कोरिया: तीसरे चरण में छत्तीसगढ़ की बाकी बची सात सीटों पर मतदान होगा. चुनाव आयोग लगातार अपनी तैयारियों में जुटा है. राज्य चुनाव आयोग ने मतदातों को कहा है कि वो मतदाता इपिक कार्ड के अलावे तय पहचान पत्रों के जरिए भी मतदान कर सकते हैं. वोटर लिस्ट में लेकिन नाम मतदाता का जरुर होना चाहिए. मतदान केंद्रों के बीएलओ लगातार मतदाताओं के घर घर जाकर मतदाता पर्चियां बांट रहे हैं. बीएलओ मतदाता पर्ची बांटने के साथ साथ लोगों को वोट का अधिकार भी बता रहे हैं. चुनाव आयोग की कोशिश है कि शत प्रतिशत मतदान का आंकड़ा हासिल किया जाए.
वोट के लिए पहचान पत्र जरूरी: भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक इपिक कार्ड के अलावा तय किए गए 12 में से किसी एक पहचान पत्र के जरिए वोटिंग के लिए पहुंचना अनिवार्य है. जिन पहचान पत्रों के जरिए आप बूथ पर जाकर वोट कर सकते हैं उसमें आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक या डाकघर की ओर से जारी फोटोयुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय और स्वास्थ्य बीमा स्कीम के तहत जारी स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया की ओर से नेशनल पापुलेशन रजिस्टर के अंतर्गत जारी स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, केंद्र या राज्य सरकार या फिर पब्लिक लिमिटेड कंपनी के कर्मचारियों को जारी किया गया फोटोयुक्त कामगार पहचान पत्र, सांसदों, विधायकों को जारी किया गया शासकीय पहचान पत्र और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार की ओर से जारी यूनिक निःशक्तता पहचान पत्र के जरिए आप वोट कर सकते हैं.
शत प्रतिशत मतदान की अपील: चुनाव आयोग लगातार ये वोटरों से अपील कर रहा है कि अपने मताधिकार का इस्तेमाल जरुर करें. 85 साल से ऊपर के जो भी मतदाता हैं उनके घर जाकर मतदान दल के कर्मचारी बैलेट पेपर के जरिए वोट कराएंगे. चुनाव आयोग की सख्त हिदायत है कि चुनाव निष्पक्ष और बिना डर भय के हो.