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कई दिग्गज नेता समेत साढ़े 5 लाख नागरिक लोकसभा चुनाव 2024 में नहीं डाल पाएंगे वोट, जानिए वजह - Prisoners Voting Rule

लोकसभा चुनाव 2024 की बात हो या फिर इससे पहले के चुनाव, उनमें कई बार ऐसा हुआ कि नेताओं ने जेल में रहकर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. ऐसे में आईए जानते हैं कि आखिर जब जेल में बंद कैदी चुनाव लड़ सकता है तो वोट क्यों नही कर सकता। और वो कौन से कैदी है, जिन्हे जेल में बंद रहने के बाद भी वोट देने का अधिकार दिया जाता है?

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 22, 2024, 1:33 PM IST

लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी के 5 दिग्गज और बाहुबली नेता अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. ये नेता हैं धनंजय सिंह (Dhananjay Singh), इरफान सोलंकी (Irfan Solanki), अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam), आजम खान (Azam Khan), अब्बास अंसारी (Abbas Ansari). इसके साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) भी वोट नहीं डाल पाएंगे. इसका कारण इन सभी नेताओं का जेल में होना है.

अब सवाल ये उठता है कि जब जेल में रहकर नेता चुनाव लड़ सकते हैं तो फिर मतदान क्यों नहीं कर सकते. बता दें कि यूपी में हरिशंकर तिवारी ने वर्ष 1985 में जेल में रहते चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. ना सिर्फ तिवारी बल्कि वीरेंद्र शाही, राजा भैया, अखिलेश सिंह, मुख्तार अंसारी और आजम खान ने जेल में रहते चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की.

इन नेताओं ने भले ही जेल में रहते चुनाव लड़ लिया लेकिन देश की 1330 और यूपी की 77 जेलों में बंद पांच लाख से अधिक कैदियों को वोट करने का अधिकार नहीं है. भले ही इन कैदियों का नाम मतदाता सूची में हो लेकिन वो अपने मत का प्रयोग नहीं कर सकते हैं.

हर एक नागरिक चाहता है कि वह अपनी मनपसंद सरकार चुने. इसके लिए हर कोई मत प्रयोग करेगा और चुनाव आयोग सभी से मतदान करने की अपील भी कर रहा है. लेकिन, इस बार साढ़े पांच लाख लोग वोट नहीं कर पाएंगे, वो इसलिए क्योंकि वो देश की अलग अलग जेलों में बंद हैं.

दरअसल, जन प्रतिनिधित्व कानून,1951 की धारा 62 (5) के अनुसार, न्यायिक आदेश से जेल में बंद या पुलिस अभिरक्षा में होने वाले व्यक्ति को वोट देने का अधिकार नहीं है. चाहे उसे कोर्ट द्वारा सजा सुना दी गई हो या फिर वह जेल में रहकर अपने केस पर कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहा हो.

विदेश में भी बंदियों को वोट करने पर है रोक: कानून विशेषज्ञ प्रिंस लेनिन ने बताया कि कैदी वोट नहीं कर सकता. यह नियम सिर्फ भारत में ही लागू नहीं है. बल्कि रूस, इंग्लैंड, ऑस्ट्रिया जैसे देश में भी जेल में बंद बंदियों को वोट करने की मंजूरी नहीं है.

हालांकि स्वीडन, स्पेन, फिनलैंड और स्विटजरलैंड बंदियों को वोट देने की इजाजत दी गई है. इसके अलावा ग्रीस व इटली जैसे देश में उम्रकैद की सजा काट रहे बंदियों को छोड़कर सभी बंदी मतदान कर सकते हैं.

भारत में भी बंदी वोट कर सके इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल भी दाखिल हुई थी, जिसको लेकर कोर्ट ने चुनाव आयोग से इस बाबत जवाब मांगा था. फिलहाल इसमें अभी कोई फैसला नहीं लिया जा सका है.

कुछ कैदी कर सकते हैं वोट: लखनऊ जिला जेल के अधीक्षक आशीष तिवारी ने बताया कि निसंदेह जेल में बंद कैदी वोट करने के अधिकार से वंचित हैं. यदि वे जमानत या पैरोल पर जेल से बाहर हैं तो वो वोट कर सकते हैं. लेकिन कुछ ऐसे भी बंदी हैं जिन्हे जेल में बंद रहने के बाद भी वोट करने का अधिकार है.

जेल अधीक्षक के मुताबिक, वो कैदी जो राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) और शांतिभंग की धाराओं में बंद हैं और उन पर इन धाराओं के साथ कोई अन्य अपराधिक केस नहीं दर्ज है तो उन्हें वोट करने की व्यवस्था है. प्रत्येक जेल से जिला निर्वाचन आयोग ऐसे ही कैदियों की जानकारी मांगता है और फिर उन्हें बैलेट पेपर से वोट करने का अधिकार दिया जाता है.

किस किस को है वोट देने का अधिकार

  • प्रत्येक नागरिक जो 18 वर्ष का हो, वोट कर सकता है
  • उस व्यक्ति का निवास स्थान पर ही मतदाता के तौर पर नामांकन होगा.
  • मतदान का अधिकार एक ही जगह का होगा.
  • पासपोर्ट में दिए गए पते के आधार पर प्रवासी भारतीय (एनआरआई) को सामान्य रूप से निवासी माना जाता है और मतदान करने का अधिकार होता है.

