चित्तौड़गढ़: मेवाड़ के प्रसिद्ध कृष्ण धाम भगवान श्री सांवलिया सेठ मंदिर, मण्डफिया की व्यवस्थाओं में सुधार एवं सोशल मीडिया पर प्रचारित विभिन्न भ्रामक गतिविधियों को लेकर पुजारियों द्वारा सामाजिक, धार्मिक एवं व्यावसायिक कार्यक्रमों में भगवान श्री सांवलिया सेठ की प्रति प्रतिमा को ले जाने पर गुरुवार से रोक लगा दी गई है. गुरुवार को सांवरिया जी मंदिर मंडल की मंदिर परिसर में हुई बैठक में यह निर्णय किया गया. मंडल के अध्यक्ष भैरूलाल गुर्जर की अध्यक्षता में बैठक रखी गई थी.
अतिरिक्त जिला कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रभा गौतम ने बताया कि पुजारियों द्वारा यात्रियों से सहज व्यवहार रखने के साथ ही विभिन्न निजी, सामाजिक, धार्मिक एवं व्यावसायिक कार्यक्रमों में भगवान श्री सांवलिया सेठ की प्रति प्रतिमा को ले जाने को निषेध कर दिया गया है. पुजारियों से मंदिर प्रशासन को आवश्यक सहयोग देने को कहा गया है. इसकी पालना नहीं करने पर भविष्य में आवश्यक कार्यवाही करने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया.
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साथ ही, पुजारियों को भगवान श्री सांवलिया सेठ की छवि में किसी भी प्रकार का श्रृंगार परिवर्तन नहीं करने की हिदायत दी गई. भगवान की पोशाक मंदिर मण्डल द्वारा प्रतिदिन उपलब्ध करवाई जाएगी तथा मंदिर पुजारी द्वारा किसी भी यात्री से अपने स्तर पर पोशाक प्राप्त कर धारण नहीं करवाने का निर्णय लिया गया.
बैठक में सदस्य श्री सांवलिया जी मंदिर मंडल श्रीलाल पाटीदार, ममतेश शर्मा, अशोक शर्मा, शंभू सुथार, संजय मंडोवरा एवं प्रमुख पुजारी द्वारका दास, अन्य पुजारी, शिवशंकर पारीक, प्रशासनिक अधिकारी-प्रथम, नंदकिशोर टेलर, प्रशासनिक अधिकारी-द्वितीय, भैरू गिरी गोस्वामी, सुरक्षा अधिकारी राजेंद्र शर्मा, प्रभारी, मंदिर व्यवस्था एवं मंदिर मंडल के अन्य अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित रहे.