मुंगेर: बिहार के मुंगेर मंडलकारा में बंद दो कैदियों के बीच हुई मारपीट में कैदी धीरज कुमार गंभीर रूप से घायल हो गया. जिसके बाद उसे इलाज के पटना लाया गया, जहां 12 दिन बाद उसकी मौत हो गई. मृतक का शव मुंगेर पहुंचते ही परिजनों में हाहाकार मच गया है.
सड़क पर शव रख किया प्रदर्शन: वहीं, परिजनों ने जेल प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए शव को मकससपुर सड़क पर रख दिया और घंटों आगजनी और प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई. वहीं, ग्रामीणों द्वारा जेल प्रशासन पर कार्रवाई और मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया. बाद में मामले की सूचना मिलते ही वरीय पदाधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझा बुझाकर जाम हटवाया.
"धीरज मेरा छोटा भाई था. कपिलदेव मंडल ने उसे झूठे हत्याकांड में फंसा दिया था. मेरा सवाल है कि आखिर जेल में मारपीट की घटना कैसे हुई. सेल के अंदर ईंट कहां से आयी. जेलर साहब को इसका जवाब देना होगा. कपिलदेव मंडल पर जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए." - खुशी, मृतक की बहन
चचेरे भाई ने किया हमला: दरअसल, मुंगेर मंडलकारा में बंद दो कैदी धीरज और उसका चचेरे भाई कपिलदेव मंडल अपनी भाभी के हत्या मामले में 2021 से मंडल कारा में बंद है. जेल प्रशासन के अनुसार, 20 जून को जब धीरज सेल संख्या 9 में भोजनकाल के समय बंद था, तो दोनों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा शुरू हो गया, जिसके बाद कपिलदेव मंडल ने धीरज के सिर पर ईंट से कई बार प्रहार कर दिया. जिससे धीरज गंभीर रूप से घायल हो गया.
सदर अस्पताल में कराया था भर्ती: इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन द्वारा धीरज को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया. लेकिन बीती शाम उसकी पटना में इलाज के दौरान मौत हो गई.
सड़क पर शव रख किया प्रदर्शन: मौत के बाद जैसे ही उसका शव उसके पैतृक निवास मुंगेर मकससपुर पहुंचा तो परिजनों और ग्रामीणों में जेल प्रशासन के खिलाफ गुस्सा फ़ूट पड़ा. लोगों ने शव को सड़क पर रखकर जाम कर दिया और सड़क पर आगजनी कर दी. साथ ही जेल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे. जाम की सूचना पर कासिमबाजार थाना सहित एसडीओ और एसडीपीओ मौके पर पहुंचे और परिजनों और ग्रामीणों को समझाते हुए लिखित आवेदन लेने के बाद जाम को हटवाया.
"जाम को हटवा दिया गया है. परिजनों से लिखित आवेदन लेकर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी. तत्काल 23 हजार रुपए परिजनों को दिया गया है और आगे कानून के तहत इनकी मदद की जाएगी." - राजेश कुमार, एसडीपीओ, सदर
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