प्रयागराज : संगम नगरी में लेटे हनुमान मंदिर में मां गंगा ने दूसरी बार पहुंचकर बजरंग बली को स्नान कराया. कई सालों के बाद हनुमान मंदिर के अंदर तक भी गंगा जल पहुंचा. पुजारियों ने विधि-विधान से मां गंगा का स्वागत किया. मंदिर में काफी देर तक जयकारे गूंजते रहे.
देश- प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में लगातार हो रही बरसात की वजह से गंगा-यमुना में उफान है. जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. निचले इलाकों के कई मोहल्ले में दोनों नदियों का पानी पहुंचने लगा है. संगम नगरी में अगस्त के पहले हफ्ते में भी गंगा-यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा था. 7 अगस्त को संगम किनारे स्थित हनुमान जी को मां गंगा ने स्नान कराया था. मंदिर कई दिनों तक जलमग्न रहा था.
इसके बाद गंगा-यमुना का पानी धीरे-धीरे घटने लगा. जलस्तर सामान्य होने लगा था. अब सितंबर में दोनों नदियों का जलस्तर तेजी से घटकर सामान्य दशा में पहुंचने वाला था. इस बीच 12 सितंबर से गंगा यमुना का जलस्तर फिर से बढ़ने लगा. 13 सितंबर की रात तक गंगा का पानी दूसरी बार फिर लेटे हनुमान मंदिर में प्रवेश कर गया. इस तरह मां गंगा ने दूसरी बार भी हनुमान जी को स्ना कराया. स्थानीय लोगों के अनुसार कई साल बाद यह देखने को मिला. मंदिर के अंदर भी पानी भरा हुआ है.
मंदिर के महंत बलवीर गिरी ने पुजारियों और 21 बटुक ब्राह्मणों के साथ मिलकर वैदिक मंत्रोच्चार करके मां गंगा का अभिषेक कर उनका स्वागत किया. जयकारे भी लगाए. इस दौरान मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर रही मां गंगा का दूध-दही, घी और शहद के साथ अभिषेक किया गया. फल, फूल, मेवा-मिष्ठान का भोग लगाकर उनकी आरती उतारी गई. विधान के साथ पूजा पाठ किया. इसके बाद मंदिर के कपाट को जलस्तर कम होने तक के लिए बंद कर दिया गया. अब मंदिर के बाहर ही परिसर से हनुमान जी आरती पूजा की जाएगी.
गंगा और यमुना का जलस्तर बीते दिनों में लगातार घट रहा था लेकिन इसी बीच शुक्रवार की दिन से गंगा और यमुना के जलस्तर में एक बार फिर से बढ़ने लगा. शुक्रवार को दिन में गंगा का पानी फाफामऊ में जहां 79.65 मीटर था और छतनाग में गंगा का जलस्तर 78.60 तक पहुंच गया था. शुक्रवार की रात में गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 79.97 मीटर था. इसी प्रकार से छतनाग में 80.07 मीटर था. नैनी में यमुना का जलस्तर 81.28 मीटर तक पहुंच गया था. दो दिन के अंदर तेज गति से जलस्तर बढ़ने से सबसे ज्यादा टेंशन निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की बढ़ गयी है.
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