नवादाः बिहार के नवादा में धूमधाम से बुढवा होली मनायी गई. यह होली की तरह ही है जो आपसी भाईचारा का संदेश देता है. इसी संदेश को लेकर होली मनाने नवादा की सड़कों पर पारम्परिक तरीके से लोग निकले. हाथों में ढोलक झाल लेकर होली गाने गाते हुए नजर आए.
आपसी भाईचारा से मनाई होलीः रंग और गुलाल लगाते आपस मे खुशियां वांटे. कवि दयानन्द प्रसाद गुप्ता कहते हैं कि होली साम्प्रदायिक सौहार्द्रता कायम कर आपसी भाईचारा बढ़ाने का त्योहार है. रंगों की विविधता की तरह जीवन में भी खुशियों का रंग विविध हो यही शुभकामना लोगों को दे रहे हैं.
"होली समाज के लिए बड़ा ही महत्व का त्योहार है. असत्य पर सत्य की विजयी का यह त्योहार हमलोग भाईचारा के साथ मना रहे हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हर साल बुढ़वा मनाते हैं. मगध क्षेत्र के लिए यह काफी अहम होता है." -दयानमद प्रसाद गुप्ता, कवि
एक-दूसरे को दी शुभकामनाएंः होली के दौरान काफी संख्या में लोग ढोलक, झाल लिए सड़क पर नाचते गाए नजर आए. होली गीत से लोगों को खूब झुमाया. इस दौरान वंदे मातरम् के जयकारे भी लगाए. बच्चे से लेकर बुढ़े-जवान एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर शुभकामनाएं दी.
जमिंदारी जमाने से आरंभ हुई बुढवा होलीः मगध प्रमंडल के गया, जहानाबाद, औरंगाबाद, नवादा, शेखपुरा, नालंदा और जमुई क्षेत्र में बुढवा होली का प्रचलन जमिंदारी जमाने से आरंभ हुआ जो आज भी जारी है. विदित हो कि बूढ़वा होली के दिन सरकारी तौर पर छुट्टी नहीं रहती.
सरकारी और गैर सरकारी संस्थान बंदः बावजूद मगध में अघोषित तौर पर न केवल छुट्टी बल्कि कर्फ्यू की स्थिति रहती है. सरकारी और गैर सरकारी संस्थान प्रायः बंद रहता है. हरेक सड़क मुहल्ला और गांव की गलियों में होली के दिन से भी व्यापक तौर पर मनाया जाता है.
दो दिनों तक मनी होलीः बिहार के अलग-अलग जिले में धूमधाम से होली मनायी गई. हालांकि इस बार कई क्षेत्रों में अलग-अलग दिन होली मनायी गई. कहीं 25 मार्च तो कहीं 26 मार्च को होली मनायी गई.