बगहा: बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक वाल्मीकीनगर लोकसभा क्षेत्र में चुनावी लड़ाई दिलचस्प होती दिख रही है. पूर्णिया, काराकाट और सीवान के बाद अब वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है. वाल्मीकिनगर सीट से कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी प्रवेश मिश्रा बागी हो गए हैं और निर्दलीय चुनाव मैदान में जाने का ऐलान कर दिया है.
बगहा में प्रवेश मिश्रा निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव : अब वर्ष 2020 में हुए उपचुनाव में उपविजेता रहे प्रवेश मिश्रा ने भी ताल ठोक दिया है. अभी तक इस सीट से जदयू प्रत्याशी सुनील कुमार कुशवाहा और आरजेडी कैंडिडेट दीपक यादव में मुकाबला माना जा रहा था, लेकिन अब लगता है कि यहां लड़ाई त्रिकोणीय हो सकती है. क्योंकि कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी प्रवेश मिश्रा यहां बागी हो गए हैं.
"मैं जनता के बीच गया हूं. सबसे बड़ी बात यह है की कांग्रेस की परंपरागत सीट बदलकर राजद के खाते में दे दी गई. राजद ने ऐसे प्रत्याशी को उतारा है, जिसका राजद से दूर दूर तक कोई नाता नहीं रहा है. अगर किसी राजद कार्यकर्ता को टिकट दिया गया होता तो मुझे खुशी होती." -प्रवेश मिश्रा, निर्दलीय प्रत्याशी, वाल्मीकीनगर संसदीय सीट
कांग्रेस की सीट राजद को देने से प्रवेश मिश्रा नाराज: कांग्रेस की परंपरागत सीट होने के बावजूद राजद द्वारा गैर कार्यकर्ता को टिकट देने से नाराज होकर प्रवेश मिश्रा अब इंडिपेंडेंट चुनाव लडने की घोषणा की है. बता दें की वर्ष 2020 के लोकसभा उपचुनाव में बतौर कांग्रेस प्रत्याशी उनको 3 लाख 81 हजार मत मिला था और वे उप विजेता रहे थे. 1 मई को पर्चा दाखिल करने की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा की वे इसी मातृभूमि पर पैदा हुए हैं लिहाजा जनता पर पूरा भरोसा है.
जनता का मिलेगा आशीर्वाद: मैं जनता के बीच गया हूं. सबसे बड़ी बात यह है की कांग्रेस की परंपरागत सीट बदलकर राजद के खाते में दिया गया है. वहीं एनडीए की तरफ से जो प्रत्याशी है उसका सांसद रहते हुए जनता से कभी सरोकार नहीं रहा है. लोगों में जेडीयू प्रत्याशी के खिलाफ आक्रोश है. ऐसे में विकल्प के रूप में मुझे जनता देख रही है और मुझे आशीर्वाद जरूर मिलेगा.
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