रायबरेली : प्रमुख सचिव राजस्व पी. गुरु प्रसाद के अचानक सदर तहसील का देर शाम निरीक्षण करने की सूचना पर जिला के अधिकारियों में हड़कंप मच गया. अचानक निरीक्षण की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी हर्षिता माथुर के साथ-साथ अपर जिला प्रशासन प्रफुल्ल त्रिपाठी ने सदर तहसील पहुंचे पी. गुरु प्रसाद ने पहले तो तहसील परिसर का निरीक्षण किया, फिर उप जिला अधिकारी सदर के कार्यालय में बैठकर उन्होंने सबसे पहले अपर जिला अधिकारी प्रशासन के न्यायालय में राजस्व संबंधी फाइलों का निरीक्षण किया. निर्देश दिया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार समय और सीमाबद्ध तरीके से मामलों का तत्काल प्रभाव से निस्तारण किया जाए.
कोर्ट की फाइलों की हुई जांच: प्रमुख सचिव के निरीक्षण में उप जिलाधिकारी सदर की न्यायालय के मामले सामने आए. जिसमें मुख्य रूप से धारा 80 और धारा 24 की फाइलों की चर्चाएं जोरों पर रही. ऑनलाइन मुकदमों के आंकड़ों में धारा 80 की 8 ऐसी फाइल नजर आई, जिनमें अधीनस्थ कर्मचारी और अधिकारियों से दोबारा रिपोर्ट मांगी गई है. निरीक्षण के अगले पड़ाव में तहसीलदार सदर के कोर्ट की फाइलों को मंगवाकर गहनता से देखते हुए कुछ फाइलों पर प्रश्न चिह्न भी लगाया गया. पी. गुरु प्रसाद ने यह भी कहा, कि पिछले 3 साल से इन फाइलों का निस्तारण क्यों नहीं हो पाया है. इस पर तहसीलदार सदर और उनके पेशकार गोलमोल जवाब देते नजर आए.
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अधिकारियों को मिली फटकार : सूत्रों की माने तो बंद कमरे के अंदर जिले के अधिकारियों और कर्मचारियों को मुकदमों में हीलाहवाली करने पर डाट भी सुनाई पड़ी तो वही 6 महीने के अंदर सालों से पड़े मुकदमों का निस्तारण करने पर सराहा भी गया.
प्रमुख सचिव, राजस्व पी. गुरुप्रसाद ने कहा, कि राजस्व वादों के निस्तारण के लिए समीक्षा की गई. मुख्यमंत्री द्वारा भी मुकदमों के निस्तारण में लगने वाले लंबे समय को देखकर चिंता व्यक्त की गई है. पैमाइश के मुकदमे हैं, उनकी समय सीमा 90 दिन और लैंड के मुकदमे के लिए 45 दिन का समय निर्धारित किया गया है.
प्रमुख सचिव, राजस्व पी. गुरुप्रसाद ने कहा, कि अनावश्यक रूप से जो मुकदमे लंबित है, उन पर कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री द्वारा आदेश दिया गया है. इसी कड़ी में आज क्या स्थिति है, इसके लिए हम आए थे. बहुत पुराने मामले जो लंबित हैं, उन पर पिछले 6 महीने में काफी मेहनत की गई है. पूरे प्रदेश में पेंडिंग केस में 5 लाख से अधिक मामलो में कमियां आई हैं. लेकिन, लंबित मामलों की संख्या अभी भी काफी अधिक है. चुनाव की वजह से कार्य प्रभावित हुआ था. उसे पूरा करने के लिए सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है.