वाराणसी : लंबे वक्त तक चले विवाद के बाद अब उत्तर प्रदेश में पहली बार नेशनल लेवल के फेडरेशन सीनियर कप का आयोजन वाराणसी में होने जा रहा है. 24 से 26 अप्रैल तक चलने वाले इसे टूर्नामेंट को लेकर तैयारियां लगभग पूरी चुकी हैं. काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित एमफी थियेटर ग्राउंड में आयोजित होने वाले इस नेशनल लेवल के टूर्नामेंट में 25 राज्यों के पांच सौ से ज्यादा खिलाड़ी हिस्सा लेंगे. देश के अलग-अलग हिस्सों से पहलवानों के पहुंचने का सिलसिला जारी है. साथ ही अर्जुन और द्रोणाचार्य अवार्ड पा चुके खिलाड़ी भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे.
पहले दिन 24 अप्रैल को फ्री स्टाइल कुश्ती स्पर्धा
वाराणसी में पहली बार किसी नेशनल कुश्ती टूर्नामेंट का आयोजन किया जा रहा है. इसी दौरान एथलीट आयोग का चुनाव भी होगा. चुनाव में 25 राज्यों के शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ी भाग लेंगे. यह टूर्नामेंट महाराज विभूति नारायण सिंह इंडोर स्टेडियम (एमफी थियेटर ) बीएचयू में 24 से 26 अप्रैल तक होगा. उद्घाटन 24 अप्रैल बुधवार को पूर्वान्ह 11 बजे औघड़ गुरुपद संभव राम जी करेंगे. पहले दिन 24 अप्रैल को फ्री स्टाइल कुश्ती स्पर्धा होगी. दूसरे दिन 25 अप्रैल को महिला पहलवानों की प्रतियोगिता होगी. अंतिम दिन 26 अप्रैल को ग्रीको रोमन कुश्ती में पहलवान दमखम दिखाएंगे. इन स्पर्धाओं में 25 राज्यों के 350 पुरुष तथा 150 महिला पहलवानों की सहभागिता होगी. इनके अलावा स्पर्धा में 100 कोच, रेफरी और फिजियोथेरेपिस्ट भी शामिल होंगे. टीमों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है. टूर्नामेंट से पूर्वांचल समेत पूर्वोत्तर भारत तक की प्रतिभाओं को बड़ा एक्सपोजर मिलेगा.
खिलाड़ियों गुरुजनों में उत्साह
कार्यक्रम संयोजक राजीव सिंह रानू ने बताया कि यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के निर्देश पर प्रस्तावित एथलीट आयोग के चुनावी प्रक्रिया भी इसी दौरान संपन्न होगी. इसके अलावा टूर्नामेंट में आ रहे प्रतिभागियों के लिए विभिन्न होटलों में लगभग 250 कमरे बुक कर लिए गए हैं. खिलाड़ियों के भोजन से लेकर परिवहन तक कि व्यवस्था पूरी कर ली गई है. वहीं उत्तर प्रदेश में पहली बार नेशनल लेवल के सीनियर टूर्नामेंट के होने से खिलाड़ियों के साथ-साथ गुरुजनों में भी काफी उत्साह है. यूपी कुश्ती टीम के कोच रामसजन यादव व रामाशीष यादव कहते हैं कि बीते कुछ सालों से भारतीय कुश्ती को काफी खराब दिन देखना पड़ा. बेवजह के विवादों और राजनीति की वजह से जो नुकसान हुआ है, उसने खिलाड़ियों को मायूस कर दिया. इसका असर भी इस बार ओलंपिक क्वालीफाइंग मैच में देखने को मिला है. लेकिन अब यह पूरी उम्मीद है कि इस फेडरेशन कप के होने के बाद खिलाड़ियों में एक नया जोश आएगा.
टूर्नामेंट से बढ़ेगा खिलाड़ियों का मनोबल
वहीं टेक्निकल हेड डॉक्टर हरिराम यादव का कहना है कि निश्चित तौर पर इस तरह के आयोजन आने वाले समय में कुश्ती के लिए जीवन दायिनी साबित होने वाले हैं, क्योंकि जिस तरह से कुश्ती संघर्ष कर रही है, उसको इस तरह के आयोजन की जरूरत है. खिलाड़ियों के साथ-साथ नेशनल इंटरनेशनल कोच और उनके गुरुजनों का होना खिलाड़ियों को कहीं ना कहीं से बड़ा मनोबल देगा.