी उत्क्रमित मध्य विद्यालय प्राइवेट स्कूलों जैसी सुविधा दे रहा है. यहां के शिक्षकों के रचनात्मक कार्यों से यह विद्यालय लगातार तरक्की कर रहा है. यहां मिलने वाली गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा, संस्कार के सभी दीवाने हैं. बच्चों ने बताया कि "हमें स्कूल आना काफी पसंद है, यहां शिक्षक अच्छे से पढ़ाते हैं और यहां की दीवारे काफी जानकारी से भरी हुई है."

छपरा का सरकारी विद्यालय
छपरा का सरकारी विद्यालय

शिक्षा व्यवस्था से अभिभावक और बच्चे खुश: इसमें पढ़ने वाले बच्चे और उनके अभिभावक भी इस बात से खुश हैं कि उनके बच्चे जिस सरकारी विद्यालय में पढ़ते है वहां की पढ़ाई काफी अच्छी है. उन्हें पता है कि उनके बच्चें यहां अच्छी शिक्षा प्राप्त कर जीवन में कुछ अच्छा करेंगे. इस स्कूल की शिक्षिका ने बताया कि आज की शिक्षा व्यवस्था की बात की जाए तो बिहार सरकार उत्तम एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.

"बिहार सरकार ने बड़े पैमाने पर नए शिक्षकों की भर्ती और स्कूलों के सुधार के लिए लगातार कार्रवाई की है. इस विद्यालय की की दीवारों को ट्रेन की तरह रंगा गया है. जिससे बच्चों को यहां पढ़ाई करने में और मन लगा रहे. साथ ही हम लोग बच्चों को क्रिएटिविटी के साथ पढ़ाते हैं."-शिक्षिका, उत्क्रमित मध्य विद्यालय

सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार: प्राइवेट स्कूलों की बढ़ती हुई डिमांड और उसमें बच्चों के होने वाले दाखिले को और सरकारी स्कूल में बच्चों के दाखिले में होने वाले अंतर को कम किया जाए, इसके लिय सरकारी स्कूल को उस स्तर का बनाने का पूरी प्रयास किया जा रहा है. आज भी सरकारी स्कूलों की स्थिति बद से बदतर है और आज भी थोड़े से भी सक्षम अभिभावक अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना ज्यादा पसंद करते हैं.

शिक्षक कर रहे पूरा प्रयास: उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्राचार्य ने कहा कि "बिहार के सरकारी स्कूलों में भी एक से एक बढ़कर शिक्षक हैं जो अपने रचनात्मक कार्यों से उस स्कूल का कायाकल्प कर देते हैं. वो अपने क्रियाकलापों से अपने सरकारी विद्यालय को हर तरह से सजाते और सवारते हैं कि उनके विद्यालय के सामने प्राइवेट स्कूल फीके पड़ जाएं." अपने विद्यालय को इस तरह बनाते हैं कि हर बच्चे और हर अभिभावक का सपना होता कि वह अपने बच्चों को इसी स्कूल में दाखिला दिलाएं.

पढ़ें-पटना के सरकारी स्कूल की बेटियों को मिल रही कराटे की ट्रेनिंग, आत्मनिर्भर बनकर मनचलों को सिखाएगी सबक

छपरा का सरकारी विद्यालय

छपरा: आज के परिवेश में हर अभिभावक यह चाहता है कि उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, इसके लिए वो हर संभव प्रयास करते हैं. इसके लिए अभिभावक कुछ भी करने को तैयार रहते है वो अपने बच्चे को महंगे प्राइवेट स्कूल में अच्छी शिक्षा देने के लिए भेजना चाहते हैं. ऐसी धारणा है कि सरकारी स्कूल के मुकाबले प्राइवेट स्कूलों में ज्यादा क्रिएटिविटी के साथ पढ़ाया जाता है. छपरा का सरकारी विद्यालय इन सभी प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देता है. पढ़ाई से लेकर क्रिएटिविटी तक सभी यहां काफी बेहतर है.

प्राइवेट स्कूल को देता है मात: इस तरह के स्कूल की बात करें तो प्राइवेट स्कूल को टक्कर देने वाला यह स्कूल सारण जिले के नगरा प्रखंड के लोहा छपरा स्थित है. यह सरकारी उत्क्रमित मध्य विद्यालय प्राइवेट स्कूलों जैसी सुविधा दे रहा है. यहां के शिक्षकों के रचनात्मक कार्यों से यह विद्यालय लगातार तरक्की कर रहा है. यहां मिलने वाली गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा, संस्कार के सभी दीवाने हैं. बच्चों ने बताया कि "हमें स्कूल आना काफी पसंद है, यहां शिक्षक अच्छे से पढ़ाते हैं और यहां की दीवारे काफी जानकारी से भरी हुई है."

छपरा का सरकारी विद्यालय
छपरा का सरकारी विद्यालय

शिक्षा व्यवस्था से अभिभावक और बच्चे खुश: इसमें पढ़ने वाले बच्चे और उनके अभिभावक भी इस बात से खुश हैं कि उनके बच्चे जिस सरकारी विद्यालय में पढ़ते है वहां की पढ़ाई काफी अच्छी है. उन्हें पता है कि उनके बच्चें यहां अच्छी शिक्षा प्राप्त कर जीवन में कुछ अच्छा करेंगे. इस स्कूल की शिक्षिका ने बताया कि आज की शिक्षा व्यवस्था की बात की जाए तो बिहार सरकार उत्तम एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.

"बिहार सरकार ने बड़े पैमाने पर नए शिक्षकों की भर्ती और स्कूलों के सुधार के लिए लगातार कार्रवाई की है. इस विद्यालय की की दीवारों को ट्रेन की तरह रंगा गया है. जिससे बच्चों को यहां पढ़ाई करने में और मन लगा रहे. साथ ही हम लोग बच्चों को क्रिएटिविटी के साथ पढ़ाते हैं."-शिक्षिका, उत्क्रमित मध्य विद्यालय

सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार: प्राइवेट स्कूलों की बढ़ती हुई डिमांड और उसमें बच्चों के होने वाले दाखिले को और सरकारी स्कूल में बच्चों के दाखिले में होने वाले अंतर को कम किया जाए, इसके लिय सरकारी स्कूल को उस स्तर का बनाने का पूरी प्रयास किया जा रहा है. आज भी सरकारी स्कूलों की स्थिति बद से बदतर है और आज भी थोड़े से भी सक्षम अभिभावक अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना ज्यादा पसंद करते हैं.

शिक्षक कर रहे पूरा प्रयास: उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्राचार्य ने कहा कि "बिहार के सरकारी स्कूलों में भी एक से एक बढ़कर शिक्षक हैं जो अपने रचनात्मक कार्यों से उस स्कूल का कायाकल्प कर देते हैं. वो अपने क्रियाकलापों से अपने सरकारी विद्यालय को हर तरह से सजाते और सवारते हैं कि उनके विद्यालय के सामने प्राइवेट स्कूल फीके पड़ जाएं." अपने विद्यालय को इस तरह बनाते हैं कि हर बच्चे और हर अभिभावक का सपना होता कि वह अपने बच्चों को इसी स्कूल में दाखिला दिलाएं.

पढ़ें-पटना के सरकारी स्कूल की बेटियों को मिल रही कराटे की ट्रेनिंग, आत्मनिर्भर बनकर मनचलों को सिखाएगी सबक

Last Updated : Feb 5, 2024, 6:45 PM IST
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