ग्वालियर। बीजेपी के वरिष्ठ नेता व पूर्व प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा का निधन हो गया है. लेकिन उनकी पहचान अपने राजनीतिक जीवन के संघर्ष से फर्श से अर्श तक पहुंचकर बनी. उनके सियासी करियर में ग्वालियर महल का भी बड़ा योगदान रहा है. एक लंबे अरसे तक ज्योतिरादित्य सिंधिया से प्रभात झा का विरोध किसी से छिपा नहीं रहा. भले ही पिछले 4 सालों में ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रभात झा के रिश्तों में मधुरता आयी हो लेकिन दोनों ने एक समय कट्टर विरोधी रह चुके हैं.
जब प्रभात झा ने कह दिया था सिंधिया को भूमाफिया
प्रभात झा BJP के प्रदेश अध्यक्ष थे. उस दौरान प्रभात झा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के ख़िलाफ़ राजनैतिक मोर्चा खोल दिया था. उन्हें भू माफ़िया तक क़रार दिया था. वरिष्ठ पत्रकार देव श्रीमाली कहते हैं प्रभात झा की राजनीति कभी महल विरोधी नहीं रही. क्योंकि महल में दोनों ही पार्टियां नज़र आती थीं. एक ओर जहां राजमाता विजयाराजे सिंधिया BJP से थीं तो वहीं पहले माधवराव और बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के नेता रहे. ऐसे में विचारधारा का विरोध होना स्वाभाविक था.
मध्य प्रदेश से पूर्व राज्यसभा सांसद और भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता आदरणीय श्री प्रभात झा जी के अकस्मात देहांत का अत्याधिक दुखद समाचार प्राप्त हुआ है। यह संगठन के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) July 26, 2024
ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके परिजनों को इस दुख से उबरने की शक्ति दें। ॐ…
सिंधिया की हार में प्रभात झा की थी अहम भूमिका
कहा जाता है कि प्रभात झा के सिंधिया परिवार से कभी निजी रिश्ते ख़राब नहीं रहे. जब तक राजमाता थीं तो प्रभात झा कई बार महल में जाते थे. इस दौरान प्रभात झा भारतीय जनता पार्टी के सदस्य नहीं थे, वह एक पत्रकार थे.महल में उनका आना जाना लगा रहता था. माधवराव सिंधिया के जाने के बाद प्रभात झा कि भारतीय जनता पार्टी में एंट्री हुई. उस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के नेता थे. ऐसे में 2 अलग पार्टी के लोगों का राजनैतिक टकराव हमेशा देखने को मिलता रहा. यहां तक कि 2019 के लोकसभा चुनाव में से सिंधिया की हार की रणनीति तैयार करने में भी प्रभात झा की अहम भूमिका रही.
इस वजह से हमेशा सिंधिया ने किया सम्मान
राजनैतिक परिदृश्य से हटकर देखें तो प्रभात झा और ज्योतिरादित्य सिंधिया के निजी संबंध कभी ख़राब नहीं थे. इनके रिश्ते हमेशा मधुर रहे. जबकि एक बड़ी वजह यह भी रही कि लाख विरोध के बाद भी ज्योतिरादित्य सिंधिया से उन्हें हमेशा मान सम्मान मिला. देव श्रीमाली कहते हैं क्योंकि सिंधिया राजघराना हमेशा अपने बड़ों का सम्मान करता आया है और महल से प्रभात झा भी लंबे समय से जुड़े रहे. राजमाता विजय राजे सिंधिया से मुलाक़ात करने महल में आना जाना रहा. जिसके चलते छोटे से ही सिंधिया प्रभात झा को सम्मान देते आये.
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सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद मेलजोल बढ़ा
जब ज्योतिरादित्य सिंधिया भारतीय जनता पार्टी में आए तो उसके बाद तो दोनों का ही 1 दूसरे के घर आना जाना भी लगा रहा सिंधिया 2-3 बार प्रभात झा के घर उनसे मिलने पहुँचे थे. और उनके निधन के बाद भी दिल्ली में ज्योतिरादित्य सिंधिया उनके परिवार के पास मिलने और श्रद्धांजली अर्पित करने पहुँचे हैं.