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चंपाई सोरेन के आरोपों पर प्रदीप यादव का जवाब- हर बात का जिक्र होना जरूरी नहीं, कमिटमेंट मतलब कमिटमेंट - ALLEGATIONS ON JHARKHAND GOVERNMENT

चंपाई सोरेन ने हेमंत सरकार पर आरोप लगाया है कि चुनाव में उसने जो वादे किए थे, उसे वो भूल गई है.

Pradeep Yadav statement on Champai Soren allegations in ranchi
प्रदीप यादव और चंपाई सोरेन (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 3 hours ago

Updated : 3 hours ago

रांची: षष्ठम झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र के अंतिम दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा हुई. इस चर्चा में भाग लेते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक चंपाई सोरेन ने हेमंत सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जनता से चुनाव में वादे कर यह सरकार 'अबुआ राज' के नाम पर जनता का विश्वास जीत कर सत्ता में तो आ गयी, लेकिन राज्यपाल के अभिभाषण में कहीं भी सीएनटी-एसपीटी और अन्य आदिवासी मूलवासी के मुद्दे शामिल नहीं हैं.

गैरमजरूआ जमीन पर बने घरों को नियमित करना आदिवासी हित में नहींः चंपाई

पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक चंपाई सोरेन ने कहा कि एक तरफ सरकार सीएनटी-एसपीटी पर मौन है. दूसरी ओर राज्यपाल के अभिभाषण से साफ है कि सरकार गैरमजरूआ यानी सरकारी जमीनों पर बने आवासों को नियमित करने जा रही है. सरकार का यह कदम तो यहां के आदिवासी-मूलवासी विरोधी है.

चंपाई सोरेन और प्रदीप यादव के बयान (ईटीवी भारत)
बालू फ्री करने की बात करने वालों अब लोगों के धड़ पकड़ में लगी हैः भाजपा

वहीं चंपाई सोरेन ने वर्तमान हेमंत सरकार पर जनता से किए वादे को पूरा करने से पीछे हटने का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव से पहले बालू फ्री देने का वादा करने वाले लोगों को सत्ता में आने के बाद अब क्या हो रहा है. बालू को लेकर लोगों की धड़-पकड़ शुरू हो गयी है.

हर मुद्दों पर बोलना जरूरी नहींः प्रदीप यादव
वहीं आदिवासी-मूलवासी लोगों के वास्तविक मुद्दे पर राज्यपाल के अभिभाषण में जिक्र नहीं होने के चंपाई सोरेन के आरोप पर कांग्रेस विधायक दल के नेता और पूर्व मंत्री प्रदीप यादव ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी और अन्य आदिवासियों- मूलवासियों के मुद्दे हमारा कमिटमेंट है. हर बात का जिक्र अभिभाषण में हो जिक्र यह जरूरी है.

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गैरमजरूआ जमीन पर बने घरों को नियमित करना आदिवासी हित में नहींः चंपाई

पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक चंपाई सोरेन ने कहा कि एक तरफ सरकार सीएनटी-एसपीटी पर मौन है. दूसरी ओर राज्यपाल के अभिभाषण से साफ है कि सरकार गैरमजरूआ यानी सरकारी जमीनों पर बने आवासों को नियमित करने जा रही है. सरकार का यह कदम तो यहां के आदिवासी-मूलवासी विरोधी है.

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Last Updated : 3 hours ago
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