विदिशा। जिले में प्री मानसून की बौछारें पड़ी तो लोग खिल उठे. बारिश भले ही हल्की हुई लेकिन इससे लोगों को भीषण तपन से राहत मिली. विदिशा जिले में 24 घंटे में औसत 11 मिमी बारिश दर्ज की गई है. इस दौरान विदिशा अनाज मंडी में परिवहन के लिए रखा व्यापारियों का कई बोरे अनाज भीग गया. यहां पड़ा करीब सात सौ बोरे से ज्यादा सरसों, धान तथा गेहूं भीग गया. व्यापारियों को अनाज के बोरे बचाने का मौका तक नहीं मिला.
सैकड़ों क्विंटल अनाज मंडी में खुले में पड़ा है
विदिशा में मिर्जापुर स्थित कृषि उपज मंडी में अनाज व्यापारी सरसों, धान आदि खरीदकर वहीं रख लेते हैं. बाद में यहां से लोडिंग ट्रकों में कर परिवहन किया जाता है. लेकिन समय पर लोडिंग न हो पाने के कारण अनाज खुले में ही पड़ा रहता है. मंडी में सरसों, धान और गेहूं सैकड़ों क्विटल अनाज मंडी में पड़ा था. काफी अनाज तो जूट के बोरों में था तो काफी अनाज खुले ढेर के रूप में रखा था. ऐसे में जब बारिश हुई तो वहां मौजूद श्रमिकों को भी समझ नहीं आया कि इसे बारिश से कैसे बचाएं.
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श्रमिकों को अनाज बचाने का मौका नहीं मिला
व्याापारी जब तक अनाज को बचाने का प्रयास करते, तब तक सरसों भीग चुका था. श्रमिकों ने बताया कि व्यापारियों का अनाज खुले में रखा है. शुक्रवार सुबह अचानक बारिश आई तो उसमें ढेर के रूप में पड़ी करीब 350 बोरे सरसों और 300 बोरे धान भीग गई. हालांकि जो अनाज बोरों में भरा था, उसे ग्रीन नेट से ढंकने का प्रयास किया, लेकिन ग्रीन नेट से अनाज का बचना मुश्किल था, इसलिए जूट के बोरों में भरा सैकड़ों क्विटल अनाज भी भीगा है. अब इसे सुखाना मुश्किल होगा.