रायपुर : मानसून के पूर्व खेतों की तैयारी करने के क्या-क्या फायदे हैं. कौन-कौन सी फसल या साग सब्जियों के लिए खेतों को तैयार करना जरूरी है. इन्हीं सब बातों को लेकर हमने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर घनश्याम दास साहू से बात कि. आईए जानते हैं उनका क्या कहना है.
''साल में जून के प्रथम सप्ताह से लेकर पूरे जून के महीने में ग्रीष्मकालीन खेतों की जुताई बहुत आवश्यक है. खेतों की जुताई प्राचीन समय में बैल चलित नागर से की जाती थी लेकिन आधुनिक और वर्तमान समय में एमबी, पलाउ और ट्रैक्टर के माध्यम से भी जुताई की जाती हैं. जमीन की जुताई करते समय कम से कम डेढ़ से 2 फीट आवश्यक है. इससे यह फायदा होता है कि मिट्टी पलटने के साथ ही बहुत सारे ऐसे खरपतवार भी इस दौरान खत्म हो जाते हैं. डेढ़ से 2 फीट तक गहरी खुदाई करने से फफूंद जनित रोग पौधों में नहीं लगता. जमीन से कीट और बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है."- घनश्याम साहू, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक
क्यों खेत की जुताई करना है जरुरी : मानसून पूर्व खेतों की जुताई भी इसलिए आवश्यक मानी जाती है कि मृदा जनित कीट का लार्वा और अंडा जमीन के बाहर आ जाता है.जिसे पक्षी खा जाते हैं. वो नष्ट हो जाता है. जिससे बहुत आसानी से खरपतवार नियंत्रण रोग नियंत्रण और कीट नियंत्रण ग्रीष्मकालीन जुताई करने से हो जाता है. फल और फूल लगाने वाले किसानों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए. मेड नाली निर्माण करके फल और फूलों की खेती करनी चाहिए. जिससे पानी का जमाव ना हो. बारिश के दिनों में अधिक बारिश होने पर फल और फूल को ज्यादा नुकसान नहीं होगा. इसके साथ ही पैदावार भी अच्छी होगी. ऐसा करके जून के महीने में खेतों को संरक्षित किया जा सकता है.