7 चरणों में हो रहा लोकसभा चुनाव 2024: बतादें, लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सात चरणों में मतदान होगा. बीती 19 अप्रैल को पहले चरण के लिए 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ था. 26 अप्रैल को दूसरे चरण, 7 मई को तीसरे, 13 मई को चौथे, 20 मई को पांचवे, 25 मई को छठे और 1 जून को सातवें चरण के लिए मतदान होगा.

ये भी पढ़ेंः पहले चरण में 10% तक कम मतदान, भाजपा की टेंशन बढ़ी, अब सेकेंड फेज पर नजर

लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी के 5 दिग्गज और बाहुबली नेता अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. ये नेता हैं धनंजय सिंह (Dhananjay Singh), इरफान सोलंकी (Irfan Solanki), अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam), आजम खान (Azam Khan), अब्बास अंसारी (Abbas Ansari). इसके साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) भी वोट नहीं डाल पाएंगे. इसका कारण इन सभी नेताओं का जेल में होना है.

अब सवाल ये उठता है कि जब जेल में रहकर नेता चुनाव लड़ सकते हैं तो फिर मतदान क्यों नहीं कर सकते. बता दें कि यूपी में हरिशंकर तिवारी ने वर्ष 1985 में जेल में रहते चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. ना सिर्फ तिवारी बल्कि वीरेंद्र शाही, राजा भैया, अखिलेश सिंह, मुख्तार अंसारी और आजम खान ने जेल में रहते चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की.

इन नेताओं ने भले ही जेल में रहते चुनाव लड़ लिया लेकिन देश की 1330 और यूपी की 77 जेलों में बंद पांच लाख से अधिक कैदियों को वोट करने का अधिकार नहीं है. भले ही इन कैदियों का नाम मतदाता सूची में हो लेकिन वो अपने मत का प्रयोग नहीं कर सकते हैं.

हर एक नागरिक चाहता है कि वह अपनी मनपसंद सरकार चुने. इसके लिए हर कोई मत प्रयोग करेगा और चुनाव आयोग सभी से मतदान करने की अपील भी कर रहा है. लेकिन, इस बार साढ़े पांच लाख लोग वोट नहीं कर पाएंगे, वो इसलिए क्योंकि वो देश की अलग अलग जेलों में बंद हैं.

दरअसल, जन प्रतिनिधित्व कानून,1951 की धारा 62 (5) के अनुसार, न्यायिक आदेश से जेल में बंद या पुलिस अभिरक्षा में होने वाले व्यक्ति को वोट देने का अधिकार नहीं है. चाहे उसे कोर्ट द्वारा सजा सुना दी गई हो या फिर वह जेल में रहकर अपने केस पर कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहा हो.

विदेश में भी बंदियों को वोट करने पर है रोक: कानून विशेषज्ञ प्रिंस लेनिन ने बताया कि कैदी वोट नहीं कर सकता. यह नियम सिर्फ भारत में ही लागू नहीं है. बल्कि रूस, इंग्लैंड, ऑस्ट्रिया जैसे देश में भी जेल में बंद बंदियों को वोट करने की मंजूरी नहीं है.

हालांकि स्वीडन, स्पेन, फिनलैंड और स्विटजरलैंड बंदियों को वोट देने की इजाजत दी गई है. इसके अलावा ग्रीस व इटली जैसे देश में उम्रकैद की सजा काट रहे बंदियों को छोड़कर सभी बंदी मतदान कर सकते हैं.

भारत में भी बंदी वोट कर सके इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल भी दाखिल हुई थी, जिसको लेकर कोर्ट ने चुनाव आयोग से इस बाबत जवाब मांगा था. फिलहाल इसमें अभी कोई फैसला नहीं लिया जा सका है.

कुछ कैदी कर सकते हैं वोट: लखनऊ जिला जेल के अधीक्षक आशीष तिवारी ने बताया कि निसंदेह जेल में बंद कैदी वोट करने के अधिकार से वंचित हैं. यदि वे जमानत या पैरोल पर जेल से बाहर हैं तो वो वोट कर सकते हैं. लेकिन कुछ ऐसे भी बंदी हैं जिन्हे जेल में बंद रहने के बाद भी वोट करने का अधिकार है.

जेल अधीक्षक के मुताबिक, वो कैदी जो राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) और शांतिभंग की धाराओं में बंद हैं और उन पर इन धाराओं के साथ कोई अन्य अपराधिक केस नहीं दर्ज है तो उन्हें वोट करने की व्यवस्था है. प्रत्येक जेल से जिला निर्वाचन आयोग ऐसे ही कैदियों की जानकारी मांगता है और फिर उन्हें बैलेट पेपर से वोट करने का अधिकार दिया जाता है.

किस किस को है वोट देने का अधिकार

  • प्रत्येक नागरिक जो 18 वर्ष का हो, वोट कर सकता है
  • उस व्यक्ति का निवास स्थान पर ही मतदाता के तौर पर नामांकन होगा.
  • मतदान का अधिकार एक ही जगह का होगा.
  • पासपोर्ट में दिए गए पते के आधार पर प्रवासी भारतीय (एनआरआई) को सामान्य रूप से निवासी माना जाता है और मतदान करने का अधिकार होता है.

7 चरणों में हो रहा लोकसभा चुनाव 2024: बतादें, लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सात चरणों में मतदान होगा. बीती 19 अप्रैल को पहले चरण के लिए 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ था. 26 अप्रैल को दूसरे चरण, 7 मई को तीसरे, 13 मई को चौथे, 20 मई को पांचवे, 25 मई को छठे और 1 जून को सातवें चरण के लिए मतदान होगा.

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