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उत्तरकाशी में अल्ट्रासाउंड सुविधा नहीं होने से 150 किमी लगानी पड़ रही दौड़, नौगांव की महिला का हुआ गर्भपात

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का कितना बुरा है, इसकी बानगी उत्तरकाशी जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुरोला और नौगांव में देखने को मिल जाएगी. यहां बीते एक हफ्ते से अल्ट्रासाउंड की सुविधा बंद पड़ी हुई है, जिसके बाद मरीजों को अब अल्ट्रासाउंड के लिए 150 किमी दूर विकासनगर या देहरादून जाना पड़ रहा है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 14, 2024, 2:12 PM IST

उत्तरकाशी: यमुना घाटी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुरोला और नौगांव में अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं मिल पा रही है, जिस कारण गर्भवती महिलाओं सहित सामान्य रोगियों को अल्ट्रासाउंड के लिए डेढ़ सौ किमी दूर देहरादून या विकास नगर की दौड़ लगानी पड़ रही है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगांव में स्वास्थ्य विभाग ने अग्रिम सूचना तक अल्ट्रासाउंड बंद रहने का पर्चा चस्पा किया है. सूचना मिलने पर मंगलवार को कुछ गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य केंद्र पहुंची, जिन्हें बगैर अल्ट्रासाउंड के ही लौटना पड़ा.

दरअसल, उप मुख्य चिकित्साधिकारी यमुनाघाटी डॉ. आरसी आर्य कुछ सालों से सीएचसी पुरोला और सीएचसी नौगांव में अल्ट्रासाउंड की सेवा दे रहे थे. वह दो दिन सीएचसी नौगांव और शेष चार दिन पुरोला में अल्ट्रासाउंड करते थे. हाल में उन्हें प्रमोशन देकर मुख्य चिकित्साधिकारी उत्तरकाशी बनाया गया है. एक सप्ताह पहले उनके उत्तरकाशी में पदभार ग्रहण करने के बाद से यमुनाघाटी में अल्ट्रासाउंड सेवा बंद है.

सीएचसी नौगांव में मंगलवार और शुक्रवार को दूरस्थ क्षेत्रों से गर्भवती महिलाएं अल्ट्रासाउंड के लिए पहुंचती हैं. दो दिन में ही यहां 150 के करीब अल्ट्रासाउंड हो रहे थे, जबकि पुरोला उप चिकित्सालय में यह आंकड़ा ज्यादा था, लेकिन अब अल्ट्रासाउंड की सुविधा बंद होने से लोग खासे चिंतित और परेशान हैं. अल्ट्रासाउंड के लिए ग्राम सरनौल से सीएचसी नौगांव पहुंची प्रियंका राणा ने बताया कि उन्हें अल्ट्रासाउंड बंद होने की सूचना नहीं थी, वो 60 किमी की दूरी तय करके यहां पहुंची हैं, लेकिन अस्पताल पहुंचने के बाद अल्ट्रासाउंड बंद होने की सूचना मिली. बगैर अल्ट्रासाउंड किये वापस जाना पड़ा.

वहीं, बियांली गांव से पहुंची ऋतु ने बताया कि वह नौ माह की गर्भवती हैं. आज दूसरी बार अल्ट्रासाउंड के लिए अस्पताल आई थी, लेकिन आज भी उसे बगैर अल्ट्रासाउंड किये वापस जाना पड़ा.

तीन चक्कर काटे, तब दून आकर कराया अल्ट्रासाउंड: नौगांव निवासी चार माह की गर्भवती वंदना ने अपने पति सुनील के साथ अल्ट्रासाउंड के लिए सीएचसी नौगांव के तीन चक्कर काटे, लेकिन अल्ट्रासाउंड नहीं हो पाया. बाद में देहरादून आकर अल्ट्रासाउंड कराया तो पता चला गर्भ में पल रहे शिशु की जान खतरे में है, जिसे बचाया नहीं जा सका और गर्भपात कराना पड़ा. वंदना के पति सुनील ने बताया कि उन्हें उत्तरकाशी में ही अल्ट्रासाउंड की सुविधा मिल जाती तो उसके बच्चे को बचाया जा सकता था.

