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धनबाद में आदिम जनजाति बिरहोर के युवक की मौत, एसएनएमएमसीएच द्वारा शव नहीं सौंपे जाने पर परिजनों ने किया हंगामा - Birhor youth died - BIRHOR YOUTH DIED

धनबाद में आदिम जनजाति बिरहोर के एक युवक की मौत हो गई. युवक की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने बिना पोस्टमार्टम के शव सौंपने से इनकार कर दिया. जिसके बाद परिजनों ने हंगामा किया.

primitive tribe Birhor
एसएनएमएमसीएच (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 8, 2024, 6:50 AM IST

धनबाद : जिले के तोपचांची के चलकरी के रहने वाले आदिम जनजाति बिरहोर के एक युवक की मौत हो गई. अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा युवक की मौत की पुष्टि के बाद परिजन शव का घर ले जाना चाह रहे थे. लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें शव नहीं दिया. जिसके बाद परिजनों और ग्रामीणों ने अस्पताल में हंगामा किया.

दरअसल, बुधवार को तोपचांची के चलकरी निवासी चरका बिरहोर (43 वर्ष) की अचानक तबीयत खराब हो गई. जिसके बाद परिजन उसे तत्काल 108 एंबुलेंस से एसएनएमएमसीएच ले गए. इस दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने भी उसे मृत घोषित कर दिया. कुछ देर बाद जब परिजन शव ले जाने की अनुमति मांगने लगे तो अस्पताल प्रबंधन ने पोस्टमार्टम कराने की बात कही.

primitive tribe Birhor
चरका बिरहोर (मृतक) (ईटीवी भारत)

बिरहोर परिजन जब इसके लिए राजी नहीं हुए तो अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें सरायढेला थाना से एनओसी लाने को कहा. इसके बाद बिरहोर परिवार सरायढेला थाना पहुंचा और पुलिस अधिकारियों को इसकी जानकारी दी. लेकिन देर शाम तक सरायढेला पुलिस जांच के लिए अस्पताल नहीं पहुंची. बाद में अस्पताल प्रबंधन ने शव को इमरजेंसी मोर्चरी में रखवा दिया.

चरका बिरहोर का शव एसएनएमएमसीएच से नहीं निकलने की सूचना मिलने पर बुधवार की रात तोपचांची के चलकरी गांव से बड़ी संख्या में बिरहोर अस्पताल पहुंचे. शव छोड़ने की मांग को लेकर उन्होंने अस्पताल में हंगामा किया. बाद में सुरक्षा में तैनात होमगार्ड के जवानों के समझाने पर लोग शांत हुए.

मृतक चरका बिरहोर के भतीजे कुंजत बिरहोर ने बताया कि बुधवार की सुबह उसके चाचा चरका बिरहोर को अचानक उल्टी होने लगी. उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी. ग्रामीणों ने उन्हें अस्पताल ले जाने की सलाह दी. इसके बाद वे उन्हें एंबुलेंस से एनएसएमएमसीएच ले गये. लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गयी.

एसएनएमएमसीएच के प्रभारी अधीक्षक डॉ यूके ओझा ने बताया कि चरका बिरहोर की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो चुकी थी. ऐसे में पोस्टमार्टम कराना जरूरी है. जबकि उनके परिजन बिना पोस्टमार्टम कराए शव ले जाने की मांग कर रहे थे, जिसपर उन्हें पुलिस से एनओसी लाने को कहा गया. पोस्टमार्टम के बाद शव ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की जाएगी.

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दरअसल, बुधवार को तोपचांची के चलकरी निवासी चरका बिरहोर (43 वर्ष) की अचानक तबीयत खराब हो गई. जिसके बाद परिजन उसे तत्काल 108 एंबुलेंस से एसएनएमएमसीएच ले गए. इस दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने भी उसे मृत घोषित कर दिया. कुछ देर बाद जब परिजन शव ले जाने की अनुमति मांगने लगे तो अस्पताल प्रबंधन ने पोस्टमार्टम कराने की बात कही.

primitive tribe Birhor
चरका बिरहोर (मृतक) (ईटीवी भारत)

बिरहोर परिजन जब इसके लिए राजी नहीं हुए तो अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें सरायढेला थाना से एनओसी लाने को कहा. इसके बाद बिरहोर परिवार सरायढेला थाना पहुंचा और पुलिस अधिकारियों को इसकी जानकारी दी. लेकिन देर शाम तक सरायढेला पुलिस जांच के लिए अस्पताल नहीं पहुंची. बाद में अस्पताल प्रबंधन ने शव को इमरजेंसी मोर्चरी में रखवा दिया.

चरका बिरहोर का शव एसएनएमएमसीएच से नहीं निकलने की सूचना मिलने पर बुधवार की रात तोपचांची के चलकरी गांव से बड़ी संख्या में बिरहोर अस्पताल पहुंचे. शव छोड़ने की मांग को लेकर उन्होंने अस्पताल में हंगामा किया. बाद में सुरक्षा में तैनात होमगार्ड के जवानों के समझाने पर लोग शांत हुए.

मृतक चरका बिरहोर के भतीजे कुंजत बिरहोर ने बताया कि बुधवार की सुबह उसके चाचा चरका बिरहोर को अचानक उल्टी होने लगी. उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी. ग्रामीणों ने उन्हें अस्पताल ले जाने की सलाह दी. इसके बाद वे उन्हें एंबुलेंस से एनएसएमएमसीएच ले गये. लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गयी.

एसएनएमएमसीएच के प्रभारी अधीक्षक डॉ यूके ओझा ने बताया कि चरका बिरहोर की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो चुकी थी. ऐसे में पोस्टमार्टम कराना जरूरी है. जबकि उनके परिजन बिना पोस्टमार्टम कराए शव ले जाने की मांग कर रहे थे, जिसपर उन्हें पुलिस से एनओसी लाने को कहा गया. पोस्टमार्टम के बाद शव ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की जाएगी.

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