रुद्रप्रयाग: विश्व विख्यात केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने आज केदारनाथ मंदिर के वीआईपी गेट पर कुछ देर धरना देकर वीआईपी दर्शन का विरोध किया. इसके साथ ही तीर्थ पुरोहितों ने मंदिर समिति के विरोध में नारेबाजी भी की. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि मंदिर में वीआईपी दर्शन बंद होने चाहिए. वीआईपी दर्शन के कारण लाइन में लगे भक्तों को घंटों तक दर्शन नहीं हो पा रहे हैं. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि मंदिर समिति अपने लाभ के चक्कर में शासन के निर्देशों की अवहेलना कर रही है. जब शासन ने वीआईपी दर्शन पर रोक लगाई है तो मंदिर समिति जबरन दर्शन क्यों करवा रही है?
विश्व विख्यात केदारनाथ धाम के दर्शनों के लिए प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं. धाम में प्रत्येक दिन सुबह से शाम तक भक्तों की लंबी लाइन है. कभी-कभार दर्शनों के लिए मंदिर से लेकर हेलीपैड तक एक किमी की लंबी लाइन लग रही है. केदारनाथ धाम के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी, उमेश पोस्ती का आरोप है कि कुछ दिनों तक वीआईपी दर्शन बंद रहने के बाद मंदिर समिति ने फिर से वीआईपी दर्शन कराना शुरू कर दिया है. सोमवार को 300 रुपए की पर्ची काटकर भक्त वीआईपी दर्शन कर रहे थे. लेकिन जैसे ही इसकी भनक तीर्थ पुरोहित समाज को लगी, तीर्थ पुरोहितों ने इसका विरोध शुरू कर दिया. तीर्थ पुरोहित समाज ने मंदिर के वीआईपी दरवाजे पर धरना दिया और मंदिर प्रशासन के विरोध में नारेबाजी शुरू की.
तीर्थ पुरोहित समाज का कहना है कि मंदिर में वीआईपी दर्शन की व्यवस्था बंद होनी चाहिए. आम भक्तों के लिए भी गर्भगृह में जाने की छूट मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब कोई वीआईपी आ रहे हैं तो वह मंदिर के गर्भगृह में जाकर दर्शन कर रहे हैं. लेकिन जो भक्त घंटों तक लाइन में लगा हुआ है, उसे सभा मंडप से ही बमुश्किल दर्शन हो रहे हैं. ऐसे में ये वीआईपी दर्शन की व्यवस्था समाप्त होनी चाहिए. भक्तों को एक समान मंदिर के गर्भगृह के दर्शन होने चाहिए. धाम पहुंच रहे यात्री भी वीआईपी दर्शन का विरोध कर रहे हैं. यात्रियों का कहना है कि सभी को एक जैसे दर्शन होने चाहिए.
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