नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री राज कुमार आनंद के इस्तीफे को राष्ट्रपति ने मंजूर कर लिया है. इसकी पुष्टि मंगलवार को गृह मंत्रालय ने की है. गत 3 जून को राजकुमार आनंद के इस्तीफे को उपराज्यपाल ने स्वीकार कर लिया था. तभी उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कानून के मुताबिक राजकुमार आनंद का इस्तीफा भारत के राष्ट्रपति के पास अंतिम निर्णय के लिए भेज दिया था.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अंतिरम जमानत पर जेल से बाहर होने के दौरान एकमात्र आधिकारिक संचार किये, एक महीने और 20 दिन के बाद, मंत्री राज कुमार आनंद के इस्तीफे को स्वीकार करने की सिफारिश उपराज्यपाल को की थी. अरविंद केजरीवाल अंतरिम जमानत खत्म होने के बाद गत 2 जून की शाम तिहाड़ जेल चले गए. राजकुमार आनंद ने 10 अप्रैल 2024 को अपने पद से इस्तीफा दिया था और केजरीवाल द्वारा 31 मई को उनके इस्तीफे को स्वीकार करने की सिफारिश के दौरान वह नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके थे. राज कुमार आनंद ने मुख्यमंत्री को दिए अपने इस्तीफे में जो कारण गिनवाए उनमें इन विभागों की निष्क्रियता और इनमें व्याप्त भ्रष्टाचार के साथ-साथ मंत्रियों के जेल में होने के अलावा दूसरे कार्यों या योजनाओं में एससी/एसटी फंड का दुरुपयोग भी शामिल था.
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गौरतलब है कि राज कुमार आनंद के इस्तीफे को स्वीकार करने की उपराज्यपाल की सिफारिश और अब राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृति के साथ, एससी/एसटी कल्याण, समाज कल्याण, सहकारिता और गुरुद्वारा चुनाव जैसे महत्वपूर्ण विभाग नेतृत्वहीन और पंगु हो गए हैं. क्योंकि इस्तीफे की मंजूरी को लेकर की गई सिफारिशों में अरविंद केजरीवाल ने इन विभागों को किसी अन्य मंत्री को आवंटित नहीं किया है. जैसा कि कानून में प्रावधान है. ऐसे में यह सभी विभाग स्वतः ही मुख्यमंत्री में निहित हो जाते हैं. ऐसे में जबकि मुख्यमंत्री दोबारा जेल चले गए हैं, तो उनके लिए इन महत्वपूर्ण विभागों के लिए किसी भी तरह के निर्णय लेना असंभव होगा और इनसे जुड़े सभी कार्य पूरी तरह से ठप्प हो जाएंगे.
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