जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख ग्रामीण विकास सचिव को कहा है कि वह लोकपाल के आदेश के खिलाफ पेश होने वाली अपील की सुनवाई के लिए तीन सदस्यीय अपीलीय अधिकरण का गठन करें, ताकि हाईकोर्ट में अनचाही मुकदमेबाजी न हो. इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख सचिव को कहा कि वह 10 दिन में शपथ पत्र पेश कर प्राधिकरण के गठन को लेकर उठाए गए कदमों की जानकारी दें.
अदालत ने चेताया है कि यदि शपथ पत्र पेश नहीं किया गया तो प्रमुख सचिव हाजिर होकर इस संबंध में अपना स्पष्टीकरण पेश करें. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश मुकेश गुर्जर व अन्य की याचिका पर दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि साल 2023 की संशोधित गाइडलाइन के तहत प्राधिकरण के गठन में सुस्ती बरतने पर याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ रही है.
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सुनवाई के दौरान अदालत के पूछने पर राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि अपीलीय अधिकरण के सदस्यों की नियुक्ति के लिए गत 28 जून को विज्ञापन जारी किया जा चुका है. याचिका में अधिवक्ता नीतू भंसाली ने बताया कि सवाई माधोपुर जिला परिषद के लोकपाल ने याचिकाकर्ता पर गत 28 मार्च को 1.70 लाख रुपए का अवार्ड जारी किया था. याचिका में बताया गया कि लोकपाल की ओर से जारी अवार्ड को पंचायती राज विभाग की संशोधित गाइडलाइन, 2023 के तहत गठित तीन सदस्यीय अपीलीय अधिकरण में चुनौती दी जाती है.
राज्य सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी करने के बावजूद भी विभाग ने अभी तक अपीलीय अधिकरण का गठन नहीं किया है. जिसके चलते हाईकोर्ट में याचिका दायर करनी पडी है. इस पर अदालत ने प्रमुख सचिव को तत्काल कमेटी गठित करने और अगले दस दिन में इस संबंध में उठाए गए कदमों की जानकारी देने को कहा है.