क्या कहते हैं अधिकारी: सीएचसी नौगांव के चिकित्साधीक्षक डॉक्टर रफी ने बताया कि एक सप्ताह पहले ही अल्ट्रासाउंड बंद होने की सूचना आशा कार्यकत्रियों के माध्यम से गांव-गांव पहुंचाई गई है. सूचना बोर्ड पर भी अग्रिम सूचना तक अल्ट्रासाउंड बंद होने की सूचना चस्पा कर दी गई है. कुछ महिलाएं सूचना के अभाव में अल्ट्रासाउंड करवाने पहुंची हैं, जिन्हें समझा कर सूचना से अवगत करवा दिया गया है.
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उत्तरकाशी: यमुना घाटी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुरोला और नौगांव में अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं मिल पा रही है, जिस कारण गर्भवती महिलाओं सहित सामान्य रोगियों को अल्ट्रासाउंड के लिए डेढ़ सौ किमी दूर देहरादून या विकास नगर की दौड़ लगानी पड़ रही है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगांव में स्वास्थ्य विभाग ने अग्रिम सूचना तक अल्ट्रासाउंड बंद रहने का पर्चा चस्पा किया है. सूचना मिलने पर मंगलवार को कुछ गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य केंद्र पहुंची, जिन्हें बगैर अल्ट्रासाउंड के ही लौटना पड़ा.

दरअसल, उप मुख्य चिकित्साधिकारी यमुनाघाटी डॉ. आरसी आर्य कुछ सालों से सीएचसी पुरोला और सीएचसी नौगांव में अल्ट्रासाउंड की सेवा दे रहे थे. वह दो दिन सीएचसी नौगांव और शेष चार दिन पुरोला में अल्ट्रासाउंड करते थे. हाल में उन्हें प्रमोशन देकर मुख्य चिकित्साधिकारी उत्तरकाशी बनाया गया है. एक सप्ताह पहले उनके उत्तरकाशी में पदभार ग्रहण करने के बाद से यमुनाघाटी में अल्ट्रासाउंड सेवा बंद है.

सीएचसी नौगांव में मंगलवार और शुक्रवार को दूरस्थ क्षेत्रों से गर्भवती महिलाएं अल्ट्रासाउंड के लिए पहुंचती हैं. दो दिन में ही यहां 150 के करीब अल्ट्रासाउंड हो रहे थे, जबकि पुरोला उप चिकित्सालय में यह आंकड़ा ज्यादा था, लेकिन अब अल्ट्रासाउंड की सुविधा बंद होने से लोग खासे चिंतित और परेशान हैं. अल्ट्रासाउंड के लिए ग्राम सरनौल से सीएचसी नौगांव पहुंची प्रियंका राणा ने बताया कि उन्हें अल्ट्रासाउंड बंद होने की सूचना नहीं थी, वो 60 किमी की दूरी तय करके यहां पहुंची हैं, लेकिन अस्पताल पहुंचने के बाद अल्ट्रासाउंड बंद होने की सूचना मिली. बगैर अल्ट्रासाउंड किये वापस जाना पड़ा.

वहीं, बियांली गांव से पहुंची ऋतु ने बताया कि वह नौ माह की गर्भवती हैं. आज दूसरी बार अल्ट्रासाउंड के लिए अस्पताल आई थी, लेकिन आज भी उसे बगैर अल्ट्रासाउंड किये वापस जाना पड़ा.

तीन चक्कर काटे, तब दून आकर कराया अल्ट्रासाउंड: नौगांव निवासी चार माह की गर्भवती वंदना ने अपने पति सुनील के साथ अल्ट्रासाउंड के लिए सीएचसी नौगांव के तीन चक्कर काटे, लेकिन अल्ट्रासाउंड नहीं हो पाया. बाद में देहरादून आकर अल्ट्रासाउंड कराया तो पता चला गर्भ में पल रहे शिशु की जान खतरे में है, जिसे बचाया नहीं जा सका और गर्भपात कराना पड़ा. वंदना के पति सुनील ने बताया कि उन्हें उत्तरकाशी में ही अल्ट्रासाउंड की सुविधा मिल जाती तो उसके बच्चे को बचाया जा सकता था.

क्या कहते हैं अधिकारी: सीएचसी नौगांव के चिकित्साधीक्षक डॉक्टर रफी ने बताया कि एक सप्ताह पहले ही अल्ट्रासाउंड बंद होने की सूचना आशा कार्यकत्रियों के माध्यम से गांव-गांव पहुंचाई गई है. सूचना बोर्ड पर भी अग्रिम सूचना तक अल्ट्रासाउंड बंद होने की सूचना चस्पा कर दी गई है. कुछ महिलाएं सूचना के अभाव में अल्ट्रासाउंड करवाने पहुंची हैं, जिन्हें समझा कर सूचना से अवगत करवा दिया गया है.
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