नई दिल्ली: बीजेपी नेता प्रवीण शंकर कपूर ने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में मजिस्ट्रेट कोर्ट की ओर से जारी समन को निरस्त करने के सेशंस कोर्ट के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. हाईकोर्ट इस मामले पर 3 फरवरी को सुनवाई करेगा. याचिका में कहा गया है कि सेशंस कोर्ट के आदेश को रद्द करने की जरूरत है, क्योंकि इस आदेश में कई कानूनी खामियां हैं. सेशंस कोर्ट ने आपराधिक शिकायत से आगे बढ़कर उन मुद्दों पर विचार किया है, जिनका मामले मे महत्व बहुत कम है. दरअसल, राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने 28 जनवरी को आप विधायकों को तोड़ने का बीजेपी पर आरोप लगाने के लिए प्रवीण शंकर कपूर की ओर से दाखिल मानहानि मामले में आतिशी को जारी समन को रद्द कर दिया था.
राऊज एवेन्यू कोर्ट के एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट तान्या बामनियाल ने आतिशी को समन जारी कर पेश होने का आदेश दिया था. इसी आदेश को आतिशी ने सेशंस कोर्ट में चुनौती दी थी. मामले में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 23 जुलाई, 2024 को आतिशी को 20 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी.
प्रवीण शंकर कपूर ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आतिशी के खिलाफ आपराधिक मानहानि याचिका दायर किया. 28 मई, 2024 को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने प्रवीण शंकर कपूर की मानहानि याचिका पर संज्ञान लिया था. मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस मामले में अभी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ संज्ञान नहीं लिया है.
कोई साक्ष्य नहीं किया गया पेश: याचिका में प्रवीण शंकर कपूर की ओर से कहा गया है कि केजरीवाल और आतिशी ने बीजेपी नेताओं पर झूठा आरोप लगाया कि वे करोड़ों रुपये लेकर बीजेपी में शामिल हो जाएं, जबकि इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है. प्रवीण शंकर कपूर की ओर से 27 जनवरी, 2024 के अरविंद केजरीवाल के ट्विटर पर किए गए पोस्ट और आतिशी के 2 अप्रैल, 2024 के प्रेस कांफ्रेंस का जिक्र किया गया. उनकी ओर से कहा गया है कि आरोपियों ने अपने आरोपों के संबंध में कोई साक्ष्य भी पेश नहीं किया.
आबकारी घोटाले से ध्यान भटकाया गया: साथ ही याचिका में यह भी कहा गया है कि केजरीवाल के ट्वीट में आरोप लगाया गया है कि बीजेपी ने 7 आप विधायकों से संपर्क किया था. साथ ही 25 करोड़ रुपये का ऑफर किया था ,ताकि दिल्ली की सरकार गिराई जा सके. दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में जैसे ही आतिशी का नाम आया, तभी से उन्होंने बीजेपी के खिलाफ ये आरोप लगाना शुरू कर दिया, ताकि दिल्ली आबकारी घोटाले से लोगों का ध्यान हटाया जा सके.
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