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बिहार-यूपी को जोड़ने वाली लाइफ लाइन पिपरा-पिपरासी तटबंध पर खतरा, सुरक्षात्मक कार्य में जुटा विभाग - Flood in Bihar

Pipra Piprasi embankment in Bagaha बिहार में पिछले कई दिनों से लगातार कई इलाकों में बारिश हो रही थी, जिस वजह से न केवल नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा था, बल्कि कई ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात भी बन गए थे. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंडक, बागमती, कोसी, कमला बलान जैसी नदियों में उफान थी. लेकिन, अब जलस्तर घटने लगा है तो एक बार फिर कुछ इलाके में लोगों की परेशानी बढ़ रही है. क्यों, जानने के लिए पढ़ें, पूरी खबर.

कटाव रोकने के लिए चल रहा काम.
कटाव रोकने के लिए चल रहा काम. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 11, 2024, 4:31 PM IST

पिपरा-पिपरासी तटबंध पर खतरा. (ETV Bharat)

बगहा (पश्चिम चंपारण): बिहार में मानसून की सक्रियता और नेपाल में जल ग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण कई नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा था. अब पानी के जलस्तर में कमी आने के कारण बिहार-यूपी को जोड़ने वाली लाइफ लाइन पिपरा-पिपरासी तटबंध पर एक बार फिर खतरा मंडराने लगा है. पिपरा पिपरासी तटबंध के रंगललही के समीप गंडक नदी में बने सुरक्षा नोज पर दबाव बना हुआ है.

कटाव रोकने के लिए चल रहा काम.
कटाव रोकने के लिए चल रहा काम. (ETV Bharat)

जलस्तर घटने पर बढ़ता है कटावः बगहा के गंडक दियारा पार स्थित रंगललही में पौने चार करोड़ की लागत से तटबंध को बचाने के लिए सुरक्षा बांध बनाया गया है. पिछले कुछ दिनों से हुई बारिश के कारण गंडक का जलस्तर बढ़ गया था. अब नदी का जलस्तर घट रहा है. यही वजह है कि ठोकर संख्या 17.1 के नोजल पर दबाव बना हुआ है. जलसंसाधन विभाग की टीम 24 घंटे लगातार सुरक्षात्मक कार्यों में जुटी है.

जियो बैग.
जियो बैग. (ETV Bharat)

"जैसे ही नदी का जलस्तर कम हुआ तो प्वाइंट 17 पर बनाए गए नोज पर दबाव बना था. सिंकिंग देखने को मिला था. फिलहाल स्थिति सामान्य हो गई है. स्थिति सामान्य होने के पीछे गंडक का बढ़ता जलस्तर है. यदि जलस्तर दुबारा घटता है तो इस नोज पर पुनः दबाव बढ़ सकता है जो चिंता का विषय है."- अब्दुल हमीद, बाढ़ संघर्ष सुरक्षात्मक बल के अध्यक्ष

सुरक्षात्मक कार्य किया गया.
सुरक्षात्मक कार्य किया गया. (ETV Bharat)

फिलहाल खतरे की आशंका नहींः पिछले वर्ष गंडक नदी की धारा ने यू टर्न ले लिया था. तकरीबन 2 किमी तक कटाव करते हुए तटबंध के नजदीक धारा पहुंच गई है. जिसके बाद पिछले वर्ष से ही, पीपी तटबंध को बचाने की कवायद चल रही है. जलसंसाधन विभाग किसी तरह के खतरा की आशंका नहीं होने का दावा कर रहा है. जलसंसाधन विभाग की टीम 24 घंटे लगातार सुरक्षात्मक कार्यों में जुटी है.

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पिपरा-पिपरासी तटबंध पर खतरा. (ETV Bharat)

बगहा (पश्चिम चंपारण): बिहार में मानसून की सक्रियता और नेपाल में जल ग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण कई नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा था. अब पानी के जलस्तर में कमी आने के कारण बिहार-यूपी को जोड़ने वाली लाइफ लाइन पिपरा-पिपरासी तटबंध पर एक बार फिर खतरा मंडराने लगा है. पिपरा पिपरासी तटबंध के रंगललही के समीप गंडक नदी में बने सुरक्षा नोज पर दबाव बना हुआ है.

कटाव रोकने के लिए चल रहा काम.
कटाव रोकने के लिए चल रहा काम. (ETV Bharat)

जलस्तर घटने पर बढ़ता है कटावः बगहा के गंडक दियारा पार स्थित रंगललही में पौने चार करोड़ की लागत से तटबंध को बचाने के लिए सुरक्षा बांध बनाया गया है. पिछले कुछ दिनों से हुई बारिश के कारण गंडक का जलस्तर बढ़ गया था. अब नदी का जलस्तर घट रहा है. यही वजह है कि ठोकर संख्या 17.1 के नोजल पर दबाव बना हुआ है. जलसंसाधन विभाग की टीम 24 घंटे लगातार सुरक्षात्मक कार्यों में जुटी है.

जियो बैग.
जियो बैग. (ETV Bharat)

"जैसे ही नदी का जलस्तर कम हुआ तो प्वाइंट 17 पर बनाए गए नोज पर दबाव बना था. सिंकिंग देखने को मिला था. फिलहाल स्थिति सामान्य हो गई है. स्थिति सामान्य होने के पीछे गंडक का बढ़ता जलस्तर है. यदि जलस्तर दुबारा घटता है तो इस नोज पर पुनः दबाव बढ़ सकता है जो चिंता का विषय है."- अब्दुल हमीद, बाढ़ संघर्ष सुरक्षात्मक बल के अध्यक्ष

सुरक्षात्मक कार्य किया गया.
सुरक्षात्मक कार्य किया गया. (ETV Bharat)

फिलहाल खतरे की आशंका नहींः पिछले वर्ष गंडक नदी की धारा ने यू टर्न ले लिया था. तकरीबन 2 किमी तक कटाव करते हुए तटबंध के नजदीक धारा पहुंच गई है. जिसके बाद पिछले वर्ष से ही, पीपी तटबंध को बचाने की कवायद चल रही है. जलसंसाधन विभाग किसी तरह के खतरा की आशंका नहीं होने का दावा कर रहा है. जलसंसाधन विभाग की टीम 24 घंटे लगातार सुरक्षात्मक कार्यों में जुटी है.

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