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कुंभ मेला 2025: पर्यटन विभाग संवार रहा पौराणिक महत्व वाले मंदिर, श्रद्धालुओं के लिए किए जा रहे ये खास इंतजाम - Prayagraj Kumbh Mela 2025

पर्यटन विभाग ने कुम्भ मेला 2025 (Prayagraj Kumbh Mela 2025) की तैयारियां शुरू कर दी हैं. संगम नगरी के प्रसिद्ध मंदिरों का सौंदर्यीकरण कराया जा रहा है. मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के बैठने के साथ पेयजल की व्यवस्था की जा रही है.

प्रयागराज कुंभ 2025 की तैयारी.
प्रयागराज कुंभ 2025 की तैयारी. (Video Credit-Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 22, 2024, 4:47 PM IST

अपराजिता सिंह, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी प्रयागराज (Video Credit-Etv Bharat)

प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में जनवरी 2025 में कुम्भ मेला होना है. देश के सबसे बड़े धार्मिक मेले की शुरुआत से पहले शहर के सभी पौराणिक महत्व वाले मंदिरों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा. इसके लिए पर्यटन विभाग की तरफ से करोड़ों रुपये की लागत से प्रसिद्ध मंदिरों के सौंदर्यीकरण का कार्य शुरू करवा दिया गया. इसके तहत इन मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए कार्य शुरू कर दिए हैं.

प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने बताया कि कुम्भ मेला देश दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है. इसकी शुरुआत से पहले जिले के सभी पौराणिक महत्व वाले प्राचीन मंदिरों को संवारने का काम शुरू कर दिया गया है. शहर के 20 से अधिक मंदिरों को चुना गया है, जिनका सौंदर्यीकरण किया जाना है.

अभी तक जिले के अलग-अलग क्षेत्र के मंदिरों को पर्यटन के लिए विकसित करने की योजना बन चुकी है. करोड़ों रुपये की लागत से मंदिरों के गेट से लेकर उनके भवन के आसपास तक के क्षेत्र को विकसित किया जाएगा. मंदिर परिसर के साथ ही आसपास के इलाके को विकसित करके वहां पर लोगों के बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही मंदिर परिसर में जरूरत के मुताबिक छाया करने के लिए शेड की व्यवस्था की जाएगी.

इन मंदिरों का होगा विकास : क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह के मुताबिक प्रयागराज के भारद्वाज आश्रम और लेटे हनुमान मंदिर के साथ ही अक्षयवट कॉरिडोर का निर्माण करवाया जा रहा है. कई मंदिरों के बाहर फसाड लाइट्स लगाई जाएंगी. भारद्वाज आश्रम पर 13 करोड़, दशाश्वमेघ मंदिर पर 2 करोड़, नागबासुकी मंदिर पर 3 करोड़, अलोपशंकरी पर 6.5 करोड़, मनकामेश्वर मंदिर पर 7 करोड़, द्वादश माधव मंदिर पर 13 करोड़ खर्च किए जाएंगे. साथ ही दुर्वासा आश्रम, पड़ीला महादेव समेत अन्य मंदिरों को भी संवारा जाएगा. नवंबर महीने तक सभी मंदिरों को सजाने संवारने का काम पूरा कर लिया जाएगा.

यह भी पढ़ें : प्रयागराज टूरिज्म कान्क्लेव: कुंभ मेला 2025 में एडवेंचर जोन समेत होंगे ये खास इंतजाम - Prayagraj Tourism Conclave

यह भी पढ़ें : प्रयागराज जंक्शन पर जून से एयर कंडीशन केबिन, फ्री वाईफाई व चार्जिंग की सुविधा - Sleeping pod facility in Prayagraj

अपराजिता सिंह, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी प्रयागराज (Video Credit-Etv Bharat)

प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में जनवरी 2025 में कुम्भ मेला होना है. देश के सबसे बड़े धार्मिक मेले की शुरुआत से पहले शहर के सभी पौराणिक महत्व वाले मंदिरों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा. इसके लिए पर्यटन विभाग की तरफ से करोड़ों रुपये की लागत से प्रसिद्ध मंदिरों के सौंदर्यीकरण का कार्य शुरू करवा दिया गया. इसके तहत इन मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए कार्य शुरू कर दिए हैं.

प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने बताया कि कुम्भ मेला देश दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है. इसकी शुरुआत से पहले जिले के सभी पौराणिक महत्व वाले प्राचीन मंदिरों को संवारने का काम शुरू कर दिया गया है. शहर के 20 से अधिक मंदिरों को चुना गया है, जिनका सौंदर्यीकरण किया जाना है.

अभी तक जिले के अलग-अलग क्षेत्र के मंदिरों को पर्यटन के लिए विकसित करने की योजना बन चुकी है. करोड़ों रुपये की लागत से मंदिरों के गेट से लेकर उनके भवन के आसपास तक के क्षेत्र को विकसित किया जाएगा. मंदिर परिसर के साथ ही आसपास के इलाके को विकसित करके वहां पर लोगों के बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही मंदिर परिसर में जरूरत के मुताबिक छाया करने के लिए शेड की व्यवस्था की जाएगी.

इन मंदिरों का होगा विकास : क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह के मुताबिक प्रयागराज के भारद्वाज आश्रम और लेटे हनुमान मंदिर के साथ ही अक्षयवट कॉरिडोर का निर्माण करवाया जा रहा है. कई मंदिरों के बाहर फसाड लाइट्स लगाई जाएंगी. भारद्वाज आश्रम पर 13 करोड़, दशाश्वमेघ मंदिर पर 2 करोड़, नागबासुकी मंदिर पर 3 करोड़, अलोपशंकरी पर 6.5 करोड़, मनकामेश्वर मंदिर पर 7 करोड़, द्वादश माधव मंदिर पर 13 करोड़ खर्च किए जाएंगे. साथ ही दुर्वासा आश्रम, पड़ीला महादेव समेत अन्य मंदिरों को भी संवारा जाएगा. नवंबर महीने तक सभी मंदिरों को सजाने संवारने का काम पूरा कर लिया जाएगा.

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