प्रतापगढ़ : प्रतापगढ़ लोक सभा सीट पर 25 मई को मतदान होना है. यहां जीत के लिए विभिन्न राजनीतिक दल वोट के लिए तरह-तरह की पैंतरेबाजी कर रहे हैं. ऐसा ही नजारा सोमवार को केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के साथ जनसभा में भाजपा प्रत्याशी संगम लाल गुप्ता की तरफ से देखने को मिला. मंच से भाषण के बीच मौजूदा सांसद एवं भाजपा प्रत्याशी संगम लाल गुप्ता फफक-फफक कर रोने लगे.
बताया जा रहा है कि जनसत्ता पार्टी लोकतांत्रिक अध्यक्ष और कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के बदले हुए तेवर ने बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. राजा भैया के कौशांबी लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी विनोद सोनकर के खिलाफ एंटी-इनकम्बेंसी वाले बयान ने प्रतापगढ़ से बीजेपी प्रत्याशी की धड़कनें तेज कर दी हैं. राजा भैया के इस बयान के बाद उनके समर्थकों ने भाजपा के खिलाफ माहौल बनाना शुरू कर दिया है.
इसी बीच बीजेपी सांसद संगम लाल गुप्ता ने मंच से रोते हुए सवाल किया कि क्या राजाओं के गढ़ में केवल क्षत्रीय ही सांसद बन सकते हैं? क्या एक बनिया तेली सांसद नहीं बन सकता. उन्होंने कहा कि तेली होने के कारण मेरा विरोध हो रहा है. हालांकि उनके इस बयानबाजी के बाद क्षत्रीय समाज में रोष है. भाजपा प्रत्याशी के बयान पर सवाल भी उठ रहे हैं.
बताया जा रहा है कि भाजपा प्रत्याशी संगम लाल गुप्ता केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के साथ जनसभा को संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान बीजेपी प्रत्याशी ने जातिगत आधार पर जाति विशेष को लेकर टिप्पणी की और मंच पर रोने लगे. मंच से उन्होंने पटेल समुदाय का साथ देने और उनके साथ हर समय खड़ा रहने की बात कही. इसके बाद अपरोक्ष रूप से क्षत्रिय समाज को लेकर टिप्पणी की.
संगम लाल गुप्ता ने कहा कि लंबे समय तक इस सीट पर विपक्षी दलों का कब्जा रहा. उनसे अगर 18 गांवों के नाम पूछ लें, तो बता नहीं पाएंगे. मंच से सांसद का दर्द भी उभरा. उनके आंसू छलक आए. भाजपा प्रत्याशी ने रोते हुए अपनी जाति का जिक्र करते हुए कहा कि मैं तेली समाज से आता हूं, इसलिए मेरा विरोध हो रहा है. क्या कोई तेली सांसद नहीं बन सकता है? राजाओं के गढ़ में सिर्फ क्षत्रिय ही सांसद बन सकता है? 2019 से लेकर आज तक मैंने किसी का अपमान नहीं किया. मेरे बारे में लोग यह नहीं कह सकते कि मैंने किसी का दिल दुखाया हो.
मैं आपके समुदाय से आता हूं, तेली समाज से आता हूं, इसलिए मेरा यहां पर विरोध किया जा रहा है. गौरतलब है कि हाल ही में एक जनसभा में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बिना राजा भैया का नाम लिए कहा था कि लोकतंत्र में राजा-रानी के पेट से नहीं, बल्कि ईवीएम की बटन से पैदा होता है. स्वघोषित राजाओं को कुंडा उनकी जागीर लगती है. इस बार इस भ्रम को तोड़ने के लिए आपके पास बहुत बड़ा अवसर है. याद रखिए मतदाता ही सर्वशक्तिमान है.